श्रीलंका के खिलाफ तीसरे वनडे में भारत ने अपनी प्लेइंग इलेवन में 6 बदलाव किए। इसमें से पांच ऐसे खिलाड़ियों को शामिल किया, जिन्होंने इस मैच के जरिए अपने अंतरराष्ट्रीय वनडे करियर की शुरुआत की यानी वनडे डेब्यू किया। इस वनडे से डेब्यू करने वाले पांच खिलाड़ियों में संजू सैमसन, नितीश राणा, चेतन सकारिया, राहुल चहर और कृष्णप्पा गौतम हैं। साल 1981 के बाद पहली बार एक वनडे मैच में भारत की ओर से 5 खिलाड़ियों ने अपना डेब्यू किया।

इस वनडे से संजू सैमसन ने भी इतिहास रचा। उन्हें टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू के बाद पहला वनडे इंटरनेशनल खेलने में 2196 दिन लगे। किसी भी भारतीय को टी20 इंटरनेशनल के बाद वनडे इंटरनेशनल करियर शुरुआत करने में इतना वक्त नहीं लगा है। हालांकि, ओवरऑल यह रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के नक्रमाह बोनेर के नाम है। नक्रमाह बोनेर को टी20 इंटरनेशनल डेब्यू करने के बाद पहला वनडे इंटरनेशनल मैच खेलने में 3407 दिन (करीब 9 साल से भी ज्यादा) लगे थे।

एक टीम के लिए यह दुर्लभ अवसर होता है, जब उसके पास एक अंतरराष्ट्रीय मैच में इतने सारे पदार्पणकर्ता होते हैं। भारतीय टीम के लिए, ऐसा आखिरी उदाहरण 1980 में था। तब मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय मैच में दिलीप दोशी, कीर्ति आजाद, रोजर बिन्नी, संदीप पाटिल और तिरुमलाई श्रीनिवासन ने डेब्यू किया था।

जहां तक महिला टीम की बात है तो इस साल जून में इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के दौरान दीप्ति शर्मा, पूजा वस्त्राकर, शैफाली वर्मा, तान्या भाटिया और स्नेह राणा ने भारत के लिए डेब्यू किया था।

दिलचस्प यह है कि अधिकांश भारतीय नियमित इस सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं हैं। एक टीम टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड के दौरे पर हैं। ऐसे में कुछ उम्रदराज और युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी योग्यता दिखाने का मौका दिया गया है। पिछले दो मैचों में इशान किशन और सूर्यकुमार यादव ने भी अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है।

इशान किशन ने अपने डेब्यू वनडे इंटरनेशनल में अर्धशतक लगाया। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपने टी20 इंटरनेशनल डेब्यू में भी अर्धशतक लगाया था। वहीं, सूर्यकुमार ने अपने पहले वनडे में 30 से ज्यादा रन की नाबाद पारी खेली, जबकि दूसरे वनडे में अर्धशतक लगाया।