सभी जानते हैं कि सरकारी कर्मचारी और छोटे अधिकारी अक्सर कई कारणों से जोखिम नहीं उठाते। एक तरफ उच्च अधिकारियों का दबाव दूसरी ओर कई तरह की जवाबदेही, उन्हें ऐसा करने से रोकती है। वहीं कई कर्मचारी तनाव वाली स्थिति में काम करते हैं। हजारों ऐसे कर्मचारी हैं जो लंबे समय तक बैठे रह कर काम करते हैं, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्तर पर असर पड़ता है। इन मुश्किलों को अब सरकार भी समझ रही है।

उसका मानना है कि अगर कर्मचारी रोमांचक खेलों में हिस्सा लें, तो उनमें जोखिम उठाने का साहस पैदा होगा। टीम भावना भी बनेगी। जोखिम उठाने की क्षमता और टीम भावना को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों से कहा है कि वे रॉक क्लाइंबिंग और पैराग्लाइडिंग जैसे रोमांचक खेलों में भाग लें।उसने यह भी कहा है कि कर्मचारियों की इन गतिविधियों पर आने वाला सभी खर्च वह उठाएगा। केंद्र सरकार में इस समय लगभग 50 लाख कर्मचारी हैं।

कर्मचारियों में रोमांचक खेलों को बढ़ावा देने का केंद्र का यह कदम दरअसल उनके बीच ‘तनाव की खतरनाक स्थिति और लंबे समय तक बैठे रहने के कुप्रभाव’ से निपटने पर भी केंद्रित है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया, ‘यह जोखिम उठाने, मिल कर टीम के रूप में काम करने, चुनौतीपूर्ण स्थितियों में तत्परता और उचित प्रतिक्रिया और स्थिरता की भावना का सृजन एवं पोषण करेगा।’

योजना के मुताबिक, छह संस्थानों द्वारा पांच से सात दिनों के लिए आयोजित किए जाने वाले इन कार्यक्रमों को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग प्रायोजित करेगा। इन संस्थानों में हिमाचल प्रदेश का अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट आॅफ माउंटेनियरिंग एंड अलाइड स्पोर्ट्स, जम्मू-कश्मीर का इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ स्कीइंग एंड माउंटेनियरिंग, गोवा का नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ वॉटर स्पोर्ट्स, उत्तरकाशी का नेहरू इंस्टीट्यूट आॅफ माउंटेनियरिंग शामिल हैं।

इस कार्यक्रम के तहत जो गतिविधियां शामिल होंगीं, वे हैं- ट्रैकिंग, माउंटेनियरिंग, रॉक क्लाइंबिंग, दुर्गम रास्तों पर साइकलिंग, स्कीइंग, सर्फिंग, नौकायन, राफ्टिंग, पैरासेलिंग, गोताखोरी, बलूनिंग, पैरा ग्लाइडिंग, जंगल सफारी, डेजर्ट सफारी, बीच ट्रैकिंग और पर्यावरण जागरूकता शिविर। सरकार की ओर से 20 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा उन्हें इन गतिविधियों में भाग लेने में मदद करने के लिए विशेष कैजुअल लीव भी दी जाएगी।

बीते शुक्रवार को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश में यह भी कहा गया किसी एक वित्तीय वर्ष में हर मंत्रालय या विभाग के उन दो अधिकारियों को कार्यक्रम शुल्क का 100 फीसद वित्तीय सहायता के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा जिन्हें सेवा में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया जा चुका होगा।
और कार्यक्रम के लिए नामित किया गया होगा।