भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने गुरुवार रात टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा को सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति (चीफ सेलेक्टर) का अध्यक्ष नियुक्त किया। चेतन शर्मा का कार्यकाल टीम इंडिया की इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज से शुरू होगा। हालांकि, उन्होंने चार्ज संभालने से पहले ही अपने मौजूदगी की आहट दे दी है। चेतन शर्मा ने कहा कि उनकी आवाज नहीं, उनके काम की गूंज सुनाई देगी।
सीएसी ने पांच सदस्यीय टीम में मुंबई के अबे कुरूविला और ओडिशा के देबाशीष मोंहती का भी चयन किया। बीसीसीआई की यहां 89वीं सालाना आम बैठक के मौके पर ही नए पैनल का गठन किया गया। इसमें चेतन शर्मा ने उत्तरी क्षेत्र से मनिंदर सिंह और विजय दहिया को पछाड़ दिया। चीफ सेलेक्टर बनने की खबर मिलने के बाद 54 साल के चेतन शर्मा ने कहा, ‘भारतीय क्रिकेट की एक बार फिर से सेवा करने का मौका मिलना निश्चित रूप से मेरे लिये सम्मान की बात है। मैं ज्यादा नहीं बोलता, क्योंकि मेरा काम ही बोलेगा। मैं यह मौका देने के लिए केवल बीसीसीआई का शुक्रिया करता हूं।’
मध्यम गति के पूर्व गेंदबाज कुरुविला को मुंबई क्रिकेट संघ के बड़े अधिकारियों का समर्थन प्राप्त था, उन्हें पश्चिम क्षेत्र से अजीत अगरकर पर तरजीह दी गई। ओडिशा के पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज मोहंती पिछले दो साल से जूनियर राष्ट्रीय चयनकर्ता के तौर पर काम कर रहे थे। वह केवल दो साल के लिए समिति में बने रहेंगे। चयन पैनल में पूर्व भारतीय खिलाड़ी सुनील जोशी (दक्षिण क्षेत्र) और हरविंदर सिंह (मध्य क्षेत्र) भी शामिल हैं।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘समिति ने वरिष्ठता (टेस्ट मैचों की कुल संख्या) के आधार पर सीनियर पुरुष चयन समिति के मुख्य चयनकर्ता के लिए चेतन शर्मा की सिफारिश की। सीएसी एक साल के बाद उम्मीदवारों की समीक्षा करेगी और बीसीसीआई को सिफारिश करेगी।’ बीसीसीआई के संविधान के अनुसार सबसे ज्यादा टेस्ट खेलने वाला उम्मीदवार मुख्य चयनकर्ता बनता है।
चेतन शर्मा ने अपने 11 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 23 टेस्ट और 65 वनडे में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसमें 1987 विश्व कप में हैट्रिक लेना चर्चित उपलब्धि है। चेतन शर्मा ने 16 साल की उम्र में हरियाणा के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना शुरू किया। उन्होंने 18 वर्ष की उम्र में टेस्ट पदार्पण किया। इससे एक साल पहले उन्होंने दिसंबर 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना वनडे आगाज किया था।
दिन में विचार विमर्श कुरुविला के स्थान सुनिश्चित करने के लिए हुआ। कुरुविला की क्रिकेट उपलब्धियां अगरकर के सामने कहीं नहीं थीं। अगरकर सभी में एकमात्र उम्मीदवार थे, जिनके पास 200 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने का अनुभव था। बीसीसीआई के एक सीनियर सूत्र ने बताया, ‘अजीत अगरकर को मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) का समर्थन कभी प्राप्त नहीं था।’
सूत्र के मुताबिक, ‘ऐसे आरोप थे कि मुंबई के मुख्य चयनकर्ता के तौर पर उन्होंने मैच नहीं देखे थे। अभय कुरुविला को मुंबई क्रिकेट जगत में प्रभावशाली लोगों का समर्थन प्राप्त था। अजीत अगरकर अपने क्रिकेट रिकॉर्ड के बावजूद कुरुविला को नहीं पछाड़ सकते थे।’ नई चयन समिति की पहली बैठक इंग्लैंड के खिलाफ पूर्ण घरेलू सीरीज के लिए टीम का चयन करने के लिए होगी। मदन लाल की अगुआई वाली सीएसी में आर पी सिंह और सुलक्षणा नायक हैं।