टीम इंडिया के मिडिल अॉर्डर का दारोमदार काफी हद तक महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह के कंधों पर है। पिछले 10 वर्षों से दोनों साथ खेलते आ रहे हैं और भारत को कई बार जीत दिलाई है। युवराज के पिता कई बार धोनी से अपनी नाराजगी साफ जता चुके हैं, लेकिन फिर भी दोनों खिलाड़ियों की दोस्ती में दरार नहीं पड़ी। यूं तो धोनी ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। लेकिन कैंसर की चपेट में आने से पहले और बाद में युवराज सिंह ने कई एेसे रिकॉर्ड्स बनाए हैं, जिनके आसपास भी धोनी दिखाई नहीं देते। आइए आपको बताते हैं युवराज सिंह के वो 5 रिकॉर्ड्स, जिन्हें महेंद्र सिंह धोनी शायद कभी न तोड़ पाएं।
एक ओवर में 6 छक्के: 2007 का टी20 विश्व कप शायद ही कोई भूल पाए, जिसमें युवराज सिंह के बल्ले से चौके-छक्कों की बारिश हुई थी। पाकिस्तान से पहला मुकाबला बॉलआउट से जीतने के बाद भारत का सामना इंग्लैंड से हुआ। एंड्रयू फ्लिंटअॉफ की युवराज सिंह से कहासुनी हो गई। युवराज का गुस्सा फूट पड़ा और उन्हें स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर की 6 गेंदों पर 6 छक्के जड़ डाले। लेकिन अगर धोनी से फ्लिंटअॉफ की झड़प होती तो ‘कूल कैप्टन रहे धोनी’ शायद एेसा नहीं करते।
बड़े मैचों का खिलाड़ी: धोनी ने कई बार मुश्किलों से टीम को निकाला है। लेकिन आईसीसी टूर्नामेंट्स में युवी का रंग अलग ही होता है। 2007 के टी20 वर्ल्ड कप और 2011 के क्रिकेट विश्व कप में धोनी का बल्ला ज्यादा नहीं चला था। लेकिन युवी 2007 और 2011 में मैन अॉफ द टूर्नामेंट चुने गए थे। धोनी के लिए अभी यह मुकाम हासिल करना बाकी है।
एशिया के बाहर शतक: स्पोर्ट्सकीड़ा के मुताबिक यह हैरानी की बात है कि धोनी जैसे खिलाड़ी ने उपमहाद्वीप के बाहर कभी शतक नहीं लगाया। कप्तानी का अतिरिक्त दबाव होने के कारण धोनी एशिया के बाहर बड़ा स्कोर नहीं बना पाए हैं। वहीं युवराज ने एशिया के बाहर किंगस्टन में वेस्टइंडीज, जिम्बॉब्वे के खिलाफ हरारे और अॉस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में शतक जड़े हैं। दो बार धोनी कैरेबियाई देश के खिलाफ शतक लगाने के करीब पहुंचे हैं, लेकिन बना नहीं पाए।
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ज्यादा ICC फाइनल खेलना: युवराज और धोनी की उम्र बराबर ही है। लेकिन युवराज ने धोनी से ज्यादा आईसीसी टूर्नामेंट्स के फाइनल मैच खेले हैं। धोनी से पहले करियर शुरू करने वाले युवराज 6 बार (2002 चैम्पियंस ट्रॉफी, 2003 विश्व कप, 2007 वर्ल्ड टी20, 2011 विश्व कप, 2014 वर्ल्ड टी20, 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी) आईसीसी के फाइनल में खेले हैं। जबकि धोनी ने 5 फाइनल खेले हैं। हालांकि अनुमान हैं कि धोनी को सिलेक्टर्स 2019 के विश्व कप में मौका दे सकते हैं और युवराज को ड्रॉप किया जा सकता है। थ्योरी यह भी कि शायद दोनों ही यह टूर्नामेंट न खेलें।
सबसे तेज टी20 हाफ सेंचुरी: जिस मैच में युवराज सिंह ने 6 छक्के लगाए थे, उसी में उन्होंने टी20 की सबसे तेज हाफ सेंचुरी भी लगाई थी। 12 गेंदों में 50 रन ठोकने वाले युवराज सिंह ने जब यह कारनामा किया था, उस वक्त एमएस धोनी ही उनके साथ क्रीज पर मौजूद थे। लेकिन अब शायद दोनों ही खिलाड़ी यह कारनामा न कर पाएं, क्योंकि वह क्रीज पर सेटल होने में काफी वक्त लेते हैं।

