दुनिया भर में क्रिकेट के करोड़ों दीवाने हैं। बहुत से क्रिकेट फैंस इस खेल की डायनामिक्स को समझने लगे हैं। हालांकि, इस खेल के ऐसे कई नियम हैं समझना आसान नहीं है। वे बहुत ही पेचीदा हैं। कुछ नियम तो ऐसे हैं, जिनको एकबारगी झूठ लगेगा, इसके बावजूद वे हैं और उनका इस्तेमाल भी होता है। इसमें वह नियम भी शामिल है, जो खिलाड़ी को आउट देने के बाद अंपायर को उसे दोबारा मैदान पर बुलाने का अधिकार देता है। चौंकिए नहीं यह बिल्कुल सही है। आज हम आपको ऐसे ही पांच पेचीदा नियमों के बारे में यहां बात करेंगे।

नेट रनरेट: यदि आप अपने स्कूल या कॉलेज के दिनों में गणित में अच्छे रहे होंगे, तब भी यह गारंटी नहीं है कि आप नेट रनरेट के नियम को आसानी से समझते होंगे। क्रिकेट फैंस के लिए नेट रनरेट (एनआरआर यानी NRR) की गणना हमेशा से परेशान करने वाली रही है। टूर्नामेंट या लीग के दौरान NRR बहुत अहम हो जाता है। विशेषकर तब जब दो टीमों ने समान संख्या में मैच जीते हैं और उनके अंक भी समान हों। ऐसे में बेहतर एनआरआर रखने वाली टीम प्रतियोगिता के अगले चरण के लिए क्वालिफाई करती है।

इसे निकालते समय टीम के रन रेट से प्रतिद्वंदी के अंतिम रन रेट को निकाल देना शामिल है। हालांकि, यदि एक टीम ऑलआउट हो जाती है तो तब उसके द्वारा खेली गईं गेंदों से उसके स्कोर को विभाजित नहीं किया जाता। इसके बजाय ओवर के संपूर्ण कोटा का इस्तेमाल होता है। जैसे वनडे इंटरनेशनल के लिए 50 और टी20 इंटरनेशनल के लिए 20 ओवर।

डकवर्थ लुईस मैथेड: दो अंग्रेज सांख्यिकी विशेषज्ञों फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुईस ने इसे इजाद किया था। इस प्रणाली के तहत गणना करते समय यह माना जाता है कि कोई भी टीम रन बनाने के दो स्रोत (ओवर और विकेट की उपलब्धता) के आधार पर ही पर रन बना सकती है। मैच के दौरान किसी भी समय इन्हीं दो आधार पर लक्ष्य तय किया जाता है।किसी भी मैच में बचे हुए ओवर या गेंदों और गिर चुके विकेट के आधार पर लक्ष्य तय किया जाता है।

बाउंड्री रोप: बाउंड्री रोप से संबंधित अधिकांश नियम सरल दिखते हैं, इसके बावजूद सीमा रेखा से जुड़े कई नियम विशिष्ट हैं। बाउंड्री पर खड़ा क्षेत्ररक्षक बहुत सतर्क और हर हाल में गेंद सीमा तक पहुंचने से रोकने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश में लगा रहता है। कई बार क्षेत्ररक्षक गेंद को रोकने की कोशिश करते हुए अनजाने में सीमा की रस्सी को छू लेते हैं। नतीजा बल्लेबाज को चौका मिल जाता है। क्षेत्ररक्षक कभी-कभी अनायास ही गेंद को रोकने की कोशिश में बाउंड्री रोप को खिसका देते हैं। तब भी बल्लेबाजी करने वाली टीम के खाते में 4 रन जुड़ जाते हैं। माना जाता है कि यदि फील्डर बाउंड्री रोप को नहीं खिसकाता तो चौका हो जाता।

कॉलिंग बैक: क्या आपने कभी सुना है कि अंपायर द्वारा आउट दिए जाने के बाद भी किसी बल्लेबाज को वापस बुलाया जा सकता है? आप सोचते होंगे कि नहीं। लेकिन आप गलत हैं। दरअसल, अंपायर भी हम सभी की तरह एक इंसान ही हैं। ऐसे में संभव है कि उनका लिया गया कोई निर्णय गलत हो। ऐसी स्थिति में जहां अंपायर ने एक बल्लेबाज को आउट दे दिया है, लेकिन क्षेत्ररक्षण टीम के कप्तान को लगता है कि उनका फैसला गलत है तो वह खिलाड़ी को वापस बुला सकता है।

हालांकि, क्रिकेट में ऐसे बहुत कम मौके आए हैं, जब किसी विपक्षी कप्तान ने विकेट मिलने के अवसर को नकार दिया हो। ऐसे कप्तान के रूप में महेंद्र सिंह धोनी का नाम शामिल है। 2011 में भारत के इंग्लैंड दौरे के दौरान, तत्कालीन भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने ‘रन आउट’दिए जाने के बाद इयान बेल को वापस बुला लिया था। धोनी के इस कदम की क्रिकेट जगत में खूब सराहना हुई थी।

कॉलिंग वाइड : वाइड गेंद का फैसला करना काफी सरल लगता है, लेकिन अंपायर के लिए इस जज करना काफी मुश्किल काम होता है। वह भी तब जब जहां बल्लेबाज स्टंप के बाहर एक या दो कदम रखता है। ऐसे में यदि गेंद मार्कड लाइन क्रास कर जाती है तो उस वाइड बॉल देना सही नहीं होगा। ‘स्विच हिट’ एक ऐसा शॉट है जो अंपायरों सहित सभी को भ्रमित करता रहा है। जब कोई बल्लेबाज अपने रुख में बदलाव करता है, तो एक वाइड बॉल को आंकना मुश्किल हो जाता है। केविन पीटरसन, डेविड वार्नर और जोस बटलर जैसे खिलाड़ी अक्सर इस तरह के शॉट खेलते हैं।