आज के दौर में क्रिकेट खेल से ज्यादा एंटरटेनमेंट है। टी20 और आईपीएल के आने के बाद तो इस खेल की शोहरत और बढ़ चुकी है। खेल में कंपनियां स्पॉन्सरशिप दे रही हैं। खिलाड़ियों पर जमकर पैसा बरस रहा है। मैदान के चारों तरफ जब तक चौके-छक्के न लगें, तब तक दर्शकों को मजा नहीं आता। बॉलर्स की गेंदों पर गगनचुंबी छक्के दर्शकों का उत्साह और बढ़ा देते हैं। लेकिन क्रिकेट के इतिहास में एेसे भी खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने अपने पूरे वनडे करियर में एक भी छक्का नहीं मारा।
जैफ्री बायकॉट: इंग्लैंड के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक बायकॉट को टेस्ट क्रिकेट में उनकी पारियों के लिए याद रखा जाता है। उन्होंने 36 वनडे मैच भी खेले हैं। लेकिन कभी छक्का नहीं मारा। उन्होंने एक शतक और 9 अर्धशतक की मदद से वनडे क्रिकेट में 1000 से ज्यादा रन बनाए हैं। लेकिन उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 53.56 का रहा।
थिलन समरवीरा: श्रीलंका के इस खिलाड़ी का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहा। उन्होंने 81 टेस्ट खेले और करीब 49 की औसत से 5000 से ज्यादा रन बनाए। लेकिन वनडे में वह खास कमाल नहीं दिखा सके। 12 साल में उन्होंने 53 मैच खेले और 42 पारियों में कुल 862 रन बनाए, जिसमें एक भी छक्का शामिल नहीं था। यह हैरानगी की बात है, क्योंकि आज तक पुछल्ले बल्लेबाज भी छक्का जड़ देते हैं।
डियोन इब्राहिम : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस खिलाड़ी ने जिम्बाब्वे की ओर से साल 2001 में डेब्यू किया था। उनका करियर खास टेक अॉफ नहीं ले सका। 29 टेस्ट के अलावा उन्होंने 82 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 1443 रन बनाए। उनका औसत मात्र 20 का था। उन्होंने एक बांग्लादेश के खिलाफ 121 रन बनाए थे। वनडे में उन्होंने 4 अर्धशतक जड़े हैं, लेकिन कभी आगे बढ़कर गेंद को सीमा पार नहीं पहुंचाया। यही हाल उनका टेस्ट क्रिकेट में भी रहा।
कैलम फर्ग्युसन: अॉस्ट्रेलिया के इस खिलाड़ी ने साल 2009 में डेब्यू किया था और 30 वनडे मैच खेले। उन्होंने 5 साल पहले अॉस्ट्रेलिया के लिए मैच खेला था। अब उनका दोबारा राष्ट्रीय टीम में लौटना मुश्किल है। अपने करियर में उन्होंने 40 से ज्यादा की एवरेज से 5 हाफ सेंचुरी की मदद से 663 रन बनाए हैं। उनकी 85 की स्ट्राइक रेट बताती है कि वह कहीं से भी धीमा खेलने वाले खिलाड़ी थे। लेकिन फिर भी वह कभी वनडे में छक्का नहीं लगा पाए।
मनोज प्रभाकर: इस अॉलराउंडर ने भारत की ओर से 1984-1996 तक क्रिकेट खेला था। हालांकि प्रभाकर भारतीय टीम के फास्ट बॉलर थे, लेकिन बल्ले से भी कई बार उन्होंने कामयाबी का स्वाद चखा है। टीम इंडिया के लिए प्रभाकर ने कई मौकों पर ओपनिंग की। दिल्ली के इस खिलाड़ी ने 39 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 33 से कम की औसत से 1600 रन बनाए। वहीं 130 वनडे मैचों में उन्होंने 1858 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 11 अर्धशतक हैं। वह 1987, 1992 और 1996 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा भी रहे हैं। इतने लंबे वनडे करियर के बावजूद उन्होंने कभी एक छक्का नहीं लगाया।
