रेलवे द्वारा सुरक्षा मानदंडो को बढ़ाने के प्रयासों के तहत ट्रेन चालक, ट्रैकमैन और गैंगमैन को केंद्र सरकार के सूचीबद्ध अस्पतालों में अब फिजियोथेरेपी, आॅक्यूपेशनल थेरेपी और स्पीच थेरेपी लेने का लाभ मिल सकेगा। यह उपचार वर्तमान में केंद्र के सूचीबद्ध अस्पतालों में रेलवे के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध नहीं है और यदि वे बाहर इलाज कराना चाहते हैं तो उसमें लगा धन भी उन्हें वापस नहीं मिलता है। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘बड़ी संख्या में ट्रेन के चालक, ट्रैकमैन और गैंगमैन को इस तरह की समस्याओं से पीड़ित पाये गये हैं। हमने फैसला किया है कि इन लोगों के लिए बेहतर उपचार सुनिश्चित करना आवश्यक है, क्योकि इन पर यात्रियों की सुरक्षा निर्भर है।’’ यह पहला मौका है जब रेलवे चिकित्सा लाभार्थियों के रेफरल के लिए सभी सीजीएचएस के सूचीबद्ध अस्पतालों को मान्यता दी है।

अधिकारी ने बताया, ‘‘अब, उन्हें न केवल किसी भी सीजीएचएस सूचीबद्ध अस्पताल में भेजा जा सकता है बल्कि बाहर इलाज कराने में खर्च किया गया धन भी वापस मिल सकता है। वास्तव में, नया आदेश उन्हें घर पर इलाज की भी अनुमति देता है।’’ रेलवे के 70 लाख लाभार्थियों को इस कदम से लाभ मिल सकेगा जिसमें विशेष तौर से रेलवे के चालक, ट्रैकमैन और गैंगमैन शामिल हैं।

वहीं, रेलवे के अधिकारी अपने प्रमोशन का इंतजार कर रहे  हैं। दरअसल शीर्ष नेतृत्व के एक फैसले के कारण काफी संख्या में रेलवे अधिकारियों के प्रमोशन अटक गए हैं। दरअसल रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा है कि सभी खाली पोस्ट, जो कि प्रमोशन के तहत भरी जानी हैं, उनके लिए पूरे भारत के रेल संगठनों में विज्ञापन दिया जाए, ताकि इच्छुक व्यक्ति निदेशक और अन्य शीर्ष पदों के लिए आवेदन कर सकें।