टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) न्यू एज डिजिटल स्किल वाले करीब एक हजार फ्रेशर को दोगुने वेतन पर नौकरी दे रही है। पिछले एक दशक से आईटी सेक्टर में अपना करियर बनाने वाले भारतीय इंजीनियर्स की शुरूआती सैलरी लगभग 3.5 लाख रुपये प्रति वर्ष होती है, लेकिन टीसीएस ने डिजिटल स्किल वाले उम्मीदवारों को करीब 6.5 लाख रुपये प्रतिवर्ष की सैलरी की पेशकश की है। इन उम्मीदवारों का चयन डिजिटल क्षेत्र पर आधारित एक टेस्ट के माध्यम से होगा। इस साल से जो उम्मीदवार कंपनी द्वारा आयोजित ऑनलाइन राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (एनक्यूटी) में बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उन्हें डिजिटल स्किल आधारित परीक्षा का मौका मिलेगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, टीसीएस भारत में इंजनीयरिंग छात्रों को नौकरी का अवसर प्रदान करने वाले बड़े संस्थानों में से एक है। अधिकांशत: यह संस्थान कॉलेज में जाकर इंटरव्यू के माध्यम से उम्मीदवारों का चयन करती रही है। लेकिन अब इस प्रक्रिया को एनक्यूटी के माध्यम से बदला जाएगा। अब संस्थान द्वारा आयोजित ऑनलाइन टेस्ट के माध्यम उम्मीदवारों का चयन होगा। टीसीएस के एक्यूटिव वाइस प्रसिडेंट और ग्लोबल ह्यूमन रिर्सोस के हेड आलोक मुखर्जी का कहना है, “उम्मीदवार जो एनक्यूटी टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उन्हें डिजिटल स्किल टेस्ट का मौका मिलेगा। यदि वे इसमें भी सफल हो जाते हैं, तब उन्हें इंटरव्यू का मौका मिलेगा। वे डिजिटल पूल में शामिल हो जाएंगे और उनका वेतन अलग होगा।” यह प्रोग्रामिंग आधारित टेस्ट एनक्यूटी टेस्ट की तुलना में थोड़ा कठिन होगा।

टीसीएस का यह कदम दिखाता है कि कंपनी बेहतर योग्यता वाले उम्मीदवार के चयन की ओर अग्रसर है। मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा एनालाइसिस पर पकड़ मजबूत रखने वाले उम्मीदवार सभी स्तर पर उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे उम्मीदवार कम हैं और उनकी मांग अधिक है। कंपनी उम्मीदवारों को इस स्तर तक ट्रेंड करने के लिए कभी-कभी ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन भी करती है।

टीसीएस ने एनक्यूटी की शुरूआत इस साल से ही की है ताकि तीन से चार हफ्तों में योग्य उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया पूरी हो जाए। साथ ही बड़े स्तर पर योग्य उम्मीदवारों को अपनी योग्यता साबित करने का मौका मिले। हालांकि, ‘डिजिटल पूल के तहत कितने उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा’, इस बात पर मुखर्जी ने किसी तरह की टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया जारी है। पिछले साल करीब एक हजार उम्मीदवारों का चयन किया गया था। यह संख्या इस साल भी इसी के आसपास हो सकती है।