SSC GD Constable Physical Test Date, Admit Card 2019 Details: SSC GD कांस्टेबल 2018-19 कंप्यूटर आधारित (CBE) के रिजल्ट जारी किए जा चुके हैं और अब चयन प्रक्रिया का अगला चरण है शारिरिक दक्षता परीक्षा। कम्प्यूटर आधारित परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर, उम्मीदवारों को अब SSC द्वारा PET / PST के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) और शारीरिक मानक परीक्षण (पीएसटी) CAPF द्वारा विभिन्न केंद्रों पर आयोजित किए जाएंगे।
RRB NTPC Exam Admit Card LIVE Updates: Check Here
SSC ने सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी), असम राइफल्स (एसएसबी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और सचिवालय सुरक्षा बल (एसएसएफ) और राइफलमैन (जनरल ड्यूटी) के 54953 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की थी। रिक्तियां गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा बनाई गई भर्ती योजना के अनुसार तय की गई हैं। शारिरिक परीक्षण के लिए एसएससी द्वारा जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी तथा PET / PST के लिए एडमिट कार्ड भी जारी किए जाएंगे। ताजा अपडेट्स के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
Highlights
आरक्षित वर्ग के पुरुष तथा महिला उम्मीदवारों को न्यूनतम ऊंचाई में छूट मिलेगी। उदाहरण के लिए ST कैटेगरी के पुरुष उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम आयु 162.5 सेमी तथा महिला उम्मीदवारों के लिए 150 सेमी निर्धारित है। आयु में छूट की पूरी जानकारी के लिए आधिकारिक विज्ञप्ति देखें।
शारिरिक मानक परीक्षा में सामान्य, एससी तथा ओबीसी के पुरुष उम्मीदवारों की ऊंचाई 170 सेमी तथा महिला उम्मीदवारों की ऊंचाई 157 सेमी होनी चाहिए।
उम्मीदवारों को दौड़ में भाग लेना होगा। लद्दाख रीजन के अतिरिक्त पुरुष उम्मीदवारों को 5 किमी की दौड़ 24 मिनट में पूरी करनी होगी और महिला उम्मीदवारों को 1.6 किमी की दौड़ साढ़े आठ मिनट में पूरी करनी होगी। लद्दाख रीजन के पुरुष उम्मीदवारों को 1 मील की दौड़ साढे़ 6 मिनट में और महिला उम्मीदवारों को 800 मीटर की दौड़ 4 मिनट में पूरी करनी होगी।
PET का अर्थ है Physical Efficiency Test यानि शारिरिक दक्षता परीक्षा। इसमें उम्मीदवारों की शारिरिक क्षमताओं की जांच के लिए दौड़ आदि कराई जारी है। PST का अर्थ है Physical Standard Test यानि शारिरिक मानक परीक्षा, इसमें उम्मीदवारों की उंचाई तथा वज़न आदि की जांच की जाती है।