Coronavirus Lockdown in India, Relief package: दुनियाभर के तमाम बड़े देश इस समय नॉवेल कोरोनावायरस (COVID-19) वैश्विक महामारी से लड़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में 43 विदेशी नागरिकों सहित 606 पॉजिटिव कोरोनावायरस मामले सामने आ चुके हैं। गुरुवार को इसके संक्रमण से एक ही दिन में चार मौत हो गई हैं। जिससे मरने वालों का आंकड़ा 16 पहुंच गया है। जानलेवा वायरस से बचने के लिए भारत ने एहतिहात के तौर पर कई बड़े कदम उठाए हैं और 24 मार्च से 21 दिन के लिए देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया है। संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए लॉकडाउन एक अच्छा विकल्प माना जा रहा है, जिसे दूसरे देश भी अपना रहा हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में रोजाना कमाकर खाने वाले दिहाड़ी मजदूर, किसान और बड़ी संख्या में अन्य लोग आर्थिक रूप से अलग-अलग तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इन्हीं लोगों की मदद करने के लिए गुरुवार (26 मार्च 2020) को 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। इस राशि से किसान, गरीब विधवाओं, पेंशनरों और दिव्यांग, संगठित क्षेत्र के मजदूरों और निर्माण श्रमिकों को बड़ा फायदा होगा।
वित्त मंत्री निरमाना सीतारमण ने गुरुवार को देश के गरीबों को कोविड -19 के प्रकोप से उत्पन्न वित्तीय कठिनाइयों से निपटने में मदद के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। सीतारमण ने कहा कि आर्थिक राहत पैकेज मुख्य रूप से प्रवासी मजदूरों और दिहाड़ी मजदूरों पर केंद्रित होगा। सीतारमण ने कहा, ‘एक पैकेज गरीबों के लिए तैयार है, जिन्हें प्रवासी कामगारों और शहरी और ग्रामीण गरीबों की तरह तत्काल मदद की जरूरत है। कोई भी भूखा नहीं रहेगा। पैकेज की कीमत 1.7 लाख करोड़ रुपये है।’ पैकेज में खाद्य सुरक्षा और प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण लाभ शामिल हैं जो लॉकडाउन के दौरान गरीब परिवारों को काफी राहत देगा।
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5 करोड़ मजदूरों को होगा फायदा: मनरेगा के तहत मजदूरी करने वाले करीब 5 करोड़ ग्रामीण लोगों को इस सहायता राशि से फायदा होगा। इनकी दिहाड़ी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है। प्रति मजदूर को करीब दो हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी।
लगभग 80 लाख कर्मचारियों के EPF अकाउंट में आएगा इतना पैसा: सरकार तीन महीने तक 24 प्रतिशत ईपीएफ कंट्रीब्यूशन का भुगतान करेगी। कुछ पैसा पीएफ में डाला जाएगा और कुछ कर्मचारियों के हाथ में दिए जाएंगे। इससे Organized sector employees और employer यानी संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों और काम देने वाले दोनों को सैलरी का 12-12 प्रतिशत पैसा मिलेगा। हालांकि, ये पैसा सिर्फ उन्हीं को मिलेगा जिनकी महीने की तनख्वाह 15,000 होगी और कंपनी में 100 से कम लोग हैं।
निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों की मदद: राष्ट्र निर्माण में भवन और अन्य निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों की बड़ी भूमिका है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों के लिए फंड है। इसमें 31 हजार करोड़ रुपये का फंड है। साढ़े तीन करोड़ रजिस्टर्ड मजदूरों की मदद के लिए राज्य सरकारों को कहा गया है।
इन्हें मिलेगा 50 लाख रुपये का मुआवजा: सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सफाई कर्मचारी, वार्ड-बॉय, नर्स, पैरामेडिक्स, तकनीशियन, डॉक्टर और विशेषज्ञ और अन्य कर्मचारियों का स्वास्थ्य विशेष बीमा योजना द्वारा कवर किया जाएगा। कोई भी स्वास्थ्य पेशेवर जो COVID -19 रोगियों का इलाज करते समय किसी दुर्घटना से मिलता है, ऐसी स्थिति में मुआवजे के तौर पर इस बीमा योजना के तहत 50 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।’
सहायता राशि का नकद हस्तांतरण इन 8 विशिष्ट योजानाएं के तहत किया जा सकता है-
किसान योजना
मनरेगा योजना
गरीब विधवाओं, पेंशनरों और दिव्यांग
जन धन योजना
उज्जवला योजना
कंस्ट्रक्शन वर्कर
एसएचजी ग्रुप
संगठित क्षेत्र के मजदूर