भारत का ऐसा गांव जिसे वेश्याओं के गांव से जाना जाता है। गुजरात में बनासकांठा ज़िले का वाडिया गांव को इसी नाम से जाना जाता है। यौनकर्मियों के गांव के तौर पर बदनाम इस गांव के अस्तित्व से ही दो तरह की औरतें रहती हैं। एक वे जिन्हें उनके ही परिवार के मर्दों ने फंसा लिया और दूसरी वे जो अब उम्रदराज़ हो चुकी हैं और कई बीमारियों की वजह से अपने ही घरों में कैद हैं।

इस गांव में औरतों की हालत बेहद देयनीय है। इस गांव की औरतों को सेक्स वर्कर होने की वजह से कई बीमारियां मिली हैं और तभी से वें इस गांव में रह रही हैं। लेकिन गुजरात का कोठा के नाम से जाने जाने वाले इस गांव ने पिछले 60 सालों में विकास के नाम पर कुछ नहीं देखा है, हालांकि वहां भी बदलाव की थोड़ी बहुत लहर अब पहुंच रही है। यहां चीजें बदल रही हैं। साल 2012 में वाडिया की कुछ औरतों के लिए सामूहिक शादी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

इस गांव में ऐसा पहली बार हुआ था कि वाडिया की किसी लड़की की शादी हो हुई थी। लेकिन आज भी यहां लड़कियां ऐसी क़िस्मत के साथ पैदा होती कि वें पैदा होते ही वेश्यावृत्ति के जाल में फंस जाती हैं, उन्हें देह की मंडी में बिकने के लिए खड़ा कर दिया जाता है। आज भी इस गांव में चलने वाली बदलाव की लहर इतनी मजबूत नहीं हो पाई है कि वो यहां की सभी औरतों को आज़ादी दिलाने के लिए काफी हो।

इस गांव में तकरीबन 50 दलाल होंगे जो लड़कियों के पैदा होते ही भेंड़ियों की तरह लार टपकाने लगते हैं। देश के दूसरे हिस्सों के विपरीत यहां लड़कियों के जन्म पर जश्न मनाया जाता है और बेटे के पैदा होने पर मातम।