कुछ साल पहले एक फिल्म आई थी ‘विकी डोनर’। इस फिल्म में अभिनेता आयुष्मान खुराना अपना स्पर्म बेच कर लाखों रुपये कमाते दिखते हैं। इस फिल्म ने नपुंसकता, स्पर्म यानी की शुक्राणु, अंडाणु जैसे टैबू समझे जाने वाले मुद्दों पर लोगों के बीच एक नयी समझ विकसित की। साथ ही एक भी संदेश गया कि अगर सही मंशा के साथ आपके स्पर्म डोनेशन की वजह से किसी के आंगन में किलकारी गूंजती है तो ये काम उतना बुरा भी नहीं है जितना कुछ दिनों पहले तक हमारे समाज में इसे समझा जाता है। देश की राजधानी दिल्ली में शुक्राणु की तर्ज पर कुछ लड़कियां अपना अंडाणु बेच रही हैं और इसके जरिये वो हजारों-लाखों कमा रही हैं। अंग्रेजी वेबसाइट स्कूपव्हूप की एक रिपोर्ट के मुताबिक कई युवतियां इस पेशे को अपना रही हैं। और इस काम के लिए इन लड़कियों के अपने तर्क हैं। कुछ लड़कियों का कहना है कि किसी परिवार की मदद कर रही हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है, जब कि कुछ लड़कियां पैसे की जरूरत को लेकर इस काम को कर रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में कई क्लिनिक इस काम को कर रहे हैं। कोई क्लिनिक किसी डोनर का अंडाणु लेगा या नहीं, ये इस बात पर निर्भर करता है कि डोनर को स्वस्थ और सेहतमंद होना चाहिए। निश्चित रुप से उसे किभी भी तरह की बीमारी से पीड़ित नहीं होना चाहिए। इसके लिए रिसीवर डोनर की फैमिली की मेडिकल हिस्ट्री भी पता करते हैं। डोनर महिला को तंदुरुस्त तो होना ही चाहिए इसके अलावा उसके परिवार में किभी भी बीमारी का इतिहास नहीं होना चाहिए। एक बार ये जांच हो जाने पर डोनर को मिलने वाली रकम पर चर्चा की जाती है। यहां पर ये बताना जरूरी है कि डोनर युवती जितनी गोरी और सुंदर होगी उसे उतने ही अच्छी कीमत मिलने की संभावना है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो डोनर को 70 हजार से 2 लाख रुपये तक रकम मिल जाती है।
इसके बाद डोनर को हार्मोन के कुछ इंजेक्शन दिये जाते हैं। ताकि उसका शरीर अच्छे और पर्याप्त मात्रा में अंडाणु बना सके। अंडाणु डोनेट करने के लिए किसी किस्म की सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है। और डोनर एक से दो दिन में सामान्य जिंदगी शुरू कर सकता है। बता दें कि आधुनिक जीवन शैली, टेंशन, और कई तरह की दबाव की वजह से नपुंसकता और गर्भधारण में दिक्कत आज कल सामान्य सी बीमारी हो गई है। ऐसे में शुक्राणु और अंडाणु दान मेडिकल साइंस में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।
