Khalistani Separatist Hardeep Singh Nijjar: भारत और कनाडा के रिश्तों के बिगड़ने के पीछे जो सबसे बड़ा नाम है वह है खालिस्तान के समर्थक हरदीप सिंह निज्जर का। हरदीप सिंह निज्जर की जून, 2023 में कनाडा के सरे शहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हरदीप सिंह उस वक्त गुरुद्वारे से बाहर निकल रहा था। कनाडा का कहना है कि निज्जर की हत्या में भारत के कुछ ‘एजेंट’ शामिल थे जबकि भारत सरकार ने इस तरह के आरोपों को पूरी तरह नकार दिया था।
भारत और कनाडा के द्वारा एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित करने और वापस बुलाने के फैसले के बाद हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि हरदीप सिंह निज्जर कौन है? क्या वह इतनी बड़ी शख्सियत है जिसके लिए कनाडा भारत के साथ भी अपने रिश्ते खराब कर रहा है?
पंजाब छोड़कर कनाडा चला गया था निज्जर
हरदीप सिंह निज्जर कनाडा के सरे शहर में रहता था। वह 1997 में पंजाब छोड़कर कनाडा चला गया था। शुरुआत में वहां उसने प्लंबर के तौर पर काम किया। उसके दो बेटे हैं। निज्जर 2020 से सरे में गुरुद्वारे की एक संस्था का अध्यक्ष भी था। निज्जर पंजाब के जालंधर जिले की फिल्लौर सब डिवीजन के भार सिंह पुरा गांव का रहने वाला था।
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खालिस्तान टाइगर फोर्स से था निज्जर का संबंध
जब निज्जर की हत्या हुई थी, उस वक्त भारत सरकार ने कहा था कि निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) से जुड़ा था। भारत ने कहा था कि निज्जर केटीएफ को चलाने में सक्रिय रूप से शामिल था और वह इसके सदस्यों को ट्रेनिंग देता था और पैसा भी मुहैया कराता था। फरवरी, 2023 में भारत के गृह मंत्रालय ने केटीएफ और अन्य संगठनों को UAPA कानून के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया था।
केटीएफ पर क्या हैं आरोप?
गृह मंत्रालय ने केटीएफ के बारे में कहा था कि यह एक उग्रवादी संगठन है और इसका मकसद पंजाब में आतंकवाद को जिंदा करना है। केटीएफ भारत की क्षेत्रीय अखंडता, एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देता है। गृह मंत्रालय ने कहा था कि केटीएफ का मकसद आतंकवाद को बढ़ावा देने के साथ ही पंजाब में टारगेट किलिंग करना भी है।
हरदीप सिंह निज्जर 2013-14 में पाकिस्तान गया था और वहां पर जगतार सिंह तारा से मिला था। जगतार सिंह तारा 1995 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में नाम आने के बाद भारत में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। जगतार सिंह तारा 2004 में जेल से भाग गया था लेकिन 2015 में उसे थाईलैंड से गिरफ्तार करके भारत ले आया गया था।
निज्जर को बताया था सच्चा खालिस्तानी
हरदीप सिंह निज्जर के बारे में यह भी कहा जाता है कि उसके दल खालसा के नेता गजेंदर सिंह के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। गजेंदर सिंह 1981 में एयर इंडिया की एक फ्लाइट को हाईजैक करने वालों में शामिल था। गजेंदर सिंह मौजूदा वक्त में पाकिस्तान में रह रहा है। हरदीप सिंह की हत्या के बाद गजेंदर सिंह ने कहा था कि हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तान बनाने के लिए समर्पित था, वह उसके बेटे की तरह था और दिल से एक सच्चा खालिस्तानी था।
निज्जर के खिलाफ क्या आरोप थे?
हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। 2021 में जालंधर में एक हिंदू पुजारी पर हुए हमले के बाद एनआईए ने इस ईनाम का ऐलान किया था। एनआईए ने कहा था कि हरदीप सिंह निज्जर देशद्रोह और देश विरोधी कामों को बढ़ावा देने में शामिल है और भारत में अलग-अलग समुदायों के बीच नफरत फैलाने का काम कर रहा है।
2018 में जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत आए थे तो पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्रूडो को वांटेड आतंकवादियों की एक सूची सौंपी थी। इस सूची में हरदीप सिंह निज्जर का भी नाम था।
भारत में जब किसान मोदी सरकार के द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे तब भी एनआईए ने एक एफआईआर दर्ज की थी और इसमें हरदीप सिंह निज्जर का नाम था। निज्जर के साथ ही खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू और परमजीत सिंह पम्मा पर भी आरोप लगाया गया था कि ये लोग डर और अराजकता का माहौल बनाने के साथ ही लोगों को भारत सरकार के खिलाफ उकसाने की साजिश रचने में शामिल हैं। हरदीप सिंह निज्जर सिख फॉर जस्टिस से भी जुड़ा हुआ है।
सिख फॉर जस्टिस को भारत सरकार ने प्रतिबंधित किया हुआ है क्योंकि इस पर भारत में रहने वाले सिखों को पृथक राष्ट्र यानी खालिस्तान के गठन के लिए भड़काने का आरोप है।