उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी गरीबी का हवाला देकर सरकारी योजनाओं के नाम गिनाए और यह जताया कि आज गरीबों की समस्या का समाधान सरकारी योजनाओं से हो सकता है। मौर्य इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज कार्यक्रम में सवालों के जवाब दे रहे थे।
परिवार की गरीबी का सुनाया किस्सा
केशव प्रसाद मौर्य ने बातों ही बातों में अपने पुराने दिनों को याद किया। उन्होंने कहा, “मेरे पिता एक छोटे किसान थे और हम कच्चे घर में रहते थे। रिश्तेदारों और मेहमानों के बैठने के लिए एक छोटा सा कमरा बनाने के लिए एक-एक पैसा बचाने में जुटे थे। यह सिर्फ मेरे परिवार की ही नहीं बल्कि हर गरीब परिवार की कहानी थी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चार करोड़ से ज्यादा घर दिए गए हैं और यूपी में ही हमने इस योजना के तहत 60 लाख घर मुहैया कराए हैं। हम आवास योजना के तहत शौचालय, गैस कनेक्शन और बिजली आपूर्ति के माध्यम से कुछ मूलभूत सहायता भी प्रदान करते हैं। हर घर नल योजना लागू करने में यूपी नंबर वन है।
वह आगे बताते हैं, “जब मैं छोटा था, मेरे पिता बीमार पड़ गए और हमारे पास उनके इलाज के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए हमने अपनी एक एकड़ जमीन पड़ोस के परिवार के पास 5,000 रुपये में गिरवी रख दी ताकि इलाज के लिए पैसा मिल सके। उनके ठीक होने के बाद, हमने पैसा चुकाकर अपनी जमीन वापस ले ली। आज गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य कवर के साथ आयुष्मान भारत कार्ड दिया जाता है।”
प्रधानमंत्री आवास योजना
केंद्र की मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की शुरुआत साल 2015 में की थी। इस योजना का उद्देश्य भारत की गरीब जनता को कम कीमत पर घर उपलब्ध कराना है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 74.51 लाख घर बनाए जा चुके हैं।
आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है। यह गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष का स्वास्थ्य बीमा कवच देता है। योजना के तहत आने वाले लाभार्थी को देश भर में किसी भी सार्वजनिक/निजी सूचीबद्ध अस्पतालों से कैशलेस लाभ लेने की अनुमति होती है। इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर, 2018 को रांची, झारखंड में की थी।
भाजपा ने राज्य में कितने विश्वविद्यालय बनाए हैं?
कार्यक्रम का संचालन कर रहे इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार श्यामलाल यादव ने केशव प्रसाद मौर्य को बताया कि यूपी में आधे से ज्यादा स्टेट यूनिवर्सिटी का निर्माण पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मायावती और हेमवती नंदन बहुगुणा ने कराया है। प्रदेश के 75 जिलों में से 17 मायावती ने बनाए थे। बीजेपी कभी भी इस तरह के काम के लिए नहीं जानी जाती।
इस पर मौर्य ने कहा, “हम प्रदेश के सभी 18 मंडलों में विश्वविद्यालय बना रहे हैं। सभी के लिए धनराशि स्वीकृत हो चुकी है। कई जगहों पर काम शुरू हो गया है और हम इसे जल्द पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। अखिलेश यादव को हर काम पर अपना ठप्पा लगाने की आदत है। वह आए दिन कहते रहते हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इस काम की घोषणा की थी। अगर आपने सरकार में रहते हुए कुछ बनाया है तो उसे अपना कहें। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें केवल 47 सीटें मिलीं क्योंकि आप लोगों की जांच से बच नहीं सकते थे। पहले भी अच्छे काम हुए हैं और हमारे समय में भी हो रहा है।”