टाटा समूह के अध्यक्ष रहे जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (J. R. D. Tata) ने ही 1930 के दशक में एयरलाइन कंपनी टाटा एयरलाइन्स (बाद में एयर इंडिया) की स्थापना की थी। वह खुद भी अक्सर एयर इंडिया से यात्रा किया करते थे।

साल 1965 में एयर इंडिया के साथ बतौर एयर होस्टेस जुड़ी मेहेर हिरॉयस मूस ने जेआरडी टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए लिखे गए नोट्स में बताया था कि वह पूरे एयरक्राफ्ट में टहलकर फ्लाइट व्यवस्था को ध्यान से देखते थे। वे पर्दों से लेकर आंतरिक साज सज्जा तक का ध्यान रखते थे कि कहीं पर्दों को रंग तो नहीं उड़ गया है या विमान के किसी निचले कोने में धूल तो नहीं रह गई है। उन्हें सबसे ज्यादा चिंता यात्रियों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की रहती थी।

सीट से गायब थे जेआरडी टाटा

लेखक हरीश भट ने टाटा समूह से जुड़ी विभिन्न कहानियों को एक किताब में पिरोया है। पेंगुइन से प्रकाशित भट की किताब का नाम ‘टाटा स्टोरीज़’ है। किताब में एयर इंडिया के संस्थापक जेआरडी टाटा और भारत के सरकार के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी रहे एलके झा से जुड़ा एक किस्सा है।

एक बार जेआरडी टाटा और एलके झा साथ में यात्रा कर रहे थे। एलके झा को ख्याल आया कि जेआरडी टाटा अपनी सीट पर करीब एक घंटे से नहीं हैं। उन्हें चिंता हुई। जब जेआरडी टाटा लौटे तो एलके झा ने पूछा कि वह कहा गए थे।

जेआरडी ने बताया कि वह यह देखने गए थे कि विमान के टॉयलेट्स साफ हैं या नहीं। सभी व्यवस्थाएं सही हैं या नहीं। हालांकि फिर भी एलके झा का सवाल ज्यों का त्यों था क्योंकि टॉयलेट्स की साफ-सफाई और विमान की अन्य व्यवस्थाओं को देखने में इतनी समय नहीं लगता।

कहां लगा था समय?

एलके झा के बहुत पूछने पर आखिरकार जेआरडी टाटा ने बता दिया कि वह टॉयलेट रोल्स ठीक कर रहे थे। झा यह सच्चाई जानकर हैरान रह गए कि विमान सेवा अध्यक्ष हर टॉयलेट में यह सुनिश्चित करने गए थे कि टॉयलेट रोल्स उसी तरह लगाए गए व रखे गए हैं कि नहीं, जैसा लगाए या रखे जाने चाहिए। उन्होंने गलत ढंग से रखे गए टॉयलेट्स रोल्स को खुद ही सही ढंग से रखा।

तीन मिनट की देरी के लिए मांगी माफी

एयर इंडिया ने साल 1989 में जितेंद्र भार्गव को बतौर जन संपर्क प्रमुख नियुक्त किया था। एयर इंडिया के 60 साल पूरे होने पर 15 अक्टूबर, 1992 को ओबेराय होटल में एक पार्टी रखी गई थी। पार्टी रात 9:30 बजे शुरू होने थी। सभी जेआरडी टाटा का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही जेआरडी टाटा होटल की एंट्री गेट पर पहुंचे भार्गव उन्हें पूल की तरफ ले जाने लगे। उधर ही इवेंट का मुख्य मंच था। चलते-चलते जेआरडी ने भार्गव से कहा, “सॉरी यंग मैन, मुझे देरी हो गई” भार्गव ने कहा- नहीं सर

जेआरडी टाटा ने तुरंत अपने कोर्ट की बाजू ऊपर कर हाथ में बांधी घड़ी भार्गव को दिखाई। उन्होंने दिखाया कि 9 बजकर 33 मिनट हो चुके हैं यानी तीन मिनट की देरी हो चुकी है। देरी भले ही कम समय की रही हो, लेकिन जेआरडी ने पूरी तरह से समय पर न आने के लिए माफी मांगने की जरूरत महसूस की।