इजरायली सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जमीर ने सोमवार 8 दिसंबर को गाजा में खींची गई तथाकथित ‘येलो लाइन’ को एक “नई सीमा” करार दिया। यह वही लाइन है जो गाजा के इजरायल के कब्जे वाले हिस्से को बाकी इलाके से अलग करती है। उत्तरी गाजा में तैनात इजरायली रिजर्व सैनिकों से बातचीत करते हुए जमीर ने कहा कि यह लाइन “हमारे समुदायों की सुरक्षा के लिए एक फॉरवर्ड डिफेंसिव लाइन” की तरह काम करेगी।
एक सैन्य प्रवक्ता की ओर से जारी उनके बयान के अंग्रेजी ट्रांसक्रिप्ट के मुताबिक, जमीर ने साफ कहा कि इजरायल गाजा पट्टी के बड़े हिस्सों पर पहले से ऑपरेशनल कंट्रोल में है और वह इन रक्षा पंक्तियों पर बना रहेगा।
फिलहाल इजरायल गाजा के आधे से ज्यादा हिस्से पर नियंत्रण बनाए हुए है। हालांकि, जिस सीजफायर प्लान पर काम चल रहा है, उसके पहले चरण का लगभग पूरा होना बताया जा रहा है। इस योजना के तहत इजरायल को सीमा के पास एक छोटे से बफर जोन को छोड़कर गाजा के बाकी इलाकों से पीछे हटना है।
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लेकिन येलो लाइन के अनुसार अगर हालात ऐसे ही रहते हैं, तो इजरायल गाजा के आधे से अधिक हिस्से पर नियंत्रण बनाए रखेगा। इसमें गाजा की ज्यादातर कृषि भूमि और मिस्र से लगने वाला सीमा मार्ग भी शामिल है। इस स्थिति से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20-पॉइंट सीजफायर प्लान का दूसरा चरण और भी मुश्किल में पड़ सकता है। इस दूसरे चरण में अंतरराष्ट्रीय निगरानी में गाजा को गैर-सैन्य क्षेत्र बनाकर उसका पुनर्निर्माण, इजरायल और अरब देशों के बीच सामान्य रिश्ते और फिलिस्तीनी आजादी के लिए संभावित रास्ते की परिकल्पना की गई है।
सीजफायर प्लान क्या कहता है
सितंबर में डोनाल्ड ट्रंप ने यह 20-पॉइंट शांति योजना पेश की थी। उनका दावा था कि इससे इजरायल और हमास के बीच चल रहा युद्ध खत्म हो सकता है। योजना के मुताबिक, हमास को सीजफायर लागू होने के 72 घंटे के भीतर सभी बंधकों को, चाहे वे जीवित हों या मृत, लौटाना होगा। साथ ही भविष्य में फिलिस्तीन में किसी भी तरह की गवर्निंग भूमिका से हमास को बाहर रखा जाएगा।
इस सीजफायर प्लान में यह भी कहा गया है कि इजरायल की वापसी “गैर-सैन्यीकरण से जुड़े नियमों, तय किए गए पड़ावों और समय-सीमा” पर आधारित होगी। इन शर्तों पर इजरायल, अमेरिका, अंतरराष्ट्रीय बल और अन्य गारंटर देशों के बीच बातचीत होनी है।
हालांकि, आगे की सैन्य वापसी के लिए अभी तक कोई साफ और तय समय-सीमा नहीं दी गई है। ऐसे में जमीर का यह बयान इस बात का संकेत माना जा रहा है कि इजरायल आगे चलकर गाजा से पूरी तरह पीछे हटने से इनकार कर सकता है।
इजरायली सरकार ने अब तक यह साफ नहीं किया है कि जमीर का बयान आधिकारिक नीति को दर्शाता है या नहीं। लेकिन एक इजरायली अधिकारी ने कहा है कि सेना फिलहाल “सीजफायर की तय रूपरेखा के तहत ही गाजा में तैनात” है। साथ ही इजरायल ने हमास पर सीजफायर तोड़ने का आरोप भी लगाया है। यह जानकारी द गार्जियन की रिपोर्ट में सामने आई है।
