प्राइवेट मिलिट्री कंपनी ‘वागनर ग्रुप’ ने रूस की सेना के खिलाफ बगावत कर दी है। वागनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोज़िन ने रूस के सैन्य नेतृत्व को उखाड़ कर फेंकने की धमकी दी है। कथित तौर पर यूक्रेन युद्ध में रूस की सेना के साथ मिलकर लड़ने वाले वागनर ग्रुप के इस विद्रोह से रूस में गृह युद्ध की आशंका जताई जाने लगी है।
वागनर ग्रुप कथित तौर पर रूस के लिए सीरिया में लड़ चुका है और लंबे समय से यूक्रेन में भी लड़ रहा है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में वागनर ग्रुप और रूस की सत्ता के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं। विद्रोह के बाद रक्षा मंत्रालय ने वागनर लड़ाकों को अपने निर्धारित ठिकानों पर लौटने को कहा है। जब स्थिति में पर्याप्त सुधार नहीं दिखा तो रूस के राष्ट्रपति ने देश को संबोधित करते हुए प्रिगोज़िन के बगावत को देशद्रोह और गद्दारी कहा है।
राष्ट्रपति के संबोधन के तुरंत बाद नेशनल गार्ड ने सेंट पीटर्सबर्ग स्थित वागनर ग्रुप के ऑफिस पर छापा मारा गया है। वागनर चीफ से जुड़ी संपत्तियों पर लगातार छापेमारी जारी है। पुतिन और रूसी सेना ने हालात पर नज़र बनाए रखा है।
वागनर ग्रुप क्या है?
‘वागनर ग्रुप’ खुद को एक प्राइवेट मिलिट्री कंपनी बताता है। वागनर समूह पहली बार 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे के दौरान सामने आया था। यह एक नेटवर्क जो किराए पर सैनिकों की आपूर्ति करता है, यह ग्रुप कहीं भी पंजीकृत नहीं है और इसके वित्तपोषण का स्रोत अज्ञात है।
यूरोपीय संघ और अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार, संगठन को रूसी कुलीन वर्ग और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पूर्व करीबी सहयोगी येवगेनी प्रिगोज़िन का समर्थन प्राप्त है। इस समूह पर न केवल यूक्रेन में बल्कि अफ्रीका में भी हजारों लोगों की हत्या, सामूहिक बलात्कार, यातना, किडनैपिंग और विस्थापन को अंजाम देने में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। हाल ही में इस पर मार्च 2022 में यूक्रेन के बुचा में नरसंहार, बलात्कार और नागरिकों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया गया था।
इस ग्रुप में हजारों भाड़े के सैनिक काम करते हैं। समय-समय पर लड़ाकों की भर्ती भी होती रहती है। ग्रुप में शामिल होने वाले ज्यादातर लड़ाकों की गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि होती है।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने जनवरी में बताया था कि वागनर ग्रुप के हजारों लड़ाके रूस की तरफ से यूक्रेन में लड़ रहे हैं। बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के हवाले से बताया है कि वागनर ग्रुप ने यूक्रेन में लड़ रहे अपने करीब 80 प्रतिशत लड़ाकों को जेल से निकालकर भर्ती किया था।
कितने पैसे लेते हैं भाड़े के सैनिक?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वागनर ग्रुप अपने लड़ाकों को सैलरी के तौर पर 1500 डॉलर (करीब 1.22 लाख रुपये) देता है। युद्ध के मैदान में उतरने पर यह रकम 2000 डॉलर (1.6 लाख रुपये) हो जाती है।
वागनर समूह और रूसी सेना के बीच मतभेद क्यों हो गए हैं?
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, प्रिगोज़िन ने शनिवार को रूसी सेना पर आरोप लगाया कि वह वागनर ग्रुप के शिविरों पर हमला कर ही है, जिससे बड़ी संख्य में उसके लड़ाके मारे गए हैं।
वागनर प्रमुख ने टेलीग्राम (सोशल नेटवर्किंग ऐप) पर जारी एक ऑडियो रिकॉर्डिंग में कहा, “देश के सैन्य नेतृत्व द्वारा पैदा की गई बुराई को रोका जाना चाहिए” और बताया कि उनके “25,000” लोग रोस्तोव-ऑन की ओर “न्याय के लिए मार्च” पर हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि रूसी सेना के अधिकारियों ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में जाने के पीछे के कारणों के बारे में पुतिन से झूठ बोला। प्रिगोज़िन ने कहा, “रूसी नागरिकों को हमारी सीमा में वापस लाने के लिए युद्ध की आवश्यकता नहीं थी।”
वागनर समूह और रूसी सेना के बीच सबसे अधिक टकराव हाल ही में मई की शुरुआत में बाकमुथ की लड़ाई (Battle of Bakmuth) के दौरान हुआ था, जब प्रिगोज़िन ने शिकायत की थी कि रूसी अधिकारियों ने यूक्रेन के शहर पर कब्जा करने के लिए उसके लड़ाकों को पर्याप्त गोला-बारूद उपलब्ध नहीं कराया और उन्हें वहां से बाहर निकालने की धमकी दी।