लेबनान के साथ ही सीरिया में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद यह जानकारी सामने आई है कि जिन पेजर में विस्फोट हुआ था उसमें PETN नाम का विस्फोटक रखा गया था। यह जानना बेहद जरूरी है कि PETN क्या है और यह कितना खतरनाक है।
PETN यानी पेंटाएरिथ्रिटॉल टेट्रानाइट्रेट दुनिया के सबसे शक्तिशाली और खतरनाक विस्फोटकों में से एक है। इसका रिलेटिव इफेक्टिवेनेस फैक्टर 1.66 है और इस वजह से यह बहुत ज्यादा शक्तिशाली है। इसमें आसानी से विस्फोट नहीं होता लेकिन जब जानबूझकर इसमें विस्फोट किया जाता है तो यह बड़ी तबाही करता है।
इस वजह से इसे मिलिट्री ऑपरेशंस से लेकर आतंकी वारदातों तक में इस्तेमाल किया जाता है।
PETN का आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता। इसे सीलबंद डिब्बे में रखा जा सकता है। इसे किसी बिजली के उपकरण के बीच भी रखा जा सकता है और सुरक्षा जांच में आसानी से छिपाकर ले जाया जा सकता है। बताना होगा कि लेबनान और सीरिया में हुए बम धमाकों में अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 3000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।
कई मिशन में इस्तेमाल करने का आरोप
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद पर आरोप है कि वह PETN का इस्तेमाल कई मिशन में कर चुकी है। एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोसाद ने हिजबुल्लाह के लड़ाकों के लिए भेजी जा रही पेजर की एक शिपमेंट को रोक लिया था। इसके बाद मोसाद ने इन पेजर में विस्फोटक भर दिया जिससे यह कम्युनिकेशन डिवाइस एक बम में बदल गई और जब यह फटी तो बड़ी तबाही मची। कई लोग मारे गए और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।
लेबनान और सीरिया में हुए इन धमाकों के बाद एक बात यह भी समझ में आती है कि इस मामले में तकनीक और विस्फोटक का इस्तेमाल करके जिस तरह बड़ी तबाही मचाई गई है, उससे पता चलता है कि मोसाद PETN का इस्तेमाल करके किसी भी बड़े हमले को अंजाम दे सकता है।
आशंका इस बात की भी है कि आने वाले दिनों में इसराइल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष में यह विस्फोटक और तबाही मचा सकता है क्योंकि अगर इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हुआ तो निश्चित रूप से हिंसा बढ़ेगी।
शांति और स्थिरता के लिए चुनौती
PETN सिर्फ एक विस्फोटक नहीं है बल्कि इस दौर में हो रही लड़ाइयों में एक बड़ा हथियार है। यह विस्फोटक आतंकवादियों के द्वारा की जाने वाली बमबारी से लेकर सैन्य अभियानों तक में इसका इस्तेमाल हो रहा है। निश्चित रूप से इस विस्फोटक से होने वाले नुकसान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और यह कहा जा सकता है कि दुनिया भर में शांति और स्थिरता के लिए एक बड़ी चुनौती है।
लड़ाई तेज होने की आशंका
इसके अलावा लेबनान और सीरिया में एक के बाद एक हुए धमाकों के बाद इस बात की आशंका बढ़ गई है कि आने वाले दिनों में इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच लड़ाई और तेज हो सकती है। हिजबुल्लाह का कहना है कि पेजर, वॉकी-टॉकी और रेडियो सेट में हुए विस्फोट इजरायल के इशारे पर ही किए गए हैं।
यूपी विधानसभा में भी मिला था PETN
2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा में एक विस्फोटक मिला था और उस वक्त PETN का नाम चर्चा में आया था। तब योगी सरकार की ओर से यह बयान आया था कि इस विस्फोटक की 500 ग्राम मात्रा ही विधानसभा को उड़ाने के लिए काफी है।
PETN का इससे पहले भी कई बार इस्तेमाल हो चुका है। 1996 में सऊदी अरब के खोबार टावर्स पर हुए बम विस्फोट में 19 अमेरिकियों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। घातक होने की वजह से PETN का इस्तेमाल केवल आतंकी घटनाओं तक सीमित नहीं है।