तमिलनाडु के मदुरै जिले में थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के आसपास बुधवार को अराजकता फैल गई। यह हंगामा कार्तिगाई दीपम त्योहार के समय हुआ। विवाद तब शुरू हुआ जब सरकार के अधिकारी पहाड़ी पर बने पत्थर के दीप स्तंभ पर पवित्र दीप नहीं जला सके। इसके बाद हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई। हालांकि, मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने पहले ही आदेश दिया था कि दीप केवल पहाड़ी पर मौजूद मंदिर के अंदर ही जलाया जाए।
सदियों से तिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी को धार्मिक एकता और आपसी सद्भाव का प्रतीक माना जाता है। इस पहाड़ी पर पुराना सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर और सिकंदर बदुशा दरगाह स्थित हैं। यह दरगाह 17वीं शताब्दी में बनी थी, यानी दोनों मंदिरों के बहुत बाद में इसका निर्माण हुआ।
इस हफ्ते की शुरुआत में, इस हफ्ते की शुरुआत में एक कार्यकर्ता ने याचिका दायर की। इसके बाद जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने राज्य के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि पहाड़ी की चोटी पर पवित्र दीप जलाया जाए। हालांकि, सरकारी अधिकारियों ने इसे पास के दीपा मंडपम में दीप जलाने की सालों से चली आ रही परंपरा से हटकर माना। अधिकारियों ने बुधवार को दीपा मंडपम में दीप जलाए और अदालत के निर्देश के बजाय पारंपरिक परंपरा का पालन किया।
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हिंदू संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन
हिंदू संगठनों से जुड़े बड़े समूहों ने पुलिस का विरोध किया और आरोप लगाया कि हाई कोर्ट के निर्देश की जानबूझकर अनदेखी की गई। अदालत ने याचिकाकर्ता को दस अन्य लोगों और सुरक्षाकर्मियों के साथ पहाड़ी पर चढ़ने और दीप जलाने की अनुमति दी थी। लेकिन जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई और तनाव बढ़ता गया, पुलिस ने स्थिति को असुरक्षित माना। कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए सीआईएसएफ को तैनात किया गया था। हालांकि, तनाव बढ़ने की आशंका के चलते, पुलिस ने याचिकाकर्ता और सीआईएसएफ कर्मियों, दोनों को पहाड़ी की चोटी पर पहुंचने से रोक दिया।
अधिकारियों ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने हाई कोर्ट के पिछले आदेश को चुनौती देते हुए एक अपील दायर की है और तत्काल चढ़ाई से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए और पहाड़ी की चोटी पर स्थित मंदिर की ओर कूच करने का प्रयास किया। इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आए हैं।
बीजेपी ने डीएमके सरकार पर साधा निशाना
मदुरै कार्तिगाई दीपम विवाद पर बीजेपी ने डीएमके सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “यह DMK की संविधान-विरोधी और सनातन-विरोधी मानसिकता का प्रमाण है। हिंदुओं को प्राचीन स्तंभ पर पवित्र कार्तिगाई दीपम जलाने की अनुमति देने वाले स्पष्ट न्यायालय के आदेश के बावजूद, DMK सरकार और DMK पुलिस हिंदुओं के साथ गुंडों जैसा व्यवहार कर रही है। यह सब वोट बैंक की राजनीति के लिए किया गया। उनकी पार्टी लगातार हिंदुओं पर हमला करती है और सनातन मान्यताओं को खत्म करने की कोशिश करती है। यह DMK का असली चेहरा है।”
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