अंकिता देशकर

मणिपुर में पिछले दो महीने से हिंसा का दौर जारी है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक परेशान करने वाला वीडियो धड़ल्ले से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि मणिपुर में एक कुकी लड़की पर बेरहमी से हमला कर उसकी हत्या कर दी गई। वीडियो में दिख रहा है कि जहां लोग महिला की पिटाई कर रहे हैं, वहां से तमाम वाहन गुजर रहे हैं लेकिन कोई हस्तक्षेप नहीं करता है।

हमनें अपनी पड़ताल में वायरल दावे को झूठा पाया। यह वीडियो मणिपुर का नहीं बल्कि म्यांमार का है।

क्या हो रहा है वायरल?

एक ट्विटर यूजर हैरी ने वायरल वीडियो को अपने हैंडल पर साझा करते हुए अंग्रेजी में लिखा: Shocking Video of Brutal Attack and Killing of Kukki Christian Girl in  Manipur. This is too gruesome,  the sad reality of what Manipur and India is becoming under a regime of hate. Pray for Manipur, Pray for India.

हिंदी में इसका मतलब है- ‘मणिपुर में क्रूर हमले में कुकी ईसाई लड़की की हत्या का चौंकाने वाला वीडियो। यह बहुत ही वीभत्स है और दिखा रहा है कि घृणा के इस दौर में मणिपुर और भारत क्या से क्या बना गया है। मणिपुर के लिए प्रार्थना करें, भारत के लिए प्रार्थना करें।

(चूंकि वीडियो काफी हिंसात्मक है, इसलिये हम पोस्ट का सीधा लिंक साझा नहीं कर रहे हैं)

पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखें।

इस वायरल वीडियो को तमाम दूसरे यूजर भी शेयर कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

हमने इनविड टूल में वीडियो अपलोड कर अपनी पड़ताल शुरू की। हमें इससे कई स्क्रीन ग्रैब मिले।इसके बाद हमने अलग-अलग कीफ्रेम पर अलग-अलग गूगल रिवर्स इमेज सर्च चलाया। यह हमें news-eleven.com पर एक खबर तक ले गया।

यहां उसी वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया था। खबर में उल्लेख किया गया है कि जिस युवती की गोली मारकर हत्या की गई, वह 24 वर्षीय गैर-सीडीएम शिक्षिका दाऊ ऐ मा तुन थी, जो तमू में रहती थी। बर्मीज़ में लेख 3 दिसंबर, 2022 को प्रकाशित हुआ था।

हमें gorecenter.com की वेबसाइट पर दिसंबर 2022 में शेयर किया गया वायरल वीडियो भी मिला।

हमें rfa.org पर एक और खबर मिली। जिसमें उल्लेख किया गया है, ‘एनयूजी के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता सागैंग डिवीजन यू क्यॉ ज़ॉ ने आरएफए को बताया कि, सरकार तमू शहर में एक स्थानीय सुरक्षा बल द्वारा सड़क पर एक महिला की बर्बर हत्या के मामले को कतई स्वीकार नहीं करेगी।’

हमें mgronline.com पर 4 दिसंबर, 2022 को अपलोड किया गया एक अन्य लेख भी मिला। बर्मीज़ में लिखे गए इस लेख में कहा गया है: विद्रोही सशस्त्र समूहों के एक समूह ने सड़क पर एक महिला शिक्षक को प्रताड़ित किया। फायरिंग करने से पहले जबरन बर्मी सेना के लिए जासूस होने की बात कबूल की।

निष्कर्ष: बीच सड़क महिला पर हमला करने और गोली मारने का वायरल और विचलित करने वाला वीडियो भारत के मणिपुर का नहीं, बल्कि म्यांमार का है और काफी पुराना है। तब विद्रोहियों ने एक महिला शिक्षक को टॉर्चर किया था और उसे जबरन बर्मी सेना का जासूस होने की बात कबूल करने के लिए कहा था।

(सोर्स- लाइटहाउस जर्नलिज्म)