SP-Congress alliance by-election 2024: उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में बड़ी लड़ाई होने जा रही है। लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद सपा-कांग्रेस गठबंधन के हौसले बुलंद हैं लेकिन सीटों का बंटवारा इन दोनों दलों के बीच कलह की वजह बन गया है। तीन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर दोनों ही पार्टियां पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। यह तीन सीटें- पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मीरापुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश की फूलपुर और मझवां हैं।

जबकि दूसरी ओर चुनाव में अपने खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट कर हार का बदला लेना चाहती है।

2024 में हुआ बीजेपी को बड़ा नुकसान

राजनीतिक दल 2024 में मिली सीटें2019 में मिली सीटें
बीजेपी 3362
सपा 375
कांग्रेस61
बीएसपी 010
रालोद2
अपना दल (एस)12
आजाद समाज पार्टी(कांशीराम)1

कांग्रेस के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कांग्रेस ने सभी 10 सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है लेकिन वह उन सीटों पर ज्यादा ताकत नहीं लगा रही है जिन पर 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा को जीत मिली थी। सूत्रों का कहना है कि सपा गाजियाबाद और खैर की सीट कांग्रेस को देने के लिए तैयार है लेकिन वह मीरापुर, फूलपुर और मझवां सीट पर अपना दावा नहीं छोड़ना चाहती।

कांग्रेस और सपा का इन तीनों सीटों को लेकर अपना-अपना दावा है।

इन 10 सीटों पर होना है उपचुनाव

विधानसभा सीट का नामसंबंधित लोकसभा
कटेहरी अंबेडकर नगर
मझवांमिर्जापुर
मिल्कीपुर फैजाबाद
मीरापुर मुजफ्फरनगर
सीसामऊ कानपुर नगर
करहल मैनपुरी
फूलपुर प्रयागराज
खैर अलीगढ़
कुंदरकी मुरादाबाद
गाजियाबाद गाजियाबाद

मीरापुर में निर्णायक हैं अल्पसंख्यक-दलित वोट

कांग्रेस के एक नेता ने आरोप लगाया कि सपा अल्पसंख्यक बहुल सीटों को कांग्रेस को नहीं देना चाहती। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मीरापुर सीट पर अल्पसंख्यकों के साथ ही दलित मतदाता भी अच्छी संख्या में हैं। उन्होंने कहा कि यहां उपचुनाव जीतने से 2027 के विधानसभा चुनाव में फायदा मिलेगा।

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मुजफ्फरनगर में सपा के एक जिला स्तरीय पदाधिकारी ने कांग्रेस के दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उपचुनाव की तारीख घोषित होते ही सपा उम्मीदवारों का ऐलान करने के लिए तैयार है। सपा नेता ने कहा कि चंदन चौहान ने सपा के साथ गठबंधन में रहते हुए मीरापुर की सीट जीती थी और इस वजह से उन्हें अल्पसंख्यक और जाट वोटों का समर्थन मिला था और सपा के समर्थन से ही वह चुनाव जीत पाए थे।

2022 में उपचुनाव वाली सीटों के नतीजे

राजनीतिक दलमिली सीटें
बीजेपी 3
सपा 5
निषाद पार्टी 1
आरएलडी 1

सपा और कांग्रेस की कोशिश ऐसी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की है, जहां अल्पसंख्यक और दलित मतदाता उनके पक्ष में वोट दे सकते हैं।

पिछले दो चुनाव में फूलपुर सीट नहीं जीती सपा

फूलपुर सीट पर 2012 में आखिरी बार सपा जीती थी जबकि पिछले दो विधानसभा चुनाव में उसे हार मिली थी। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा के उम्मीदवार एमएम सिद्दीकी यहां 2700 वोटों के अंतर से हारे थे लेकिन कांग्रेस इस सीट पर अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है क्योंकि कांग्रेस का दावा है कि अल्पसंख्यक समुदाय उसके साथ मजबूती से खड़ा है।

इसी तरह दलित मतदाताओं की अधिकता वाली सीट मझवां पर 2022 में निषाद पार्टी जीती थी। कांग्रेस और एसपी दोनों ही इस सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। कांग्रेस का दावा है कि दलित वोट बैंक उसके साथ है और वह बहुसंख्यक मतदाताओं को भी अपने पक्ष में कर सकती है।