Mock Drill News, Black Out: ताजमहल (Taj Mahal) का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां (Mughal Emperor Shah Jahan) ने करवाया था। शाहजहां ने ताजमहल के निर्माण की जिम्मेदारी मीर अब्दुल करीम और मकरमत ख़ाँ को सौंपी थी। मुकम्मत ख़ाँ शाहजहां के निर्माण मंत्री थे। ताजमहल 42 एकड़ जमीन पर बना है। ताजमहल का निर्माण कार्य जनवरी 1632 में शुरू हुआ था। ताजमहल में ही शाहजहां और उनकी बेगम मुमताज़ महल (Mumtaz Mahal) की कब्र है।
मुगलों के पतन के बाद शुरुआत में तो अंग्रेजों ने ताजमहल की बेकदरी की। ताजमहल में लगे रत्न भी चोरी कर लिए गए। लेकिन बहुत बाद में ब्रिटिश वॉयसराय लॉर्ड कर्ज़न ने ताजमहल पर ध्यान देना शुरू किया और उसकी मरम्मत करवायी।
आजादी के बाद आया ताजमहल पर खतरा
अंग्रेजों से आजादी के बाद ताजमहल पर पहला खतरा साल 1965 मंडराया था। पहले प्रधानमंत्री जवाहलाल नेहरू की मौत हो चुकी थी। केंद्र में लाल बहादुर शास्त्री की सरकार थी। उन्हीं दिनों पाकिस्तान ने कच्छ के बड़े हिस्से पर अपना हक जताना शुरू कर दिया और अगस्त में भारत-पाकिस्तान बीच युद्ध शुरू हो गया। भारत सरकार को आशंका थी पाकिस्तान हवाई हमला कर ताजमहल को नुकसान पहुंचा सकता है।
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बीबीसी पर प्रकाशित रेहान फ़ज़ल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने ताजमहल की सुरक्षा के मद्देनजर उसे ढकना चाहती थी। इसके लिए काले रंग का विशालकाय कपड़ा सिलवाया गया था। इससे चांदनी रात में ताजमहल आसमान से दिखाई नहीं देता था। बताया जाता है कि साल 1995 तक उस कवर को सुरक्षित रखा गया था लेकिन बाद में चूहों ने उसे काटकर बर्बाद कर दिया।
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान बांस से ढका गया था
आजादी से पहले भी एक बार ताजमहल पर खतरा छाया था। 1942 में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान बमवर्षक विमानों से ताजमहल की रक्षा के लिए बांस के मंचान बनाए गए थे।
बमवर्षक विमानों से ताजमहल की रक्षा के लिए बांस के मंचान बनाए गए थे। हमलावरों को गुमराह करने के लिए ताजमहल को बांस से कुछ इस तरह ढक दिया गया था कि वह बांस का ढेर दिखे। सिर्फ गुंबद को कवर करने की तस्वीर तो उपलब्ध है लेकिन बाद में सरकार ने तस्वीर खींचने पर रोक लगा दी थी इसलिए पूरी तरह से ढके ताजमहल की तस्वीर उपलब्ध नहीं है।
2001 में 11 सितंबर के हमले के बाद भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने एहतियातन ताजमहल को कपड़े से ढका था। ऐसा करने में उन्हें 20 दिन से अधिक का समय लग गया था।
मुमताज महल ने सपने में देखा था एक सुंदर महल
शाहजहां की चौथी पत्नी मुमताज महल की मौत अपने 14वें बच्चे को जन्म देते 17 जून, 1631 को हुई थी। वह 30 घंटे तक प्रसव पीड़ा में रही थीं। मुमताज महल की सलामती के लिए शाहजहां ने गरीबों में पैसे भी बंटवाए थे। हालांकि न कोई डॉक्टर काम आया, न कोई दवा। मुमताज महल नहीं रहीं। लेकिन मौत से पहले उन्होंने शाहजहां से एक वादा लिया और एक ख्वाहिश भी बताई थी। उन्होंने शाहजहां से वादा लिया था कि वह उनके बाद किसी और महिला से संतान पैदा नहीं करेंगे।
वहीं अपनी ख्वाहिश का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया था, उनके सपने में एक बहुत ही सुंदर महल आया था, जिसके आस-पास खूबसूरत बाग भी थे। उन्होंने शाहजहां से कहा था, “मेरी आपसे गुजारिश है कि आप मेरी याद में वैसा ही एक मकबरा बनवाएं।” यही वजह रही कि शाहजहां ने ताजमहल बनाने के लिए यमुना नदी के किराने की जगह चुनी। वह सुंदर इमारत के साथ-साथ बाग भी बनाना चाहते थे, जिसकी सिंचाई के लिए खूब पानी की जरूरत पड़ती।
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