Abu Azmi Maharashtra Assembly Polls 2024: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (MVA) के बीच सीट बंटवारे को लेकर जबरदस्त खींचतान चल रही है। उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल सपा को भी MVA से कुछ सीटें चाहिए लेकिन MVA में शामिल दल इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। सीट बंटवारे को लेकर मची रार के बीच इंडिया गठबंधन में शामिल सपा ने बड़ा बयान दिया है।
सपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी ने कहा है कि उन्हें ऐसी उम्मीद है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे हरियाणा जैसे नहीं होंगे। याद दिलाना होगा कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों को उम्मीद थी कि कांग्रेस वहां सरकार बनाएगी लेकिन चुनाव नतीजे पूरी तरह हैरान करने वाले रहे थे।
चुनाव नतीजों में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला जबकि तमाम दावों और राज्य में अपने पक्ष में माहौल होने के बाद भी कांग्रेस सरकार नहीं बना सकी।
हरियाणा के नतीजों के बाद से ही महाराष्ट्र की चुनावी लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है। महाराष्ट्र में अगर आप लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखेंगे तो MVA (INDIA गठबंधन) काफी आगे रहा था और इसी तरह हरियाणा में भी कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए खराब रहे।
महाराष्ट्र में 48 में से 30 सीटें जीता महा विकास आघाडी
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 9 | 23 |
कांग्रेस | 13 | 1 |
एनसीपी | 1 | 4 |
एनसीपी (शरद चंद्र पवार) | 8 | – |
शिवसेना (यूबीटी) | 9 | – |
शिवसेना | 7 | 18 |
हरियाणा में भी मांगी थी सपा ने सीटें
याद दिलाना होगा कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी सपा कांग्रेस से कुछ सीटें मांग रही थी। हरियाणा के अहीरवाल इलाके में यादव मतदाताओं की अच्छी संख्या है इसलिए सपा हरियाणा के इस इलाके में चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन कांग्रेस उसे एक भी सीट देने के लिए तैयार नहीं हुई।
12 सीटें मांग रही सपा
बताना होगा कि समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र में INDIA गठबंधन से 12 सीटें मांग रही है। पार्टी ने MVA से अच्छा रिस्पांस ना मिलने की वजह से 5 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान भी कर दिया है और आने वाले दिनों में कुछ और सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है। अबू आजमी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि सीट शेयरिंग के मुद्दे को चुनाव की घोषणा होने से 15 दिन पहले ही सुलझा लिया जाना चाहिए था।
अबू आजमी महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े चेहरे हैं और मानखुर्द शिवाजी नगर से तीन बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। अबू आजमी का कहना है कि उत्तर भारत से आने वाले मुस्लिम और गैर मुस्लिम मतदाता महाराष्ट्र में अच्छी संख्या में हैं। इनके वोट मिलने के साथ ही महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में दलित समुदाय के लोग भी सपा को वोट देंगे।
महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े (कुल सीटें- 288)
राजनीतिक दल | मिली सीटें |
बीजेपी | 105 |
कांग्रेस | 44 |
एनसीपी (अविभाजित) | 54 |
शिवसेना (अविभाजित) | 56 |
निर्दलीय | 13 |
लोकसभा चुनाव के दौरान भी सपा दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन उसने चुनाव नहीं लड़ा। इस बारे में आजमी ने कहा कि सपा यह नहीं चाहती थी कि उसे बीजेपी की बी टीम कहा जाए इसलिए वह चुनाव मैदान में नहीं उतरी।
सपा ने कुछ दिन पहले कहा था कि लोकसभा चुनाव में उसके कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर MVA के उम्मीदवारों की मदद की और उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए जमीन पर उतरकर काम किया।
सपा नेता ने कहा कि MVA को कम से कम उन पांच सीटों पर जहां सपा ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं और सात अन्य सीटों में से भी कुछ सीटों पर सपा को चुनाव लड़ने का मौका देना चाहिए। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं और राज्य में एक ही चरण में 20 नवंबर को वोटिंग होनी है। 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही यह फैसला होगा कि राज्य में कौन सा गठबंधन सरकार बनाएगा। बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति और MVA के बीच सत्ता हासिल करने के लिए जोरदार लड़ाई चल रही है।
सपा का विस्तार चाहते हैं अखिलेश
उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद से ही अपना विस्तार करने में जुटी हुई है और इसीलिए वह महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में MVA से ‘हिस्सा’ चाहती है।
उत्तर प्रदेश में सपा ने 37 लोकसभा सीटें जीती थी और इस वजह से बीजेपी को राज्य में 29 सीटों का नुकसान हुआ था।
लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में बीजेपी की सीटें घटी, सपा की बढ़ीं
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 33 | 62 |
सपा | 37 | 5 |
कांग्रेस | 6 | 1 |
बीएसपी | 0 | 10 |
रालोद | 2 | – |
अपना दल (एस) | 1 | 2 |
आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) | 1 | – |
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सपा ने मुंबई में उत्तर प्रदेश में जीते 37 सांसदों का सम्मान समारोह आयोजित किया था। अखिलेश यादव भी मुंबई आए थे और उन्होंने महाराष्ट्र में सपा के चुनाव लड़ने का दावा मजबूत किया था।
सवाल यह है कि क्या सपा के अलग चुनाव लड़ने से MVA को महाराष्ट्र में कोई बड़ा राजनीतिक नुकसान होगा?