सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे (Dushyant Dave) ने अपने एक हालिया इंटरव्यू में समान नागरिक संहिता (UCC) पर खुलकर बोलते हुए, कई सवाल उठाए हैं। दवे सबके लिए समान सिविल कानून पर बात करते हुए कहते हैं, “हम छोटी-छोटी बातों में अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। अब यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की बात चल रही है। जबकि लोग अब भी अपने घरों में बेटियों को बराबर का नहीं दे पा रहे हैं।”
वह आगे कहते हैं, “मैं पूछ सकता हूं कि आज कौन सा ऐसा घर हैं जहां बेटों और बेटियों को समान न्याय मिल रहा है? कहां बेटियों को भी बाप-दादा की संपत्ति में बराबर हिस्सा दिया जा रहा है? कोई नहीं दे रहा है। 2005 में कानून आया था। लेकिन आज तक कोई बेटियों को हक नहीं दे रहा है। मैं ऐसी कितनी लड़कियों के केस लड़ता हूं, जो संपत्ति में हिस्सा चाहती हैं।”
अल्पसंख्यकों पर बढ़े हैं हमले
दवे का मानना है कि बेवजह का डर फैलाया जा रहा है, जिससे भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। वह कहते हैं “आज माइनॉरिटी पर अटैक हो रहे हैं। यूपी में ही क्रिश्चियन कम्युनिटी के खिलाफ कितने मामले हैं, मैं जानता हूं। क्या जरूरत है इन सब चीजों की। मुसलमान 12वीं सदी से लेकर 19वीं सदी 800 साल हिंदुस्तान की सत्ता पर काबिज रहे। लेकिन हिंदुस्तान इस्लामिक देश नहीं बना। हिंदुस्तान में शरीया कानून नहीं लागू किया गया। मुगल शासक जो इतने सशक्त थे, उन्होंने भी बोला कि हिंदुओं पर उनका अपना कानून लागू होगा और सिर्फ मुसलमानों पर इस्लाम का कानून लागू होगा। फिर हमें डर किस बात का है।”
बता दें कि दुष्यंत दवे ने कुछ समय पहले अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था। उन्होंने पीएम को संबोधित पत्र में लिखा था कि अल्पसंख्यक समुदायों से ताल्लुक रखने वाले सैकड़ों निर्दोष नागरिकों को पुलिस की मिलीभगत से असामाजिक तत्वों के इशारे पर किसी न किसी प्रकार के उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
हिंदुइज्म को कोई छू नहीं सकता
दुष्यंत दवे हिंदू धर्म की तारीफ करते हुए कहते हैं, “हिंदुइज्म को कोई छू भी नहीं सकता। 5000 साल पुराना ये धर्म है। जब बौद्ध धर्म आया तो शंकराचार्य खड़े हो गए। उन्होंने छोटी सी उम्र में पूरे भारत में हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने का काम किया। जैन धर्म कितना लोकप्रिय था। लेकिन वह भी हिंदू धर्म के सामने टिक नहीं पाया। बौद्ध धर्म, चीन, जापान, कोरिया समेत पूरे साउथ ईस्ट एशिया में फैला लेकिन जहां वह पैदा हुआ, वहीं उसका उतना असर नहीं रहा। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हिंदुइज्म एक खूबसूरत धर्म है। यह जिंदगी जीने का तरीका है।”