सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड के कुछ डेटा तो सार्वजनिक तो हो गए हैं लेकिन कुछ अब भी बाकी हैं, जैसे इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक (अल्फान्यूमेरिक) नंबर। शुक्रवार (15 मार्च) को एक सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने SBI को ये नंबर बताने के निर्देश दिए हैं।

SBI से कौन आया है? – CJI

15 मार्च, 2024 की सुबह चुनाव आयोग ने की एक याचिका पर सुनवाई हुई। उसी दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा- एसबीआई की तरफ से कौन पेश हुआ है। उन्होंने बॉन्ड के नंबर नहीं पेश किये हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को वे नंबर पेश करने चाहिए। सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि अगर आप हमारे जजमेंट को देखें तो उसमें इस चीज के लिए विशेष तौर पर कहा गया है। एसबीआई को सारी जानकारी देनी है।

मैं यहां SBI की ओर से नहीं हूं- SG

केंद्र सरकार द्वारा मिले तीसरे एक्सटेंशन से अब तक सॉलिसिटर जनरल के पद पर आसीन तुषार मेहता ने सीजेआई की टिप्पणी पर कहा कि SBI उस फैसले (जिस पर सुनवाई चल रही थी) का हिस्सा नहीं था। SBI को नोटिस जारी किया जा सकता है।

इस बीच सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने अदालत के फैसले के ऑपरेटिव हिस्से की ओर इशारा करते हुए कहा कि एसबीआई को सभी जानकारी देनी थी। सिब्बल की बात सुन सॉलिसिटर जनरल ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि कोर्ट SBI को नोटिस जारी कर सकता है। वही इस बारे में कुछ बता सकते हैं।

सीजेआई ने कहा कि मामले को सूचीबद्ध किए जाने पर उन्हें यहां होना चाहिए था। असल में SBI ने जो किया है हम उस पर आपत्ति जता सकते हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ की टिप्पणी पर एसजी ने फिर वही कहा जो वह पहले दो बार कह चुके थे। एसजी मेहता ने कहा- मैं SBI की ओर से नहीं पेश हुआ हूं और न ही यहां राजनीतिक कारणों से हूं।

SBI को नोटिस जारी किया जाए- CJI

CJI ने SBI को नोटिस जारी करने का आदेश देते हुए कहा, “संविधान पीठ के फैसले में स्पष्ट किया गया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद की तारीख, ग्राहक का नाम और राशि सहित का पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाएगा। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इलेक्टोरल बॉन्ड नंबर (अल्फान्यूमेरिक नंबर) उजागर नहीं किए हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया जाए। हम रजिस्ट्री को सोमवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी करने का निर्देश देते हैं।”

क्यों हो रही है इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक नंबर की मांग?

14 मार्च, 2024 को SBI से मिले जिस डेटा को ECI ने अपनी वेबसाइट पर पब्लिश किया है, उससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि किस राजनीतिक पार्टी को किससे, कितना चंदा मिला।

अभी 763 की दो लिस्ट ECI की वेबसाइट पर है। एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी, बॉन्ड की रकम, और खरीद की तारीख का ब्योरा है। दूसरी लिस्ट में किस राजनीतिक दल को कब-कब कितना चंदा मिला इसका रिकॉर्ड है।

लेकिन इस जानकारी से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को चंदा दिया है। यूनिक अल्फान्यूमरिक नंबर के सार्वजनिक होने से यह मिलना भी संभव हो पाएगा। यह नंबर प्रत्येक बॉन्ड पर अंकित होता है।