लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में अपने अच्छे प्रदर्शन के बाद से ही समाजवादी पार्टी विस्तार के लिए पंख फैला रही है। पार्टी ने विस्तार की योजना के तहत ही जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में कुछ दिन पहले 20 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया था। लेकिन पार्टी की उम्मीदों को झटका तब लगा जब उसे यह पता चला कि जम्मू-कश्मीर में वह अपने चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर चुनाव नहीं लड़ पाएगी।

सपा की ओर से 20 उम्मीदवारों में से 15 उम्मीदवार कश्मीर में और पांच जम्मू में उतारे गए थे।

सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी का जम्मू-कश्मीर में संगठनात्मक ढांचा था और विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला संगठन के विस्तार के तहत ही लिया गया है।

चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में सपा के पांच उम्मीदवारों के नामांकन खारिज कर दिए हैं और पहले चरण में पार्टी का कोई भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं है।

दूसरे चरण में सपा के उम्मीदवार अलग-अलग चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि तीसरे चरण में पार्टी के द्वारा मैदान में उतारे गए उम्मीदवार ‘लैपटॉप’ के चुनाव चिन्ह पर वोट मांग रहे हैं। सपा के उम्मीदवार इस बात को स्वीकार करते हैं कि उनके पास साइकिल चुनाव चिन्ह ना होने की वजह से उनके चुनाव पर असर पड़ रहा है क्योंकि पार्टी ने जो प्रचार सामग्री छपवाई है, उस पर साइकिल का चुनाव चिन्ह है लेकिन पार्टी के उम्मीदवार ‘लैपटॉप’ पर वोट मांग रहे हैं। इससे जबरदस्त कन्फ्यूजन पैदा हो रहा है।

बारामूला से सपा उम्मीदवार मंजूर अहमद कहते हैं कि अब उन्होंने ‘लैपटॉप’ वाले स्टीकर छपवाए हैं और हम घर-घर जाकर लोगों को इसे लेकर बने भ्रम के बारे में बता रहे हैं। ईदगाह सीट से सपा उम्मीदवार मेराजुद्दीन अहमद भी ‘कंप्यूटर’ के चुनाव चिन्ह पर चुनाव मैदान में हैं। वह इस चुनौती का मुकाबला अखिलेश की तस्वीरों के जरिए कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अखिलेश यादव यहां लोकप्रिय जरूर हैं लेकिन सपा को लोग उसके परंपरागत चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ से पहचानते हैं।

अहमद कहते हैं कि वह चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश और मुलायम सिंह यादव की तस्वीर अपनी प्रचार सामग्री पर इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे वह लोगों को समझा सकें कि ‘कंप्यूटर’ के चुनाव चिन्ह पर वोट डालने का मतलब है कि आप सपा को वोट दे रहे हैं।

सपा ने 2014 में हुए जम्मू-कश्मीर के पिछले विधानसभा चुनाव में भी उम्मीदवार उतारे थे लेकिन तब भी और 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उसका खाता नहीं खुला था।

याद दिलाना होगा कि उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव 2024 में सपा ने शानदार प्रदर्शन किया था और 2019 के चुनाव में मिली 5 सीटों के बदले 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस वजह से बीजेपी 2019 में मिली 62 सीटों से घटकर 33 सीटों पर आ गई थी।

लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में बीजेपी की सीटें घटी

राजनीतिक दल 2024 में मिली सीटें2019 में मिली सीटें
बीजेपी 3362
सपा 375
कांग्रेस61
बीएसपी 010
रालोद2
अपना दल (एस)12
आजाद समाज पार्टी(कांशीराम)1

महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने की तैयारी में है सपा

सपा महाराष्ट्र में भी विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहती है। पिछले महीने सपा की ओर से कांग्रेस को 12 सीटों की एक लिस्ट भेजी गई थी। पार्टी चाहती है कि विधानसभा चुनाव में उसे इन सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए।

सपा ने लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से ही महाराष्ट्र में अपनी चुनावी तैयारियों को तेज किया है। पार्टी अपने कार्यालय खोल रही है और कार्यकर्ताओं से चुनाव में जुटने का आह्वान कर रही है। सपा ने उत्तर प्रदेश में जीते सांसदों का मुंबई में सम्मान समारोह भी आयोजित किया था।