इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक सरकार ने 2013 के एक सर्कुलर को फिर से जारी किया। यह सर्कुलर सरकारी स्कूल के मैदानों को निजी उद्देश्यों के लिए उपयोग करने पर रोक लगाता है और इससे स्कूल परिसरों में RSS की गतिविधियों पर प्रतिबंध लग सकता है।
हालांकि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि सरकार ने इस संगठन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेज परिसर में किसी भी संघ को संचालित करने की अनुमति के संबंध में जारी किए गए आदेश में कहीं भी RSS का उल्लेख नहीं है।
इसी विवाद के बीच, लाइटहाउस जर्नलिज्म को एक वीडियो मिला जिसे व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा था। इस वीडियो में RSS स्वयंसेवकों का रूट मार्च दिखाया गया था और दावा किया गया था कि प्रतिबंध के बावजूद उन्होंने कर्नाटक में मार्च आयोजित किया।
जाँच के दौरान, लाइटहाउस जर्नलिज्म ने पाया कि यह वीडियो कर्नाटक का नहीं बल्कि नागपुर, महाराष्ट्र का है।
क्या है दावा?
फेसबुक यूजर राजू सिंह भाई जी ने वायरल पोस्ट को अपनी प्रोफाइल पर साझा किया था।

अन्य यूजर भी इसी तरह के दावे के साथ यही वीडियो साझा कर रहे हैं।

जाँच पड़ताल:
हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जाँच शुरू की।
इससे हमें ‘जय महाराष्ट्र न्यूज’ नामक एक मीडिया संगठन के यूट्यूब चैनल द्वारा अपलोड की गई एक वीडियो रिपोर्ट मिली।
यह वीडियो पाँच महीने पहले अपलोड किया गया था।
हमने पाया कि News Arena India ने ‘मई 25, 2025’ की अपनी पोस्ट से फिर से साझा किया था, जिससे पता चलता है कि यह एक पुराना वीडियो था।
कैप्शन में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि वीडियो नागपुर का था।
हमें यह वीडियो पीटीआई (PTI) के X हैंडल पर भी 25 मई, 2025 को अपलोड किया हुआ मिला।
हमें ANI के हैंडल पर भी ऐसे ही दृश्य मिले।
कैप्शन था: महाराष्ट्र | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने नागपुर में ‘पथ संचलन’ (रूट मार्च) आयोजित किया।
निष्कर्ष: नागपुर में RSS के रूट मार्च का पुराना वीडियो कर्नाटक का बताकर शेयर किया जा रहा है। वायरल दावा झूठा है।
