लोकसभा चुनाव 2024 में हरियाणा में रोहतक सबसे हॉट सीट बन चुकी है। हॉट सीट इसलिए क्योंकि यहां से हरियाणा कांग्रेस के सबसे बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा चुनाव मैदान में हैं। दीपेंद्र हुड्डा रोहतक लोकसभा सीट से तीन बार लगातार चुनाव जीत चुके हैं लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें यहां बेहद कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।
तब बीजेपी के उम्मीदवार डॉक्टर अरविंद शर्मा ने उन्हें 7503 वोटों के अंतर से हराया था। इस बार एक बार फिर यह दोनों दिग्गज आमने-सामने हैं।
Rohtak Lok Sabha Seat: 9 में से 7 बार जीता हुड्डा परिवार
1991 से लेकर 2019 तक रोहतक संसदीय सीट पर हुए नौ चुनावों में से सात चुनाव हुड्डा परिवार ने जीते हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा यहां से पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल को 1991, 1996, 1998 में लगातार तीन बार हरा चुके हैं।
यह बताना जरूरी होगा कि इस सीट से दीपेंद्र सिंह हुड्डा के दादा रणबीर सिंह हुडा भी दो बार लोकसभा के सांसद रह चुके हैं जबकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा यहां से चार बार लोकसभा का चुनाव जीते थे।
Rohtak Lok Sabha Election Result: रोहतक से अब तक बने सांसद
| साल | कौन बना सांसद | किस दल को मिली जीत |
| 1952 | रणबीर सिंह हुडा | कांग्रेस |
| 1957 | रणबीर सिंह हुडा | कांग्रेस |
| 1962 | लहरी सिंह | भारतीय जन संघ |
| 1967 | चौधरी रणधीर सिंह | कांग्रेस |
| 1971 | मुख्तियार सिंह मलिक | भारतीय जन संघ |
| 1977 | शेर सिंह | जनता पार्टी |
| 1980 | इंद्रवेश स्वामी | जनता पार्टी (सेक्युलर) |
| 1984 | हरद्वारी लाल | कांग्रेस |
| 1987 (उपचुनाव) | हरद्वारी लाल | लोकदल |
| 1989 | चौधरी देवीलाल | जनता दल |
| 1991 | भूपेंद्र सिंह हुड्डा | कांग्रेस |
| 1996 | भूपेंद्र सिंह हुड्डा | कांग्रेस |
| 1998 | भूपेंद्र सिंह हुड्डा | कांग्रेस |
| 1999 | इंद्र सिंह | इनेलो |
| 2004 | भूपेंद्र सिंह हुड्डा | कांग्रेस |
| 2005 (उपचुनाव) | दीपेंद्र सिंह हुड्डा | कांग्रेस |
| 2009 | दीपेंद्र सिंह हुड्डा | कांग्रेस |
| 2014 | दीपेंद्र सिंह हुड्डा | कांग्रेस |
| 2019 | डॉ. अरविंद शर्मा | बीजेपी |
कोसली में 74,980 वोट कम मिले थे दीपेंद्र को
रोहतक लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभा सीटें आती हैं। इन सीटों के नाम- महम, गढ़ी सांपला-किलोई, रोहतक, कलानौर (एससी), बहादुरगढ़, बादली, झज्जर (एससी), बेरी और कोसली हैं। इसमें से कोसली विधानसभा एक ऐसी सीट है जहां पर 2019 के लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा डॉक्टर अरविंद शर्मा से काफी पीछे रह गए थे।
2019 में डॉक्टर अरविंद शर्मा को कोसली में कुल 1,17,825 वोट मिले थे जबकि दीपेंद्र हुड्डा को 42,845 वोट मिले थे। इस तरह दीपेंद्र हुड्डा को अरविंद शर्मा से 74,980 वोट कम मिले थे जबकि उनकी हार का कुल अंतर सिर्फ 7503 वोटों का था।

इससे पता चलता है कि अगर दीपेंद्र सिंह हुड्डा कोसली विधानसभा सीट पर इतने बड़े अंतर से पीछे नहीं रहे होते तो एक बार फिर जीत हासिल कर सकते थे। लेकिन अगर दीपेंद्र हुड्डा इस बार पिछली बार के हार के अंतर को कम करने और लीड बनाने में कामयाब रहते हैं तो रोहतक में उनके लिए एक बार फिर जीत का दरवाजा खुल सकता है।
कोसली में ताकत लगा रहे दीपेंद्र
चुनाव प्रचार के दौरान दीपेंद्र हुड्डा कोसली क्षेत्र में कांग्रेस के शासन काल में हुए विकास कार्यों को गिनाना नहीं भूलते। दीपेंद्र कोसली के गांवों का लगातार दौरा कर रहे हैं। चूंकि हरियाणा कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सबसे बड़ा चेहरा हैं इसलिए इस सीट पर उनकी भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

अग्निवीर योजना, अहीर रेजिमेंट बना बड़ा मुद्दा
हरियाणा ऐसा प्रदेश है, जहां से बड़ी संख्या में युवा फौज में भर्ती होते हैं लेकिन अग्निवीर योजना आने के बाद हरियाणा में भी इस योजना के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुए थे। चुनाव प्रचार के दौरान दीपेंद्र हुड्डा अग्निवीर योजना और अहीर रेजिमेंट के गठन के मुद्दे को अपने भाषण में जरूर शामिल करते हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इस बात का वादा किया है कि वह सत्ता में आने पर अग्निवीर योजना को रद्द कर देगी।
कोसली में 2,46,432 मतदाता हैं। इसमें यादव मतदाताओं की अच्छी संख्या है इसलिए यहां पर अहीर रेजिमेंट के गठन का मुद्दा चर्चा में है। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के यादव बहुल इलाकों में अहीर रेजिमेंट के गठन को लेकर आवाज लगातार बुलंद होती रही है।
कोसली को जीतने के लिए ही दीपेंद्र हुड्डा ने इस विधानसभा सीट से आने वाले अविनाश यादव को हरियाणा एनएसयूआई का प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए अपनी सहमति दी थी। अविनाश यादव भी यहां दीपेंद्र हड्डा की जीत के लिए जोर लगा रहे हैं।

बीजेपी ने मोहन यादव को उतारा
बीजेपी ने कोसली विधानसभा सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या और पिछली बार यहां से बीजेपी को मिली लीड को ध्यान में रखते हुए ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यहां पर चुनावी सभा कराई। चुनावी सभा में डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए डॉक्टर अरविंद शर्मा की जीत को जरूरी बताया। मोहन यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि पिछली बार कोसली की जनता ने डॉक्टर अरविंद शर्मा को 75,000 से अधिक मतों से लीड दी थी लेकिन इस बार उन्हें 80,000 से अधिक मतों से जीत दिलाकर संसद में भेजना है।
दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सांसद हैं और इसके बाद भी कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है। अगर दीपेंद्र हुड्डा लोकसभा सांसद चुने जाते हैं तो कांग्रेस को राज्यसभा की एक सीट का नुकसान हो सकता है। इसका सीधा मतलब यही है कि कांग्रेस अपनी इस पुरानी सीट को किसी भी कीमत पर वापस हासिल करना चाहती है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास रोहतक के साथ ही हरियाणा की बाकी लोकसभा सीटों पर भी चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी है लेकिन उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार लोगों से भावुक अपील की है कि रोहतक की जनता दीपेंद्र हुड्डा को चुनाव जिताए।

रोहतक लोकसभा सीट पर कांग्रेस की जीत को जरूरी बताते हुए दीपेंद्र हुड्डा कहते हैं कि वह, रोहतक और यहां के लोग बीजेपी के टारगेट पर हैं। इस बार रोहतक लोकसभा सीट का चुनाव परिणाम न सिर्फ यहां के नए सांसद का फैसला करेगा बल्कि अगर कांग्रेस इस सीट को जीतती है तो यह हरियाणा में नई सरकार का रास्ता भी साफ करेगा।
दीपेंद्र हुड्डा का सीधा इशारा 5 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर था। चुनाव प्रचार के दौरान दीपेंद्र हुड्डा क्षेत्र की जनता से कहते हैं कि उन्होंने यह चुनाव लोगों के हाथ में सौंप दिया है और अब उन्हें ही इस चुनाव में कांग्रेस को जिताना है।
Haryana BJP Congress: बीजेपी-कांग्रेस में जोरदार जंग
हरियाणा में जल्द होने वाले विधानसभा के चुनाव को देखते हुए बीजेपी एक बार फिर हुड्डा पिता और बेटे को रोहतक में मात देना चाहती है। ऐसा करके वह विधानसभा चुनाव के लिए मनोवैज्ञानिक बढ़त भी हासिल करना चाहती है। बीजेपी की कोशिश है कि किसी भी सूरत में रोहतक लोकसभा सीट कांग्रेस के पास वापस न जाए जबकि हुड्डा परिवार इस सीट को वापस हासिल करने के लिए जमकर पसीना बहा रहा है।

रोहतक से बसपा के उम्मीदवार राजेश बैरागी ने कुछ दिन पहले अपना नामांकन वापस ले लिया था और वह दीपेंद्र के साथ आ गए हैं। इनेलो ने यहां से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है जबकि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने रविंदर सांगवान को टिकट दिया है।
