राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। विद्याधर नगर से टिकट कटने के बाद भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी ने वहां से उम्मीदवार बनाई गईं दिया कुमारी के खानदान का मुगलों से कनेक्शन बताते हुए उनका विरोध किया है। एक नेता ने तो टिकट खरीद-बिक्री तक का आरोप लगा दिया है। विजय बैंसला और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को टिकट दिए जाने का भी खुल कर विरोध हुआ है। इनके लिए ‘बाहरी भगाओ’ और ‘वापस जाओ’ जैसे नारे लगे हैं।
बता दें कि 25 नवंबर को होने जा रहे राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने नौ अक्तूबर को 41 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इस सूची में सात सांसद भी शामिल हैं। भाजपा नेता विकास चौधरी ने सांसद (अजमेर) भागीरथ चौधरी पर टिकट खरीदने का आरोप लगाया है।
दिया कुमारी के परिवार का मुगल कनेक्शन
दिया कुमारी जयपुर (पहले आमेर) राजघराने से हैं। उनके दादा महाराजा मान सिंह द्वितीय ब्रिटिश राज के दौरान जयपुर रियासत के अंतिम शासक थे। मान सिंह प्रथम मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में शामिल थे। The Metropolitan Museum of Art ने मान सिंह प्रथम के परिचय में लिखा है कि उन्हें मिर्जा राजा के नाम से भी जाना जाता था। वह 1562 में अकबर के दरबार में शामिल हुए, जब अकबर ने आमेर के राजा बिहार मल की सबसे बड़ी बेटी से शादी की। राजा बिहार मल की बेटी ने ही मान सिंह को गोद लिया था। बाद में मान सिंह प्रथम अकबर के बहुत खास हो गए। मान सिंह के परिवार का अन्य मुगल शासकों से भी अच्छा संबंध रहा।
Princess Diya Kumari Foundation की वेबसाइट के मुताबिक, राजसमंद सांसद दिया कुमारी, मान सिंह द्वितीय के बेटे सवाई भवानी सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की एकमात्र संतान हैं। दिया कुमारी के नाना-नानी सिरमौर (अब हिमाचल प्रदेश का हिस्सा) के महाराजा और महारानी थे। दिया कुमारी के पिता ने पिता ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में 10वीं पैराशूट रेजिमेंट के पैरा कमांडो के लेफ्टिनेंट कर्नल और कमांडिंग ऑफिसर के रूप में योगदान दिया था। उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
दिया की सीट विद्याधर नगर सीट पर विशेष बवाल
भाजपा ने विद्याधर नगर से तीन बार के विधायक नरपत सिंह राजवी की टिकट काट दिया है। पार्टी ने इस सीट से राजसमंद सांसद दिया कुमारी को उतारा है। भाजपा के इस फैसले से राजवी बहुत नाराज हैं। उन्होंने पार्टी के खिलाफ विद्रोही बयान देना शुरू कर दिया है। राजवी ने दिया कुमारी की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए उनके परिवार को मुगलों के सामने घुटने टेकने वाले बताया है।
दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में राजवी ने कहा है, “पता नहीं, मुगलों के आगे घुटने टेकने वाले और महाराणा प्रताप के खिलाफ लड़ने वाले परिवार पर पार्टी मेहरबान क्यों है? कार्यकर्ताओं से न पहचान है, न संवाद, उन्हें उतारकर पार्टी क्या हासिल करना चाहती है?”
भाजपा में विद्रोह: राज्यवर्धन गो-बैक
जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को भाजपा ने जयपुर के झोटवाड़ा से टिकट दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार (10 अक्टूबर) को जयपुर स्थित भाजपा मुख्यालय के भीतर ही राज्यवर्धन गो-बैक (वापस जाओ) के नारे सुनने को मिले।
विजय बैंसला के लिए ‘बाहरी भगाओ’ का नारा
गुर्जर आंदोलन के संयोजक रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘बाहरी भगाओ’ का नारा दिया है। दरअसल, भाजपा ने बैंसला को देवली-उनियारा (टोंक) से मैदान में उतारा है। जबकि उन्होंने लोकसभा का चुनाव सवाई माधोपुर से लड़ा था। कांग्रेस के नमोनारायण मीणा ने बैंसला को हरा दिया था।
किशनगढ़ के भाजपा नेता के निकले आंसू
भाजपा ने अजमेर के किशनगढ़ से सांसद (अजमेर लोकसभा क्षेत्र) भागीरथ चौधरी को टिकट दिया। पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से विकास चौधरी भाजपा के प्रत्याशी थे। इस बार विकास चौधरी का टिकट कट गया है। ऐसे में जब उनके कार्यकर्ता उनसे मिलने पहुंचे तो वह अपने आंसू नहीं रोक पाए। उनका आरोप है कि सांसद भागीरथ चौधरी ने विधानसभा का टिकट खरीदा है।
इन सीटों पर भी विद्रोह
भाजपा ने जिन 41 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है, उनमें से 39 ऐसी हैं, जिन पर पार्टी 2018 के विधानसभा चुनाव में हार गई थी। भाजपा ने पहली ही सूची में 29 सीटों पर 2018 के प्रत्याशियों को नहीं उतारा है। ऐसी सीटों में कोटपूतली, देवली-उनियारा, किशनगढ़, नगर, बानसूर, सांचौर का नाम भी शामिल है। इन सीटों पर पिछला चुनाव लड़ने वाले नेता यादराम जांगल, राजेंद्र गुर्जर, विकास चौधरी, अनिता सिंह गुर्जर, रोहिताश्व शर्मा, दानाराम चौधरी, आदि विरोध में उतर आए हैं।