भारतीय सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले राजकपूर (Raj Kapoor) का जन्म 14 दिसंबर, 1924 को हुआ था। राजकपूर भारतीय रंगमंच और हिंदी फिल्म जगत के पुरोधा पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) के बेटे हैं। हालांकि उन्होंने अपने अभिनय और निर्देशन से एक अलग पहचान बनायी, जिसे दुनिया ने सराहा।

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राजकपूर को फिल्मी जगत में उनके मूल्यों और आदर्शों के लिए भी याद किया जाता है। एक बार उन्होंने अपने भाई शम्मी कपूर (Shammi Kapoor) को पान पराग के विज्ञापन की वजह से फटकार लगा दी थी।

क्या था मामला?

1960 के दशक की बात है। राज कपूर (Raj Kapoor Birth Anniversary) के भाई शम्मी कपूर एक लोकप्रिय अभिनेता बन चुके थे। उसी दौरान उन्होंने पान मसाला की कंपनी पान पराग का एक विज्ञापन किया था। विज्ञापन में उनके साथ अशोक कुमार ने भी काम किया था। यह विज्ञापन बहुत चर्चित हुआ था। विज्ञापन में शम्मी कपूर कहत हैं – ”हम बस इतना चाहते हैं कि आप बारातियों का स्वागत पान पराग से कीजिए”

शम्मी कपूर के युवा प्रशंसक उन्हें पान पराग के विज्ञापन से ही पहचानने लगे थे। हालांकि शम्मी के बड़े भाई रहे राज कपूर को इस तरह की सफलता बहुत पसंद नहीं आयी थी। राजकपूर का मानना था कि कलाकार की पहचान उसके क्राफ्ट से होनी चाहिए।

‘कहां गया आपका काम?’

शम्मी कपूर ने एक बार अपने यूट्यूब चैनल पर एक किस्सा बताया था। किस्सा तब का है जब पूरा कपूर परिवार हांगकांग गया हुआ था। वहां भारी संख्या में शम्मी कपूर के फैन्स ने उन्हें घेर लिया और पान पराग का जिंगल गाने लगे। शम्मी इससे बेफिक्र थे लेकिन जैसे ही परिवार एयरपोर्ट में दाखिल हुआ, राज कपूर ने उन्हें एक तरफ बुला बुलाया।

राज कपूर इस बात से निराश थे कि शम्मी कपूर की विरासत में कई हिट फिल्में होने के बावजूद लोग उन्हें एक विज्ञापन से पहचान रहे हैं। उन्होंने कहा, ”आपके इतने वर्षों का फिल्म उद्योग में योगदान, एक अभिनेता के रूप में किया गया आपका काम, आपकी फिल्म जंगली, तीसरी मंजिल, प्रोफेसर, दिल देके देखो, कहां गईं ये सभी फिल्में। खत्म हो गईं। क्या लोग अब आपको पान पराग से याद रखेंगे?”

क्यों किया था पान पराग का विज्ञापन?

राज कपूर की उस फटकार को सही बताते हुए शम्मी कपूर कहते हैं, “वह अपने तरीके से बहुत सही थे लेकिन मैं उन्हें कैसे बता सकता था कि जीवन की मुख्य इच्छाओं में से एक अशोक कुमार के साथ काम करना था और उनके साथ काम करने का मेरा एकमात्र मौका उस विज्ञापन में था।”