कतर में फीफा (Federation Internationale de Football Association) वर्ल्ड कप 2022 का आगाज़ हो चुका है। फुटबॉल के इस सबसे बड़े महाकुंभ (FIFA World Cup 2022) को लेकर भारत के वर्ग में नाराजगी देखी जा रही है। दरअसल कतर की सरकार ने विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को फुटबॉल वर्ल्ड कप के दौरान इस्लामिक उपदेश देने के लिए आमंत्रित किया है। मनी लॉन्ड्रिंग और हेट स्पीच के मामलों में भारत सरकार ने नाइक को भगोड़ा घोषित कर रखा है।

डॉक्टर से इस्लामिक उपदेश

जाकिर नाइक का जन्म अक्टूबर 1965 में मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाके डोंगरी में हुआ था। पिता और भाई समेत परिवार के ज्यादातर लोग डॉक्टर थे। जाकिर नाइक के भी एमबीबीएस होने की बात कही जाती है। लेकिन साल 1991 में जाकिर ने मेडिकल प्रैक्टिस छोड़कर इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की थी। भारत सरकार इस फाउंडेशन और इससे जुड़े स्कूलों को सील कर चुकी है। जाकिर नाइक का एनजीओ ‘पीस टीवी’ नाम का एक चैनल भी चलाता है, जिसके प्रसारण 125 से ज़्यादा देशों में होता है। लेकिन भारत समेत कनाडा, बांग्लादेश, श्रीलंका और यूनाइटेड किंगडम में यह प्रतिबंधित है। 

नाइक ने छोड़ा देश

कई मामलों में यह पाया गया है कि वेस्टर्न स्टाइल सूट पर जालीदार इस्लामिक सफेद टोपी पहनने वाले जाकिर नाइक का भाषण युवाओं को उत्तेजित करता है। जुलाई 2016 का ढाका आतंकी हमला जाकिर नाइक के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। ढाका आतंकी हमले में 22 लोग मारे गए। हमलावरों में से एक ने बांग्लादेशी जांचकर्ताओं को बताया कि वह अपने YouTube पर जाकिर नाइक की उपदेश सुनकर प्रभावित हुआ था।

इस घटना के सामने आने के बाद एनआई और ईडी ने नाइक पर सिकंजा कसना शुरु किया। सबसे पहले नाइक के IRF पर बैन। आरोप लगा कि नाइक के उपदेशों से युवक आतंकी बन रहे हैं। फिर कुछ रिपोर्ट्स में नाइक पर धर्मांतरण कराने का भी लगा। महाराष्ट्र और केरल में एफआईर, IRF को विदेशों फंड मिलने की बात और आतंकी संगठनों से संबंध की जांच शुरु होते ही, नाइक ने देश छोड़ दिया। 2017 में भारत सरकार ने नाइक को भगोड़ा घोषित कर पार्सपोर्ट रद्द कर दिया। उस दौरान ही पता चला कि नाइक के पास मलेशिया की स्थायी नागरिकता है।

नाइक के लिए ओसामा आतंकी नहीं

वैसे मुंबई पुलिस ने साल 2012 में से नाइक के सार्वजनिक उपदेशों के आयोजन को रद्द करना शुरु कर दिया था। ओसामा बिन लादेन को आतंकवादी कहने से इनकार करने पर ब्रिटेन ने 2010 से नाइक के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। नाइक ने कहा था, ”यदि ओसामा बिन लादेन इस्लाम के दुश्मनों से लड़ रहा है, तो मैं उसके साथ हूं। यदि वह अमेरिका को आतंकित कर रहा है, जो सबसे बड़ा आतंकवादी है, तो मैं उसके साथ हूं। हर मुसलमान को आतंकवादी होना चाहिए।”

जाकिर नाइक के विवादित बयान

जाकिर नाइक ने समलैंगिकता के लिए मौत की सजा का सुझाव दिया था। यह कहकर घरेलू शोषण का भी समर्थन किया था कि रुषों को अपनी पत्नियों को “धीरे” मारने का अधिकार है। हर दूसरे धर्म को “गलत” करार देते हुए, नाइक ने गैर-मुस्लिम धार्मिक स्थलों को नष्ट करने पर इस्लामिक स्टेट का समर्थन भी किया है। नाइक ने कहा था, ”हम इसकी (इस्लामिक राज्य में चर्चों या मंदिरों) अनुमति कैसे दे सकते हैं जब उनका धर्म गलत है और जब उनका पूजा करना गलत है।”