अंकिता देशकर

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है। इस फोटो में एक लोको पायलट छाता लेकर ट्रेन चलाता नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा था की ये तस्वीर केरल वंदे भारत एक्सप्रेस की है। छानबीन में पता चला कि यह तस्वीर पुरानी है और नई वंदे भारत एक्सप्रेस से इसका कोई लेना-देना नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल?

एक ट्विटर यूजर डॉ. नम्रता दत्ता ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए अंग्रेजी में लिखा:

अन्य लोगों ने भी यही दावा साझा किया।

जांच पड़ताल:

हमनें वायरल तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च के साथ फैक्ट चेक शुरू किया। हमें इस घटना का वीडियो पत्रकार और एक्टिविस्ट सुचेता दलाल के ट्विटर प्रोफाइल पर भी मिला। उन्होंने 9 अगस्त, 2017 को वीडियो ट्वीट कर लिखा था- Railway safety?
@sureshpprabhu and @RailMinIndia
 need to take a serious look without victimising whistleblower

हमें यह तस्वीर indiatimes.com के एक आर्टिकल में भी मिली। 11 अगस्त, 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इसे झारखंड के धनबाद के पास शूट किया गया था। यह वीडियो संगबाद प्रतिदिन के यूट्यूब चैनल पर भी मिला, जो प्रतिदिन प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व वाला एक दैनिक बंगाली समाचार पत्र है।

रेल मंत्रालय ने भी ट्विटर पर इस वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया भी दी थी।

हालांकि वंदे भारत एक्सप्रेस में लीकेज की खबरें सच हैं, लेकिन इस दावे के साथ प्रसारित की जा रही तस्वीर भ्रामक है। 26 अप्रैल, 2023 को प्रकाशित टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट में कहा गया है: वंदे भारत एक्सप्रेस में रिसाव का पता रेलवे अधिकारियों ने बुधवार सुबह लगाया और दोपहर 2 बजे के बाद कासरगोड से ट्रेन चलने से पहले ही इसे ठीक कर लिया गया था।

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निष्कर्ष: छाता लेकर ट्रेन के इंजन के अंदर बैठे लोको पायलट की वायरल तस्वीर पुरानी है और नई केरल वंदे भारत एक्सप्रेस के मौजूदा मुद्दों से संबंधित नहीं है।