भारतीय जनता पार्टी आने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव पर फोकस करते हुए अल्पसंख्यक वोटों को अपने पाले में करने की कोशिश में जुट गयी है। 1 सितंबर से अपने राष्ट्रीय सदस्यता अभियान की शुरुआत करते हुए, भाजपा ने अपने अल्पसंख्यक मोर्चा को अल्पसंख्यक समुदायों से 50 लाख सदस्यों को शामिल करने का काम सौंपा है। इसे ध्यान में रखते हुए अल्पसंख्यक मोर्चा 27 अगस्त को पार्टी मुख्यालय में एक कार्यशाला आयोजित करेगा, जिसमें मोर्चा के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और राज्य प्रतिनिधि उपस्थित होंगे।

अल्पसंख्यक मोर्चा प्रमुख जमाल सिद्दीकी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमारी योजना अल्पसंख्यक समुदाय से 50 लाख सदस्यों को नामांकित करने की है जिसके लिए एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी। गौतम इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।”

इस कदम को अल्पसंख्यकों तक पहुंचने के भाजपा के आखिरी प्रयास के रूप में माना जा रहा है, जिन्हें पार्टी का मतदाता आधार नहीं माना जाता है। पार्टीका यह कदम पसमांदा मुस्लिम समुदाय का समर्थन हासिल करने के असफल प्रयासों के बाद आया है, जिन्हें मुसलमानों के बीच निचली जाति माना जाता है। पिछले साल, पार्टी ने सूफी संवाद महाअभियान के साथ सूफी समुदाय के लिए एक ऑलिव ब्रांच का भी विस्तार किया था।

केरल में ईसाइयों तक पहुंचने की कोशिश

भाजपा ने हाल के लोकसभा चुनावों से पहले विशेष रूप से केरल में ईसाइयों तक भी पहुंचने की कोशिश की और इसका पार्टी को लाभ भी मिला क्योंकि बीजेपी ने त्रिशूर में सुरेश गोपी के माध्यम से राज्य में अपनी पहली लोकसभा सीट जीती।

यह सदस्यता अभियान भाजपा में संगठनात्मक चुनावों का मार्ग प्रशस्त करेगा जहां मंडल, जिला, क्षेत्रीय और राज्य स्तर के चुनाव होंगे और प्रत्येक स्तर पर अध्यक्ष अपने पदाधिकारियों की टीम का गठन करेंगे। बीजेपी के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव आधी राज्य इकाइयों के प्रमुखों के चुने जाने के बाद होगा।

भाजपा को जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी की तलाश

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून में समाप्त हो गया है और पार्टी उनके उत्तराधिकारी की तलाश कर रही है क्योंकि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। हालांकि, ऐसी चर्चा चल रही है कि भाजपा संसदीय बोर्ड चुनाव से पहले एक राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति करेगा जो बाद में पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेगा।

कार्यकर्ताओं को दी जाएगी ट्रेनिंग

अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जोजो जोस को सदस्यता अभियान का राष्ट्रीय प्रभारी नियुक्त किया गया है जबकि निसार हुसैन शाह, मौलाना हबीब हैदर, फहीम सैफी, मोहम्मद सद्दाम और ज़फरीन महजबीन जैसे नेता सह-प्रभारी होंगे। कार्यशाला के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को कई तरीकों- मिस्ड कॉल, क्यूआर कोड, नमो वेबसाइट और पार्टी वेबसाइट के माध्यम से शामिल होने वालों का नामांकन और सत्यापन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

भाजपा का सदस्यता अभियान के दौरान 10 करोड़ से अधिक लोगों को नामांकित करने का लक्ष्य

भाजपा ने सदस्यता अभियान के दौरान 10 करोड़ से अधिक लोगों को नामांकित करने का लक्ष्य रखा है और उम्मीद है कि चुनाव वाले राज्यों हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के बाद अभियान आयोजित करने से यह संख्या बढ़ेगी।

वहीं, इसके उलट लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही लगातार भाजपा नेताओं के मुसलमानों पर हमले बोलने वाले बयान आ रहे हैं। बीजेपी नेता लगातार मुसलमानों पर हमलावर हैं। कुछ समय पहले मोदी सरकार में मंत्री ग‍िर‍िराज सिंह ने कहा था क‍ि भारत में मुसलमानों को रहने देना भारी भूल रही। जब धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हुआ था तो मुसलमानों को यहां नहीं रहने देना था। चुनाव से पहले भी उन्‍होंने मुसलमानों पर न‍िशाना साधते हुए कहा था कि मुझे देशद्रोह‍ियों का वोट नहीं चाह‍िए।

भाजपा नेताओं के मुस्लिम विरोधी बयान

इससे पहले पश्‍च‍िम बंगाल के भाजपा नेता शुभेन्दु अध‍िकारी ने कहा था क‍ि सबका साथ, सबका व‍िकास की जरूरत नहीं है। उन्‍होंने ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ’ का नया नारा देते हुए कहा था क‍ि भाजपा को अल्‍पसंख्‍यक मोर्चा भंग कर देना चाह‍िए। शुभेन्दु ने पश्‍च‍िम बंगाल में लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के ल‍िए मुसलमानों को ज‍िम्‍मेदार ठहराया था। असम के मुख्‍यमंत्री ह‍िमंता ब‍िस्‍व सरमा ने भी कहा था क‍ि उनके राज्‍य में मुसलमानों की संख्‍या काफी बढ़ गई है और यह उन्‍हें काफी दर्द देता है।

मुसलमानों पर पीएम मोदी का बयान

लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान पहले चरण की वोटिंग के बाद 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली में दिए एक भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में समुदाय विशेष के लिए ‘घुसपैठिए’ और ‘ज़्यादा बच्चे पैदा करने वाला’ जैसी बातें कहीं थी। पीएम मोदी ने कहा था, “पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बांटेंगे- जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे, घुसपैठियों को बांटेंगे। क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंज़ूर है ये?”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा था, “ये कांग्रेस का मैनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। भाइयों-बहनों ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे, ये यहां तक जाएंगे।”

देश में मुसलमानों की आबादी 15 प्रतिशत से ऊपर

2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में मुसलमानों की आबादी 15 प्रतिशत से ऊपर है। देश की 15 लोकसभा सीटें मुस्‍ल‍िम बहुल हैं, इसके बावजूद लोकसभा में इनकी भागीदारी काफी कम रही है। 543 सदस्यों वाली 18वीं लोकसभा में 26 मुस्‍ल‍िम सांसद चुने गए हैं, इनमें से भाजपा के केवल एक हैं।