लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, खास तौर पर एक्स पर खूब शेयर किया जा रहा एक वीडियो मिला। वीडियो में लोगों को कांटेदार तार की बाड़ के पास इकट्ठा होते हुए दिखाया गया है। इसके साथ यह दावा किया गया है कि असम में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास बांग्लादेशी हिंदू भारत आने के लिए इंतजार कर रहे हैं।
जांच के दौरान हमने पाया कि यह वीडियो पुराना है और किया जा रहा दावा गलत है।
क्या है दावा?
X यूजर Yati Sharma ने अपनी प्रोफाइल पर वायरल वीडियो साझा किया।
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहाँ देखें।
https://archive.ph/Si95r
अन्य उपयोगकर्ता भी यही पोस्ट साझा कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर वीडियो की खोज शुरू की।
हमें यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला जिसका शीर्षक था: इंडिया बांग्लादेश मिलन मेला।
हमें YOUR FRIENDS नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक और वीडियो मिला। वीडियो का शीर्षक था: भारत बांग्लादेश मिलन मेला 15 अप्रैल 2018। भारत बांग्लादेश सीमा पर मिलन मेला
वीडियो को वर्ष 2018 में अपलोड किया गया था।
कीवर्ड सर्च के दौरान हमें असम पुलिस द्वारा X पर एक पोस्ट भी मिली।
पोस्ट में कहा गया है: अप्रैल 2018 का एक पुराना वीडियो गलत दावों के साथ प्रसारित किया जा रहा है। दुर्भावनापूर्ण इरादे से दहशत फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, हमें बांग्लादेश में हिंदुओं द्वारा भारत में शरण लेने का प्रयास करने का एक हालिया वीडियो मिला।
समाचार एजेंसी आईएएनएस ने एक्स पर बताया है कि भारत के जलपाईगुड़ी जिले के पास एक सीमा बिंदु पर 300 से ज़्यादा बांग्लादेशी एकत्र हुए हैं।
निष्कर्ष: 2018 के भारत-बांग्लादेश मिलन मेले के पुराने वीडियो को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यह असम सीमा के ज़रिए भारत में घुसने की कोशिश कर रहे बांग्लादेशी हिंदुओं का हालिया वीडियो है। वायरल दावा भ्रामक है।