उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन का जन्म 8 जनवरी, 1984 को एक शासक परिवार हुआ था। किम जोंग-उन के दादा किम इल-सुंग (1912-1994) उत्तर कोरिया से संस्थापक माने जाते हैं। किम जोंग-उन की तरह ही उनके पिता किम जोंग-इल (1941-2011) भी उत्तर कोरिया के शासक थे।
साल 2011 में किम जोंग-इल की मौत के बाद 27 वर्षीय किम जोंग-उन ने कोरियाई स्टेट टेलीविजन पर खुद को उत्तराधिकारी (Great Successor) घोषित किया था। सुप्रीम लीडर के अलावा भी किम जोंग-उन के पास कई पद हैं।
जैसे- वह वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के फर्स्ट सेक्रेटरी हैं, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के चेयरमैन हैं, नेशनल डिफेंस कमीशन ऑफ नॉर्थ कोरिया के फर्स्ट चेयरमैन हैं, कोरियन पीपुल्स आर्मी के सुप्रीम कमांडर हैं। इसके अलावा वह कोरिया की वर्कर्स पार्टी के सेंट्रल पोलित ब्यूरो के प्रेसिडियम सदस्य भी हैं।
सात साल की उम्र में कार चलाते थे किम किम जोंग-उन
किम जोंग-उन का बचपन लाड़-प्यार भरा था। वाशिंगटन पोस्ट के बीजिंग ब्यूरो प्रमुख अन्ना फिफिल्ड ने किम जोंग-उन के जीवन पर एक किताब लिखी है। किताब का नाम ‘द ग्रेट सक्सेसर: द डिवाइनली परफेक्ट डेस्टिनी ऑफ ब्रिलियंट कॉमरेड किम जोंग उन’ है। किताब के मुताबिक, किम और उनके भाई-बहनों का जीवन विलासिता से भरा था।
किम और उनके भाई-बहनों को उनका मनपसंद खाना खिलाने के लिए एक पर्सनल शेफ तैनात रहता था। उनके कपड़े सिलने के लिए एक दर्जी को रखा गया था। खेलने के लिए एक ऐसा गार्डन तैयार किया गया था, जहां पिंजरों में बंद कर के बंदरों और भालुओं को रखा गया था। इससे दिलचस्प यह है कि सात साल के किम जोंग-उन अपनी खुद की कार थी।
VOX के पत्रकार एलेक्स वार्ड से बातचीत में अन्ना फिफिल्ड ने बताया है कि “किम जोंग-उन बचपन में बिगड़ैल थे। उन्हें 3-4 साल की उम्र से ही यह विश्वास दिलाते हुए पाला गया था कि वह एक देवता हैं। उन्हें एक विशेष रूप से तैयार की गई एक कार दी गई ताकि वह 7 साल की उम्र में उसे खुद चला सकें।”
फिफिल्ड आगे बताते हैं कि “उनका पर्सनल शेफ, किम और उनके भाई को मछली पकड़ने ले जाता था। जब भी शेफ मछली पकड़ता, किम तुरंत मछली पकड़ने वाली छड़ी को अपने हाथ में ले लेते ताकि वह दावा कर सकें कि उन्होंने खुद मछली पकड़ी है। वह जो चाहता थे, उन्हें मिल जाता था।”

नाम बदलकर स्विट्जरलैंड में की पढ़ाई
1990 के दशक में किशोर किम ने झूठी पहचान के साथ स्विट्जरलैंड में कई साल बिताए। उनकी स्कूली पढ़ाई वहीं हुई। स्विट्जरलैंड में किम के चाचा-चाची उनके अभिभावक थे। लेकिन वहां उन्होंने खुद को किम का माता-पिता बता रखा था।
जब वह स्कूल के बाद हर दिन पास के बास्केटबॉल कोर्ट में खेलते थे, तो वहां मौजूद अन्य लोगों को लगता था कि वह थाईलैंड से हैं क्योंकि थाई दूतावास करीब था। सच्चाई किसी को पता नहीं थी।
किताब में बताया गया है कि किम स्विस जर्मन अच्छी तरह से नहीं बोल पाते थे। उन्हें क्लास में बैठना भी बिलकुल पसंद नहीं था। वह अपने साथी छात्रों को लात से मारते थे और उन पर थूकते थे।
इंटरव्यू में लेखक ने बताया है कि “किम पढ़ाई में अच्छे नहीं थे, इसीलिए स्कूल में उनका मन नहीं लगता था। हालांकि स्विट्जरलैंड में उन्होंने चार दोस्त बनाए। एक से तो उन्होंने खुलकर बात भी की। किम ने बताया कि उनके पिता किम जोंग इल हैं। जाहिर है दोस्त ने उनकी बात पर यकीन नहीं किया।”
मां हैं आदर्श!
किम जोंग-उन का अपनी माँ के साथ घनिष्ठ संबंध था। अन्ना फिफिल्ड बताते हैं कि किताब पर शोध के दौरान एक दिलचस्प बात जो मेरे सामने आई, वह यह है कि ऐसा लगता है कि किम जोंग-उन के जीवन का अधिकांश हिस्सा उनकी मां ने तय किया। उनकी मां ‘को योंग हुई’ बहुत ही दूरदर्शी महिला थीं। वह चाहती थी किं उनके दोनों बेटे किम इल सुंग सैन्य अकादमी में जाएं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके पास देश और पार्टी को नेतृत्व देने की आवश्यक योग्यताएं हैं।
यह दिलचस्प है कि दुनिया को किम जोंग-उन के पिता के बारे में बहुत कुछ पता है, क्योंकि उन्होंने लगभग दो दशकों तक देश को चलाया। लेकिन किम की मां के बारे में लगभग कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है।
किताब से पता चलता है कि किम को सेना और बास्केटबॉल में रुचि अपनी मां की वजह से ही पैदा हुई। उनकी मां बहुत महत्वाकांक्षी महिला थीं। किम जोंग इल के बाद उत्तराधिकारी कौन होगा इसका निर्णय शायद किम जोंग-उन के बजाय उनकी माँ ने ही किया था।
ऐसा माना जाता है कि किम जोंग-उन अपनी मां को अपना आदर्श मानते हैं। किम और उनकी मां की एक साथ कई तस्वीरें हैं, जबकि पिता के साथ उनकी बहुत कम तस्वीरें हैं। वह अपनी मां के बहुत करीब थे। वह उनके पालन-पोषण में तब भी शामिल थी, जब वह स्विट्जरलैंड में थे। भले ही उन्हें किम जोंग इल की पत्नी के रूप में अपने सार्वजनिक कर्तव्यों में भाग लेना होता था लेकिन वह अपने बेटे के पालन-पोषण की जिम्मेदारी नहीं भूलतीं। किम की चाची और उनकी मां बहुत करीब थे।