अमेरिका के न्यूयॉर्क में नाली के पानी में पोलियो वायरस पाए जाने से हड़कंप मचा हुआ है। राज्य सरकार ने आपातकाल घोषित कर दिया है। न्यूयार्क में पोलियो को मामला करीब एक दशक बाद सामने आया है। राज्य सरकार ने आपातकाल लगा वैक्सीनेशन दर बढ़ाना का प्लान बनाया है। दरअसल राज्य के कई हिस्सों में आज भी पोलियो वैक्सीनेशन की दर काफी कम है।
इस बार कहां से हुई है शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पोलियो का वायरस लॉन्ग आइलैंड पर नासाउ काउंटी के नाली के दूषित पानी पाया गया है। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने न्यूयॉर्क शहर के साथ-साथ नजदीक के चार अन्य काउंटियों के नाली के पानी की जांच कराई। जांच रिपोर्ट में पोलियो के ऐसे वायरस सामने आए, जो लकवा का कारण बन सकते हैं।
राज्य सरकार ने तुरंत सावधानी बरतते हुए बूस्टर डोज देने का निर्देश जारी कर दिया है। अभी तक पोलियो संक्रमण का सिर्फ एक मामला सामने आया है। राज्य में लागू हुआ आपातकाल 9 अक्टूबर तक जारी रहेगा। अमेरिका 1979 में ही पोलियो मुक्त घोषित हो चुका है। वहां पोलियो वैक्सीनेशन की शुरुआत साल 1995 में हुई थी।
भारत भी है पोलियो मुक्त लेकिन अभियान जारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत भारत में भी साल 1995 में पल्स पोलियो टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए ओरल पोलियो टीका (OPV) की दो खुराक दी जाने लगी हैं। यानी दो बूंद जिंदगी की पिलाई जाने लगी। इस कार्यक्रम से पहली सफलता तमिलनाडु में मिली। उसे सबसे पहले पोलियो मुक्त राज्य घोषित किया गया।
साल 2011 में भारत को भी पोलियो मुक्त घोषित किया गया। लेकिन पल्स पोलियो अभियान आज भी जारी है क्योंकि वायरस के वापस लौटने का खतरा बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि 25 अप्रैल 2022 को कोलकाता में श्यामलाल लेन ईएस साइट से सीवेज के नमूने में पोलियो का वायरस मिला था। वायरस के इस नए वेरिएंट को ”VDPV” टाइप वन नाम दिया गया। WHO ने इसे एक चेतावनी माना और तब से राज्य में एक्टिव मोड में है।
क्या हैं लक्षण?
पोलियोमेलाइटिस वायरस रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है। पोलियो विकलांग कर देने वाला घातक संक्रामक रोग है। अब तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं खोजा जा सकता है। वैक्सीनेशन के जरिए रोग से बचाव एवं नियंत्रण का फिलहाल उपाय है। भारत सरकार के नेशनल हेल्थ पोर्टल के मुताबिक, पोलियो के सभी 95% मामलों में व्यक्ति में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते है।
कुछ मामलों में लक्षण नजर आते हैं, जो इस प्रकार हैं- गले में खराश, बुखार, मतली, उल्टी, पेट में दर्द, कब्ज या डायरिया और इन्फ्लूएंजा। अगर ये लक्षण बने रहते हैं तो आगे के दिनों में गर्दन, पीठ और पैर में अकड़न शुरु होता है।