उद्घाटन समारोह (28 मई 2023) के करीब चार महीने बाद नया संसद भवन कामकाज के लिए खुल गया है। विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार (19 सितंबर, 2023) को नए संसद भवन में पहली बार संसद की कार्यवाही की चली। दिलचस्प यह है पहले दिन जहां विभिन्न दल के सांसद नए संसद भवन में बैठने की व्यवस्था समेत अन्य चीजों को लेकर संघर्ष कर रहे थे।
वहीं कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम के मन में कुछ और ही चल रहा था। वह नए संसद भवन में कैंटीन की तलाश में जुटे हुए थे। उन्हें पार्टी के सहयोगियों से यह कहते हुए सुना गया, “मैं बहुत भूखा हूं। मुझे पता लगाना होगा कि खाना कहां मिलेगा।”
कार्ति चिदंबरम ही नहीं, कई और सांसद भूखे थे लेकिन क्यों?
कल पुराने संसद भवन का आखिरी दिन था। सभी सांसदों को फोटो सेशन के लिए मंगलवार सुबह 9:30 बजे से पहले पुराने संसद भवन पहुंचना था। सुबह-सुबह पहुंचने की जल्दबाजी में कई लोग बिना नाश्ता किए ही घर से निकल गए थे। सेंट्रल हॉल में आयोजित समारोह दोपहर के भोजन के समय तक जारी रहा।
इस समारोह के तुरंत बाद लोकसभा शुरू होने वाली थी। ऐसे में बिना नाश्ता किए घर से निकले सांसदों की हालत खराब होने लगी। इसे लेकर कई लोगों को शिकायत करते हुए भी सुना गया। कार्ति चिदंबरम भी इसलिए भूख से परेशान होकर कैंटीन की खोज में लगे हुए थे।

नई कैंटीन का पहला एमपी-ग्राहक कौन?
भूख से परेशान सांसद कार्ति कैंटीन का पता लगाने में कामयाब रहे। उन्होंने मटन बिरयानी खाई। इस तरह वह नई कैंटीन के पहले एमपी-ग्राहक भी बन गए। कार्ति चिदंबरम ने ट्वीटर पर नए संसद भवन की अपनी सीट की तस्वीर भी शेयर की है। उनके सीट का नंबर 542 है।
बता दें नये संसद भवन की कैंटीन का डिजिटाइजेशन कर दिया गया है। संसद की कैंटीन के लिए भारतीय पर्यटन विकास निगम ने ‘संसद कैफेटेरिया’ मोबाइल ऐप बनाया है। इस मोबाइल ऐप की मदद से सांसद और संसद भवन के दूसरे कर्मचारी ऑनलाइन ऑर्डर देकर कैंटीन से खाना मंगा सकते हैं। ऐप पर ऑनलाइन पेमेंट की भी व्यवस्था है।
पहले दिन सांसदों को मिला गिफ्ट
नए संसद भवन में सांसदों का स्वागत एक विशेष उपहार के साथ किया गया। सांसदों को उपहार स्वरूप संविधान की एक प्रति, एक पुस्तिका, एक टिकट और एक स्मारक सिक्का के साथ-साथ एक जूट बैग भी दिया गया है। पुस्तिका में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के नोट्स के साथ अब तक के सभी सांसदों के नाम और नए परिसर का विवरण है। जूट के थैलों पर सांसदों के नाम लिखा हुआ है।
नए संसद भवन में छह प्रवेश द्वार
नई संसद में छह प्रवेश द्वार हैं। हर द्वार का अलग-अलग नाम है- गज, अश्व, गरुड़, मकर, शार्दुला और हम्सा। संसद कला परियोजना पर मौजूद एक सरकारी नोट के अनुसार, उत्तर के प्रवेश द्वार का नाम गज है। वहां गज यानी हाथी की मूर्ति भी स्थापित की गई है। हाथी को ज्ञान और धन, बुद्धि और स्मृति का प्रतिक माना जाता है।
अश्व: दक्षिणी प्रवेश द्वार पर सतर्क और तैयार खड़ा अश्व या घोड़ा धीरज, शक्ति और गति का प्रतीक है, जो शासन की गुणवत्ता का भी वर्णन करता है। गरुड़: गरुड़ पूर्वी प्रवेश द्वार पर खड़ा है, जो देश के लोगों और प्रशासकों की आकांक्षाओं का प्रतीक है। इसी तरह अन्य द्वारों की भी व्याख्या की गई है।