Gujarat and Himachal Election Results coverage on NDTV: गुजरात व‍िधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) और ह‍िमाचल प्रदेश व‍िधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election) की मतगणना का कवरेज इस बार एनडीटीवी (NDTV) पर थोड़ा अलग अंदाज में द‍िखाई द‍िया। देश में चुनाव कवरेज (Election coverage) को नए तेवर और कलेवर के साथ शुरुआत करने वाले प्रणय रॉय इस बार एनडीटीवी चुनाव पर‍िणाम कवरेज से दूर रहे।

गुजरात व ह‍िमाचल व‍िधानसभा चुनाव पर‍िणाम कवरेज में एनडीटीवी पर इस बार गूढ़ व‍िश्‍लेषण कम द‍िखा। ग्राउंड से र‍िपोटर्स कवरेज ज्‍यादा द‍िखा। चुनावी कवरेज में एनडीटीवी की पहचान आंकड़ों व उनके व‍िश्‍लेषण के ल‍िए रही है। प्रणय रॉय हर बार मतगणना के द‍िन सुबह से ही स्‍क्रीन पर द‍िखाई देते थे और नामी लोगों के साथ पैनल ड‍िस्‍कशन में पर‍िणामों से जुड़े एक-एक पहलू का व‍िश्‍लेषण क‍िया करते थे।

बता दें क‍ि उन्‍होंने एनडीटीवी की प्रोमोटर कंपनी के न‍िदेशक मंडल से इस्‍तीफा दे द‍िया है और कंपनी में अब गौतम अडानी का समूह सबसे बड़ा ह‍िस्‍सेदार बन गया है।

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प्रणय रॉय ने की थी चुनावी विश्लेषण की शुरुआत

एनडीटीवी की स्थापना के एक साल बाद दिसंबर 1989 में प्रणय ने एक इलेक्शन शो प्रस्तुत किया था। बाद में वह शो टीवी मीडिया के लिए इलेक्शन रिजल्ट कवर करने का मानक बन गया। कह सकते हैं कि आज टीवी मीडिया में जिस तरह चुनावी नतीजों को कवर किया जाता है, उसकी रूपरेखा प्रणय रॉय ने बनाई थी।

जब प्रणय रॉय ने इलेक्शन रिजल्ट पर शो बनाया था, जब समाचार जगत में केवल पार्टियों के जीत-हार की घोषणा करने का चलन था। लेकिन रॉय ने नतीजों को राष्ट्र का मिजाज बनाकर पेश करना शुरु किया। और मतगणना से निकले परिणाम के विश्लेषण की प्रथा शुरु की।

97 हॉटलाइन से हुई थी चुनाव के नतीजों की कवरेज

प्रणय रॉय के इलेक्शन शो से पहले भारतीय दर्शकों ने कभी इस तरह की चकाचौंध करने वाली तकनीक नहीं देखी थी। उस वर्ष की इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रोड्यूसर्स (तब एनडीटीवी दूरदर्शन के लिए शो प्रोड्यूस करता था।) ने स्टूडियो को राज्यों की राजधानियों, मुख्य चुनाव अधिकारियों और प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों से जोड़ने के लिए 97 हॉट-लाइन्स सेटअप किया था। उन हॉट लाइन्स को देश भर में 15 ओबी वैन (outdoor broadcast vans) से कनेक्ट किया गया था। दूरदर्शन के इस शो को बनाने में ढ़ाई करोड़ रुपये खर्च हुए थे, उसमें से 16 लाख रुपये एनडीटीवी को प्रोडक्शन के लिए दिया गया था।

बिना प्रणय रॉय के कैसा रहा NDTV का चुनावी कवरेज?