‘लाइटहाउस जर्नलिज्म’ (Lighthouse Journalism) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बड़े पैमाने पर शेयर किया जा रहा एक वीडियो मिला। इस वीडियो में नेशनल कैडेट कोर (NCC) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स दिखाई दे रहे थे।
वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना गया, “खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, इस साल मई में पाकिस्तानी ड्रोन नई दिल्ली और यहां तक कि गुजरात तक पहुंच गए थे। अगर उन्होंने हमला किया होता और वापस नहीं गए होते तो हमें भारी नुकसान होता।”
वीडियो में वह यह भी दावा करते हैं कि अफसोस की बात है कि भारत के पास वह ड्रोन तकनीक नहीं है जो पाकिस्तान के पास है।
जांच के दौरान हमने पाया कि वायरल दावा झूठा है। वीडियो को एआई (AI) टूल्स का उपयोग करके एडिट किया गया था।
क्या है दावा?
एक्स (X) यूजर नवाज खान ने झूठे दावे के साथ अपने प्रोफाइल पर वीडियो शेयर किया।
एक अन्य अकाउंट जिसे भारत में ब्लॉक (withheld) कर दिया गया है, ‘द व्हिसल ब्लोअर’ (The Whistle Blower) ने भी यही वीडियो शेयर किया था।

अन्य यूजर्स ने भी इस दावे को शेयर किया।
जांच पड़ताल:
हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखकर जांच शुरू की। वीडियो पूरी तरह से एआई जनरेटेड नहीं लग रहा था और इसमें ऊपर दाईं ओर एक भारतीय समाचार एजेंसी, ‘आईएएनएस’ (IANS) का लोगो था।
फिर हमने IANS के एक्स प्रोफाइल पर वीडियो को सर्च किया। हमें यह वीडियो 11 दिसंबर को IANS हैंडल पर पोस्ट किया हुआ मिला।
कैप्शन के मुताबिक, जनरल वीरेंद्र वत्स कहते हैं: “ड्रोन हमारी अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख भूमिका निभाएंगे। इसलिए, हमारे कैडेटों के लिए बड़े अवसर खोलने के अलावा, ड्रोन और साइबर मुद्दों के मामले में हमारे रक्षा बलों को मजबूत करने की क्षमता भी बढ़ेगी। इसलिए, आने वाले समय में, आप देखेंगे कि एनसीसीसी (NCCC), आप कह सकते हैं एनसीसीसीसी (नेशनल साइबर कैडेट कोर), कुछ चुनिंदा कैडेटों को फर्स्ट-क्लास साइबर ट्रेनिंग दी जाएगी…”
वायरल वीडियो में सुना गया विवादास्पद बयान इस ओरिजिनल वीडियो में नहीं सुना गया। हालांकि, वायरल क्लिप की तुलना में शरीर की हरकत (body movement) थोड़ी अलग लग रही थी। ओरिजिनल वीडियो की तुलना में वायरल क्लिप में यह बहुत नियंत्रित (controlled) थी।
‘पीआईबी फैक्ट चेक’ (PIB Fact Check) ने भी वायरल वीडियो पर स्पष्टीकरण दिया था।
हमने ‘हिया डीपफेक वॉयस डिटेक्टर’ (Hiya Deepfake Voice Detector) गूगल क्रोम एक्सटेंशन के माध्यम से वीडियो की जांच की, यह टूल अनिश्चित था कि आवाज असली थी या नहीं। हमने ‘undetectable.ai’ के माध्यम से भी वीडियो की जांच की, जिसने सुझाव दिया कि वीडियो एआई-जनरेटेड (AI-generated) था।

निष्कर्ष: एनसीसी डीजी वीरेंद्र वत्स द्वारा भारत की तुलना में पाकिस्तान की ड्रोन तकनीक की तारीफ करने का दावा करने वाला वायरल वीडियो एआई (AI) तकनीक का उपयोग करके एडिट किया गया है। वायरल दावा झूठा है।
