‘मुंबई आमची नाही कोणाच्या बापाची’, (मुंबई हमारी है किसी के बाप की नहीं है)। एक वक्त में यह नारा बाल ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना का था लेकिन आज शिवसेना के दोनों धड़ों के उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार के दौरान यह नारा मुंबई में गूंज रहा है। शिवसेना के दोनों धड़ों में बाल ठाकरे की राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी होने की लड़ाई चल रही है।
मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से तीन सीटों- मुंबई नॉर्थ-वेस्ट, मुंबई साउथ और मुंबई साउथ-सेंट्रल पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की यूबीटी के बीच सीधा मुकाबला है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब बीजेपी और अविभाजित शिवसेना गठबंधन में थे तो इस गठबंधन ने इन तीन सीटों के अलावा मुंबई नॉर्थ-ईस्ट, मुंबई नॉर्थ-सेंट्रल और मुंबई नॉर्थ की सीट भी जीती थी।
Mumbai North: पहला चुनाव लड़ रहे पीयूष गोयल
मुंबई नॉर्थ की सीट पर भाजपा पिछले दो चुनाव से लगातार जीत हासिल कर रही है। पार्टी ने इस बार यहां से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को उम्मीदवार बनाया है। पीयूष गोयल का यह पहला लोकसभा चुनाव है। उनका मुकाबला मुंबई कांग्रेस के उपाध्यक्ष भूषण पाटिल से है।
मुंबई नॉर्थ-सेंट्रल सीट पर भी जोरदार चुनावी मुकाबला है। यहां एनडीए गठबंधन से बीजेपी के उम्मीदवार उज्जवल निकम और मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ आमने-सामने हैं। उज्जवल निकम मुंबई पर हुए आतंकी हमले के मामले में सरकारी वकील थे।

बीजेपी ने यहां से पहले मौजूदा सांसद पूनम महाजन को ही टिकट दिया था लेकिन बाद में उनकी जगह पर उज्जवल निकम को उम्मीदवार बना दिया। मुंबई नॉर्थ-ईस्ट की सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार मेहर कोटेचा हैं, उन्हें शिवसेना (यूबीटी) के प्रत्याशी और पूर्व सांसद संजय दीना पाटिल चुनौती दे रहे हैं।
Mumbai North west: वाइकर और कीर्तिकर की है टक्कर
मुंबई नॉर्थ-वेस्ट की सीट पर महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और शिवसेना के उम्मीदवार रविंद्र वाइकर और यूबीटी के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर के बीच सीधा मुकाबला है। अमोल कीर्तिकर यहां के मौजूदा सांसद गंजन कीर्तिकर के बेटे हैं। गंजन कीर्तिकर ने यहां से पिछले दो चुनाव जीते थे।
मुंबई साउथ की सीट पर शिवसेना ने यामिनी यादव को टिकट दिया है जबकि शिवसेना (यूबीटी) ने लगातार दो बार चुनाव जीत चुके अरविंद सावंत को उम्मीदवार बनाया है। मुंबई साउथ-सेंट्रल की सीट पर दो बार के मौजूदा सांसद राहुल शेवाले को शिवसेना ने टिकट दिया है। वह यहां से यूबीटी के उम्मीदवार अनिल देसाई के सामने चुनाव लड़ रहे हैं।

Uddhav Thackeray Muslim Politics: मुस्लिम समुदाय तक पहुंच रहे उद्धव
चुनाव प्रचार के दौरान उद्धव ठाकरे ने मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने की कोशिश की है। मुंबई में मुस्लिम समुदाय की आबादी प्रतिशत 16 से 20% तक है। यूबीटी मुंबई में चार लोकसभा सीटों पर पूरी ताकत झोंक रही है। इन लोकसभा सीटों के अंदर मुस्लिम बहुल इलाके गोवंडी, अणुशक्ति नगर, मानखुर्द, माहिम, कुर्ला, बांद्रा पूर्व और पश्चिम, भायखला, खेतवाड़ी, जोगेश्वरी पूर्व और पश्चिम, डिंडोशी, ओशिवारा, मस्जिद बंदर और उमरखाडी आते हैं।
Devendra Fadnavis: फडणवीस का उद्धव पर हमला
उद्धव के मुस्लिम समुदाय तक पहुंच बढ़ाने को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। देवेंद्र ने एक हालिया इंटरव्यू में कहा था, “मुस्लिम समुदाय के तुष्टिकरण की जैसी राजनीति उद्धव ठाकरे कर रहे हैं, ऐसा तुष्टिकरण तो कभी कांग्रेस ने भी नहीं किया। उद्धव ठाकरे अपने गिरते वोट शेयर की भरपाई मुस्लिम वोटों से करने की कोशिश कर रहे हैं। आप कल्पना कीजिए कि अगर बालासाहेब ठाकरे की रैली में पाकिस्तान का झंडा दिखाई देता तो क्या होता। उद्धव ठाकरे की रैली में पाकिस्तान के झंडे दिखाई दिए। यह केवल हरे झंडे नहीं थे बल्कि पाकिस्तान के असली झंडे थे और वह इसे लेकर खामोश हैं।”
फडणवीस ने कहा था, “टीपू सुल्तान के समर्थन वाले नारे भी लगाए जा रहे हैं लेकिन वह एक भी शब्द नहीं बोल रहे हैं।”
मुंबई में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग उद्धव के पक्ष में दिखाई देते हैं। जोगेश्वरी ईस्ट के प्रेम नगर में रहने वाले मोहम्मद नूर कहते हैं, “हम उद्धव ठाकरे में एक उदारवादी नेता को देखते हैं और वह हमें इसका भरोसा दे रहे हैं। वह बीजेपी की तरह नहीं हैं, जिसने मुसलमानों से पूरी तरह दूरी बना ली है।”

Mahayuti Alliance: मोदी-योगी ने किया प्रचार
चुनाव प्रचार के दौरान महाविकास आघाड़ी के लिए मराठी, मुस्लिम और दलित समुदाय का समर्थन बेहद जरूरी है जबकि एनडीए गठबंधन को उत्तर भारतीयों और गुजराती मतों का भरोसा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर भारतीय वोटों को एकजुट करने के लिए यहां चुनाव प्रचार कर चुके हैं। महाराष्ट्र में सरकार चला रहे एनडीए गठबंधन को नरेंद्र मोदी फैक्टर का भी भरोसा है। शुक्रवार को शिवाजी पार्क में आयोजित चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विकसित भारत की बीजेपी की सोच के लिए मुंबई बहुत जरूरी है।
राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य स्थानीय मुद्दे जैसे- झुग्गी-झोपड़ी का रीडिवेलपमेंट और स्वास्थ्य पर भी चुनाव प्रचार के दौरान बात हो रही है। सरकार की उपलब्धियों को लेकर फडणवीस कहते हैं, “सरकार में होते हुए आप जो कुछ करते हैं उससे आपको लोगों की सद्भावना मिलती है। हम नतीजे देते हैं। हमारा फोकस विकास पर है। जब लोग अटल सेतु, कोस्टल रोड, मेट्रो से होकर जाते हैं तो वे हमारी सरकार के किए हुए कामों को देखते हैं।”

Mumbai Congress: मुंबई की उपेक्षा का मुद्दा उठाया
चुनाव प्रचार के दौरान महाविकास आघाडी मुंबई और महाराष्ट्र की उपेक्षा की बात कह रहा है। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स जैसे- वेदांता फॉक्सकाम को गुजरात ले जाने का मुद्दा उठाया है। पृथ्वीराज चौहान ने कहा था कि यह मुंबईकर के लिए एक मुद्दा है और इसका चुनाव पर असर पड़ेगा।
उद्धव ठाकरे ने भी एक हालिया चुनाव रैली में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और शिवसेना ने न सिर्फ उनके पिता बालासाहेब ठाकरे की पार्टी को चुरा लिया है बल्कि वह मुंबई के प्रोजेक्ट्स को यहां से गुजरात ले जा रहे हैं। उन्होंने मुसलमान और पाकिस्तान का डर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि लोगों की मुख्य मांग भोजन, नौकरी और सुरक्षा है।