बीजेपी ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को जब मंडी से टिकट दिया था तो यह कहा जा रहा था कि सेलेब्रिटी होने के नाते कंगना के लिए यहां से चुनाव जीतना मुश्किल नहीं होगा लेकिन मंडी में चुनावी लड़ाई आसान नहीं है। इसके पीछे वजह उनके सामने वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह का होना है। कंगना रनौत और विक्रमादित्य सिंह के बीच चल रही चुनावी बयानबाजी भी इस चुनाव के नतीजों को काफी हद तक प्रभावित करेगी। विक्रमादित्य सिंह के पास हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण विभाग जैसा अहम मंत्रालय है। 

कंगना रनौत जिस तरह पिछले कुछ सालों से कई मसलों पर बीजेपी का समर्थन कर रही थीं और खुलकर राष्ट्रवाद की पिच पर खेल रही थीं, उससे यह माना जा रहा था कि भाजपा उन्हें हिमाचल प्रदेश से लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है और ऐसा ही हुआ। 

राजा और रानी के बीच है मुकाबला

विक्रमादित्य चूंकि रामपुर के राजघराने से आते हैं और कंगना रनौत को बॉलीवुड में क्वीन कहा जाता था इसलिए इस सीट पर चुनावी मुकाबला राजा और रानी के बीच में भी है। मंडी भारत में राजस्थान के बाड़मेर संसदीय क्षेत्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है।

यह संसदीय क्षेत्र 6 जिलों- मंडी, चंबा, शिमला, लाहौल और स्पीति, किन्नौर और कुल्लू में फैला हुआ है और इसमें 17 विधानसभाएं आती हैं। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इन 17 सीटों में से कांग्रेस को केवल चार सीटों पर जीत मिली थी। 

Bhupinder Singh Hooda
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनोहर लाल खट्टर। (Source-FB)

अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वालीं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत मंडी लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान भी अपने बयानों को लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं। लेकिन कंगना के ये बयान उनके लिए मुश्किल भी खड़ी कर सकते हैं। आइए, कंगना के कुछ पुराने बयानों से बात आगे बढ़ाते हैं। 

किसान आंदोलन की दादी पर किया विवादित ट्वीट 

कंगना रनौत जब तक बॉलीवुड में एक्टिव थीं, तब आए दिन फिल्मी कलाकारों और नेताओं से उनका विवाद होता था। वह करण जौहर से लेकर तापसी पन्नू, स्वरा भास्कर और आयुष्मान खुराना से भिड़ चुकी थीं। उन्होंने किसान आंदोलन में हिस्सा लेने वालीं एक दादी को लेकर विवादित ट्वीट किया था। तब वह सोशल मीडिया पर आंदोलन के समर्थकों के निशाने पर रही थीं। 

उद्धव ठाकरे से लिया पंगा 

महाराष्ट्र में जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार थी, तब कंगना रनौत ने सीधे-सीधे ठाकरे से ही पंगा ले लिया था। जब बीएमसी ने कंगना के बांद्रा स्थित दफ्तर के एक हिस्से को गिरा दिया था, तब कंगना ने कहा था कि उन्हें मुंबई पीओके की तरह लगती है। तब इस बयान को लेकर शिवसेना और उसके सहयोगी दल कंगना पर भड़क गए थे। कंगना ने उद्धव ठाकरे से काफी तू-तड़ाक भी की थी। 

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बीते शुक्रवार को शंभू रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करते किसान। (Express Photo)

Kangana Ranaut Mandi: विक्रमादित्य को कहा छोटा पप्पू

मंडी लोकसभा सीट में चुनाव प्रचार के दौरान कंगना ने विक्रमादित्य को छोटा पप्पू बताया और बिगड़ैल शहजादा भी कहा। कंगना रनौत के पक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी जनसभा को संबोधित कर चुके हैं जबकि विक्रमादित्य सिंह के लिए उनकी मां और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह पूरी ताकत झोंक रही है। 

विक्रमादित्य सिंह कहते हैं कि राजनीति कोई पार्ट टाइम जॉब नहीं है, राजनीति में दिन-रात लोगों के बीच रहना होता है। विक्रमादित्य सिंह कहते हैं कि 4 जून को चुनाव नतीजे आने के बाद कंगना अपना बैग पैक करके मुंबई वापस चली जाएंगी। 

Vikramaditya Singh: विक्रमादित्य को पिता के काम से है उम्मीद 

विक्रमादित्य सिंह मंडी में चुनाव प्रचार के दौरान अपने पिता वीरभद्र सिंह के इस लोकसभा क्षेत्र में कराए गए कामों को गिनाते हैं। वह लोगों को बताते हैं कि वीरभद्र सिंह ने ही मंडी को सेंट्रल जोन का स्टेटस दिलाया और यहां आईआईटी और मेडिकल कॉलेज की स्थापना करवाई। वह अपनी मां प्रतिभा सिंह और खुद के द्वारा कराए गए विकास कार्यों के बारे में भी लोगों को बताते हैं। विक्रमादित्य सिंह को यहां पर संयुक्त किसान मंच की ओर से भी समर्थन मिल रहा है। 

मंडी लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा, पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक और राष्ट्रवाद के अन्य मुद्दे भी चर्चा में हैं। कंगना मोदी सरकार के द्वारा किए गए कामों के आधार पर लोगों से वोट मांग रही हैं। 

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(बाएं से) भगवंत मान, सुनील जाखड़, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और सुखबीर सिंह बादल। (Source-FB)

Virbhadra Singh: छह बार जीता है वीरभद्र सिंह का परिवार

मंडी लोकसभा सीट वीरभद्र सिंह के परिवार का गढ़ है। आजादी के बाद हुए अब तक 20 लोकसभा चुनाव में से कांग्रेस यहां पर 14 बार जीत दर्ज कर चुकी है। इसमें से भी वीरभद्र सिंह के परिवार को छह बार जीत मिली है। वीरभद्र सिंह के अलावा उनकी पत्नी और प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी यहां से जीतकर तीन बार लोकसभा पहुंची हैं। 

Pratibha Singh Mandi: प्रतिभा सिंह को मिली थी बड़ी जीत 

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस सीट पर 4 लाख से ज्यादा वोटों से जीत मिली थी। तब बीजेपी सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कांग्रेस के उम्मीदवार आश्रय शर्मा को हराया था लेकिन रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद 2021 में जब यहां पर उपचुनाव हुआ तो प्रतिभा सिंह ने 2019 की बड़ी चुनावी हार को कांग्रेस की जीत में बदल दिया। भले ही उनकी जीत का अंतर 9,000 वोटों का रहा हो लेकिन उन्होंने मंडी सीट जीतकर बीजेपी को परेशान कर दिया था क्योंकि मंडी उपचुनाव को जीतने के लिए बीजेपी ने बहुत ताकत लगाई थी। 

2022 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश में जीत मिली थी तब प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री पद की दावेदार थीं लेकिन हाईकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया था। 

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किरोड़ी लाल मीणा और जयंत सिन्हा। (Source-FB)

जब मंडी में उपचुनाव हुआ था तो वीरभद्र सिंह के निधन के बाद प्रतिभा सिंह को जबरदस्त सहानुभूति मिली थी और उनकी जीत में सहानुभूति लहर को ही बड़ी वजह माना गया था। वीरभद्र सिंह का बेटा होने का फायदा यहां विक्रमादित्य सिंह को मिल सकता है। ऐसे में कंगना के द्वारा विक्रमादित्य सिंह को लेकर दिए गए बयान बॉलीवुड अभिनेत्री को भारी भी पड़ सकते हैं। 

Mandi Lok Sabha: लोअर मंडी में झुकाव कंगना की ओर!

मंडी लोकसभा क्षेत्र के लोग मानते हैं कि इस संसदीय क्षेत्र के अपर मंडी इलाके में विक्रमादित्य सिंह का प्रभाव अच्छा है जबकि लोअर मंडी के इलाके में कंगना रनौत को सियासी फायदा मिल सकता है। अपर मंडी में भरमौर, लाहौल और स्पीति, मनाली, कुल्लू, रामपुर और किन्नौर विधानसभा क्षेत्र आते हैं जबकि लोअर मंडी के इलाके में बंजार, आनी, करसोग, सुंदरनगर, नाचन, सेराज, दरंग, जोगिंदरनगर, मंडी, बल्ह और सरकाघाट सीटें आती हैं।