BJP Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के युद्ध के लिए जो सियासी अखाड़ा सजकर तैयार हुआ है, उसमें लोकसभा चुनाव 2024 में राजनीतिक दलों के द्वारा किए गए प्रदर्शन को भी आधार बनाया जा रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव हुए अभी कुछ ही महीने बीते है। आंकड़े कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के नतीजों में भले ही बीजेपी की सीटें जरूर गिरी हों लेकिन उसके वोट शेयर में बहुत बड़ी गिरावट नहीं आई है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के हिसाब से महा विकास अघाड़ी (MVA) में शामिल दलों के हौसले बुलंद हैं लेकिन चुनाव नतीजों में खराब प्रदर्शन के बाद भी महायुति में सबसे बड़े दल बीजेपी को कमतर नहीं आंका जा सकता। 2014 के बाद से ही महाराष्ट्र में बीजेपी का वोट शेयर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी अन्य राजनीतिक दलों के मुकाबले ज्यादा रहा है।
महाराष्ट्र में पिछले दो लोकसभा चुनाव में किसे कितनी सीटें मिली
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 9 | 23 |
कांग्रेस | 13 | 1 |
एनसीपी | 1 | 4 |
एनसीपी (शरद पवार) | 8 | – |
शिवसेना (यूबीटी) | 9 | – |
शिवसेना | 7 | 18 |
पिछले कुछ विधानसभा और लोकसभा चुनावों के आंकड़े इसकी गवाही देते हैं।
महाराष्ट्र में नामांकन का वक्त खत्म हो चुका है और आने वाले कुछ दिनों तक बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के दोनों गुटों के तमाम बड़े नेता राज्य में चुनावी रैलियां और धुआंधार चुनाव प्रचार करते दिखाई देंगे। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं और इन सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। 23 नवंबर को मतों की गिनती होगी।
राज्य में सरकार चला रही महायुति (बीजेपी, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी) और MVA (कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और उद्धव की शिवसेना) के बीच बेहद कड़ा और नजदीकी मुकाबला दिखाई दे रहा है। कुछ छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव में दम-खम दिखा रहे हैं।
पिछले कुछ लोकसभा चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को 28 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद सिर्फ 9 सीटों पर जीत मिली लेकिन उसने 26.4% वोट शेयर हासिल किए और यह बाकी सभी राजनीतिक दलों से ज्यादा है। हालांकि बीजेपी के चुनावी प्रदर्शन की 2019 के लोकसभा चुनाव से तुलना करें तो यह निश्चित रूप से खराब रहा था लेकिन महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेताओं को इस बात का संतोष है कि सीटें कम आने के बाद भी उनके वोट शेयर में ज्यादा कमी नहीं आई।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और 13 सीटें जीती। भले ही कांग्रेस ने सीटें बीजेपी से ज्यादा जीती लेकिन उसका वोट शेयर कम रहा। कांग्रेस को 16.9% वोट मिले। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा और नौ सीटें जीतीं, उसे 16.7% वोट मिले जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने 10 सीटों पर चुनाव लड़कर आठ सीटें जीतीं और 10.3% वोट शेयर हासिल किए।
बीजेपी के सहयोगियों की अगर बात करें तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 13% वोट शेयर के साथ 15 सीटों पर चुनाव लड़ा और सात सीटें जीतीं। अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने कुल 3.6% वोट शेयर के साथ चार सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ़ एक सीट जीती।
2019 में भी आगे रही थी बीजेपी
2019 में बीजेपी को 27.8% वोट मिले थे, जो 2024 में मिले वोट शेयर से थोड़ा ज्यादा है। कांग्रेस को 16.4% वोट मिले थे जबकि अविभाजित शिवसेना और एनसीपी ने क्रमशः 23.5% और 15.7% वोट हासिल किए थे।
2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी का वोट शेयर अन्य दलों से ज्यादा रहा। 2019 में जब इसका अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन था, तब पार्टी ने 164 सीटों पर चुनाव लड़ा और 25.8% वोट शेयर हासिल किया। जबकि इसके विरोधी दलों- कांग्रेस और अविभाजित एनसीपी को क्रमशः 15.9% और 16.7% वोट मिले थे। अविभाजित शिवसेना ने 16.4% वोट हासिल किए थे।
पिछले कुछ विधानसभा चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर
हालांकि बीजेपी के चुनावी प्रदर्शन की 2019 के लोकसभा चुनाव से तुलना करें तो यह निश्चित रूप से खराब रहा था लेकिन महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेताओं को इस बात का संतोष है कि सीटें कम आने के बाद भी उनके वोट शेयर में ज्यादा कमी नहीं आई।

अकेले लड़ने पर भी सबसे ज्यादा रहा था वोट शेयर
यहां तक कि 2014 में जब बीजेपी ने अकेले 260 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था तब उसे 27.8% वोट मिले थे और वह अविभाजित शिवसेना (19.4%), कांग्रेस (18%) और अविभाजित एनसीपी (17.2%) से बहुत आगे रही थी। उस साल कांग्रेस और एनसीपी ने भी गठबंधन में चुनाव नहीं लड़ा था। 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 24 सीटों पर चुनाव लड़कर 23 सीटें जीती थीं और उसे 27.6% वोट मिले थे। शिवसेना को तब 20.8% वोट मिले थे, उसके बाद कांग्रेस को 18.3% और एनसीपी को 16.1% वोट मिले थे।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 10 सालों में बीजेपी ने एनडीए में शामिल और राज्य में सभी विपक्षी दलों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। बीजेपी के एक नेता का कहना है कि यह साबित करता है कि हमारा कोर वोट बैंक हमारे साथ बना हुआ है। उनका कहना है कि यह कोर वोट बैंक राज्य के ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों में अधिक है।
महायुति को पीछे छोड़ देगा MVA?
तमाम आंकड़ों को देखने के बाद बड़ा सवाल यह है कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजों में काफी आगे रहने वाला MVA गठबंधन क्या अपनी बढ़त को बरकरार रख पाएगा? क्या MVA में शामिल दल लोकसभा चुनाव में किए गए प्रदर्शन को विधानसभा चुनाव में भी बरकरार रख पाएंगे? क्या वे बीजेपी और महायुति को सीटों के मामले में उसी तरह पछाड़ पाएंगे जैसा उन्होंने लोकसभा चुनाव में किया? इन सब बड़े सवालों के बीच ही महाराष्ट्र का चुनावी घमासान बेहद दिलचस्प और जोरदार हो गया है।