चुनावों में डिजिटल वर्ल्ड की भूमिका महत्वपूर्ण और प्रभावी होती जा रही है। हालांकि, अब बहस सोशल मीडिया के उपयोग और दुरुपयोग से आगे निकल चुकी है। मामला केवल पहचान छिपाकर गलत सूचना फैलाने भर नहीं रह गया है। अब तो बड़े-बड़े राजनीतिक दल योजनाबद्ध तरीकों से डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने के लिए कर रहे हैं।  

मतदान शुरू होने से करीब 38 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद हो जाता है। इसे अंग्रेजी में ‘साइलेंस पीरियड’ कहते हैं। ये पीरियड मतदान वाले द‍िन से दो द‍िन पहले की शाम पांच बजे से शुरू होता है। जैसे, 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान हुआ तो 17 अप्रैल शाम पांच बजे के बाद न‍ियमानुसार प्रचार पर पाबंदी का वक्‍त शुरू हो गया था। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 ‘साइलेंस पीरियड’ के दौरान टेलीविजन या इसी तरह के किसी उपकरण के माध्यम से चुनाव प्रचार पर रोक लगती है।

प्रचार पर पाबंदी के समय में भी पोस्‍ट करते रहे व‍िज्ञापन

चुनाव आयोग ने अपनी विभिन्न अधिसूचनाओं में स्पष्ट किया है कि धारा 126 सोशल मीडिया पर भी लागू है। लेकिन राजनीतिक दल चुनाव आयोग की अधिसूचनाओं को लगातार ठेंगा दिखा रहे हैं। ‘साइलेंस पीरियड’ दौरान राजनीतिक प्रचार पर रोक लगाने वाले स्पष्ट नियमों के बावजूद पार्टियां इस दौरान सोशल मीडिया पर विज्ञापन चलाने के लिए जमकर पैसा खर्च कर रही हैं।

सीएसडीएस-लोकनीति द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया है पहले चरण के मतदान (19 अप्रैल) से पहले के ‘साइलेंस पीरियड’ (17 से 19 अप्रैल) में भाजपा ने 64 विज्ञापन (विश्लेषण के लिए रैन्डमली चुने गए 250 विज्ञापनों में से) और कांग्रेस ने 32 विज्ञापन पोस्ट किए।

मतदान से ठीक पहले किस तरह की होती है तैयारी होती है, इस बारे में विस्तार से जानने के लिए फोटो पर क्लिक करें:

Elections 2024
डॉ. रवि मित्तल छत्तीसगढ़ स्थित जशपुर जिला के कलेक्टर हैं, रजत बंसल कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट (छत्तीसगढ़) के कमिश्नर हैं। (PTI Photo)

अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में ‘साइलेंस पीरियड’ के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा गूगल और मेटा (फेसबुक) को दिए विज्ञापनों का विश्लेषण छपा है। विश्लेषण करने वालों में सीएसडीएस के प्रोफेसर संजय कुमार, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर अदिति सिंह, लोकनीति-सीएसडीएस के शोधकर्ता अभिषेक शर्मा, हाना वहाब, सुभायन आचार्य मजूमदार शामिल हैं।

किसने कितने का दिया विज्ञापन?

भाजपा ने 17 से 19 अप्रैल, 2024 के बीच गूगल पर 60,500 विज्ञापन और मेटा प्लेटफ़ॉर्म पर 6,808 विज्ञापन पोस्ट किए, जबकि कांग्रेस ने इसी अवधि में क्रमशः 1,882 और 114 विज्ञापन पोस्ट किए। भाजपा और कांग्रेस ने इन विज्ञापनों के लिए एक-एक करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए।

साइलेंस पीरियडभाजपाकांग्रेस
पोस्ट किए गए कुल विज्ञापनगूगल- 60,500
मेटा- 6,808
गूगल- 1,882
मेटा- 142
इन विज्ञापनों पर आया खर्च15,682,000 रुपये18,848,500 रुपये

सीएसडीएस-लोकनीति ने साइलेंस पीरिडय के दौरान भाजपा और कांग्रेस द्वारा दिए गए कुल विज्ञापनों में से विश्लेषण के लिए 250-250 विज्ञापनों को रैन्डमली चुना, जिसमें भाजपा के 26 प्रतिशत विज्ञापन चुनाव आयोग (EC) द्वारा निर्धारित आदर्श आचार संहिता (MCC) को धता बताने वाले मिले। इसका मतलब ये हुआ कि भाजपा के 26 प्रतिशत विज्ञापन (विश्लेषण के लिए चुने गए विज्ञापनों में से) उन राज्यों/निर्वाचन क्षेत्रों को लक्षित करते हुए पोस्ट किए गए थे, जहां पहले चरण का मतदान था।

भाजपा (विश्लेषण के लिए 250 विज्ञापनों को रैन्डमली चुना गया)कांग्रेस (विश्लेषण के लिए 250 विज्ञापनों को रैन्डमली चुना गया)
आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते विज्ञापन64 (26%)32
इन विज्ञापनों पर आया खर्चसभी विज्ञापन 10 हजार रुपये से तक के थे।78 प्रतिशत विज्ञापन 10 हजार रुपये तक के थे
16 प्रतिशत विज्ञापन 10 हजार रुपये से ज्यादा के थे

किन राज्यों पर किसका फोकस?

आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन करने वाले भाजपा के 64 विज्ञापनों में से 27 उत्तर प्रदेश के लिए थे। कांग्रेस का फोसर मणिपुर पर था। बता दें कि पहले चरण में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों (सहारनपुर, कैराना, मुजफ़्फ़रनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत) पर मतदान था। 19 अप्रैल को मणिपुर की भी दोनों सीटों (मणिपुर इनर, मणिपुर आउटर) पर वोटिंग हुई, हालांकि मणिपुर आउटर में 26 अप्रैल को भी मतदान होगा।

पार्टीराज्यविज्ञापन की संख्यानिर्वाचन क्षेत्र
भाजपा (64)उत्तर प्रदेश27 (42%)बिजनौर (7%), नगीना (15%), मुरादाबाद (78%)
राजस्थान9 (14%)जयपुर (89%), करौली-धौलपुर (11%)
बिहार17 (27%)जमुई (76%), गया (24%)
कांग्रेस (32)मणिपुर15 (47%)पूरे राज्य को लक्ष्य रखा गया था।
महाराष्ट्र7 (21%)पूरे राज्य को लक्ष्य रखा गया था।
जम्मू-कश्मीर6 (19%)पूरे राज्य को लक्ष्य रखा गया था।

भाजपा ने कहां के मतदाताओं के लिए किस तरह विज्ञापनों पोस्ट किया?

भाजपा ने अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में अलग-अलग तरह का विज्ञापन दिया है। बिहार के गया के मतदाताओं को भाजपा ने चंद्रयान-3 की सफलता का विज्ञापन दिखाया है।

पार्टीनिर्वाचन क्षेत्र (राज्य)विज्ञापन का थीम
भाजपा (64)मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)– किसान सम्मान निधि के फायदे
– भारत बनेगा सेमीकंडक्टर हब
– डिफेंस प्रोडक्शन
नगीना (उत्तर प्रदेश)– पीएम आवास योजना
– भारत बनेगा सेमीकंडक्टर हब
बिजनौर (उत्तर प्रदेश)– मुफ्त राशन
जयपुर (राजस्थान)– आंतकवाद का सफाया
करौली-धौलपुर (राजस्थान)– मुफ्त राशन
जमुई (बिहार)– पेपर लीक की समस्या से मुक्ति के लिए कानून
– पीएम आवास योजना
गया (बिहार)– भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारा
– किसान सम्मान निधि के फायदे

पहले चरण में 14 सीटों पर इंडिया बनाम इंडिया की रही लड़ाई

पहले चरण में 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर वोटिंग थी, कुल 16.63 करोड़ वोटर्स ने 1625 उम्मीदवारों के लिए वोट डाले। पहले चरण में 14 सीटें ऐसी भी थीं, जहां मुकाबला इंडिया गठबंधन की पार्टियों के बीच था। वहीं 45 ऐसी भी सीटें रहीं, जहां मुकाबला भाजपा बनाम कांग्रेस था। पहले चरण के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें:

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जयपुर: शुक्रवार, 19 अप्रैल, 2024 को जयपुर के बरवाड़ा गांव में लोकसभा चुनाव के लिए वोट डालने के बाद अपनी स्याही लगी उंगलियां दिखातीं महिला मतदाता। (PTI Photo)