लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को चुनौती देने के मकसद से बना इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) कई राज्यों में पूरी तरह बिखर गया है। ऐसे राज्यों में ताजा नाम जम्मू-कश्मीर का है, जहां पर इस गठबंधन में शामिल नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी, कश्मीर की तीन सीटों पर आमने-सामने चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की कुल 6 सीटें हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल, केरल और पंजाब में भी इंडिया गठबंधन एकजुट नहीं रह पाया और इसमें शामिल दल एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं।

जिन चार राज्यों में इंडिया गठबंधन टूटा है, वहां लोकसभा की कुल 81 सीटें हैं। इनमें से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 23 सीटों पर जीत मिली थी। इन राज्यों में अगर इंडिया गठबंधन में टूट नहीं होती तो ये दल मिलकर बीजेपी के लिए इन 81 सीटों पर चुनौती पैदा कर सकते थे।

इन राज्यों में टूटा INDIAकितनी लोकसभा सीटेंबीजेपी को मिली सीटें
पश्चिम बंगाल4218
केरल200
पंजाब132
जम्मू-कश्मीर63
कुल सीट8123

अब इन राज्यों को लेकर विस्तार से बात करते हैं।

टीएमसी ने नहीं दी कांग्रेस को सीट

पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं। 2019 के चुनाव में बीजेपी को यहां 18 सीटों पर जीत मिली थी। उस वक्त टीएमसी, कांग्रेस और वाम दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में कांग्रेस और वाम दल साथ हैं जबकि टीएमसी अलग चुनाव लड़ रही है। यहां राज्य की मुख्यमंत्री और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने कांग्रेस को एक भी सीट देने से इनकार कर दिया था।

टीएमसी ने कहा था कि वह यहां सभी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। टीएमसी का कहना था कि वह पश्चिम बंगाल के बाहर कांग्रेस का समर्थन कर सकती है लेकिन उसे बंगाल में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।

इसके अलावा कश्मीर में आने वाली तीन लोकसभा सीटों- बारामुला, श्रीनगर और अनंतनाग-राजौरी में सीट बंटवारे को लेकर नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के बीच लंबे समय तक बातचीत का दौर चला लेकिन अंतत: बात नहीं बनी और गठबंधन टूट गया।

महबूबा मुफ्ती अनंतनाग-राजौरी की सीट से चुनाव लड़ेंगी जबकि श्रीनगर से पार्टी के युवा नेता वहीद उर रहमान पर्रा सियासी ताल ठोकेंगे। राज्यसभा के पूर्व सांसद फैयाज अहमद मीर को बारामुला से टिकट दिया गया है।

पंजाब में आप-कांग्रेस में लड़ाई

13 लोकसभा सीटों वाले पंजाब में भी इंडिया गठबंधन जमीन पर नहीं उतर सका और आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बातचीत फेल हो गई। यहां पर 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 117 में से 92 सीटें जीतकर कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था। इसलिए ऐसा पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि यहां इंडिया गठबंधन की बात सिरे नहीं चढ़ेगी लेकिन फिर भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच कई दौर की बैठक हुई और अंत में दोनों ही दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया।

राहुल की वायनाड सीट पर भी उतारा प्रत्याशी

केरल में इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और वाम दलों की अगुवाई वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के बीच बात नहीं बनी और यहां पर दोनों गठबंधन आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं। यहां तक कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की वायनाड सीट पर भी वाम दलों ने अपना प्रत्याशी उतारा है। यहां से सीपीआई ने एनी राजा को उम्मीदवार बनाया है। इससे पता चलता है कि इस राज्य में भी इंडिया गठबंधन तार-तार हो चुका है। केरल में लोकसभा की 20 सीटें हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के ल‍िए उत्तर प्रदेश सबसे ज्‍यादा अहम क्‍यों है। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए फोटो पर क्लिक करें। 

लोकसभा चुनाव 2024: गाजियाबाद में रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। (PTI Photo/Atul Yadav)

उत्तर प्रदेश में लगा झटका

उत्तर प्रदेश में हालांकि कांग्रेस और सपा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन इंडिया गठबंधन में शामिल रही जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने इसका साथ छोड़ दिया और वह एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। इनमें से 63 सीटों पर सपा और 17 सीटों पर कांग्रेस चुनाव मैदान में है।

सीट बंटवारे पर उलझे रहे नेता

कांग्रेस के नेतृत्व में लगातार दो लोकसभा चुनाव में शिकस्त खा चुके यूपीए गठबंधन में वाम दलों, शिवसेना उद्धव गुट व कुछ अन्य दलों को भी शामिल किया गया और इंडिया गठबंधन की नींव रखी गयी। सितंबर, 2023 में दिल्ली में इस गठबंधन की पहली बैठक हुई थी। लेकिन इंडिया गठबंधन जल्द ही टूट का शिकार हो गया क्योंकि इस साल जनवरी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन को छोड़कर एनडीए में वापस लौट गए थे। तब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने आरोप लगाया था कि इसके लिए कांग्रेस ही पूरी तरह जिम्मेदार है क्योंकि उसने सीट बंटवारे के मसले पर तेजी नहीं दिखाई।

अगर इस सवाल का जवाब खोजा जाए कि आखिर इन राज्यों में इंडिया गठबंधन क्यों टूट गया, तो एक ही प्रमुख वजह निकलकर सामने आती है। वह है सीट बंटवारे के मुद्दे को नहीं सुलझा पाना। इंडिया गठबंधन में शामिल दल लंबे वक्त तक सीट बंटवारे के मसले को सुलझा ही नहीं सके। और इसी वजह से जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय लोक दल जैसे अहम घटक दलों ने इसका साथ छोड़ दिया।

इन राज्यों में बनी बात

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच में गोवा, गुजरात, दिल्ली और हरियाणा में सीटों का बंटवारा हो गया। दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी को चार सीट मिली जबकि कांग्रेस यहां तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को गुजरात में भरूच और भावनगर की सीट दी हैं और हरियाणा में कुरुक्षेत्र की सीट भी आम आदमी पार्टी को दी गई है। आम आदमी पार्टी ने इसके बदले में कांग्रेस के लिए चंडीगढ़ और गोवा की दोनों लोकसभा सीट छोड़ दी हैं।

इसके अलावा बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, झारखंड और मध्य प्रदेश में भी इंडिया गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ रहा है।