लोकसभा चुनाव 2024 के ल‍िए राजनीत‍िक दल तो मैदान में उतर ही गए हैं, चुनाव आयोग ने भी अपनी तैयारी लगभग पूरी कर ली है।

लोकसभा चुनाव 2024 का ऐलान कब तक संभव?

चुनाव आयोग अफसरों से अंत‍िम दौर का व‍िचार-व‍िमर्श कर रहा है। उम्‍मीद है क‍ि 15 से 20 मार्च के बीच चुनाव की तारीखों का ऐलान कर द‍िया जाएगा। इससे पहले 12-13 मार्च को चुनाव आयोग की टीम जम्‍मू-कश्‍मीर का दौरा करेगी। इससे पहले मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त केंद्रीय गृह सच‍िव और अन्‍य व‍िभागों से भी व‍िचार-व‍िमर्श करेंगे।

2019 में 17वीं लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम 10 मार्च को घोष‍ित क‍िया गया था। 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में मतदान और 23 मई को मतगणना हुई थी। मौजूदा लोकसभा चुनाव का कार्यकाल मध्‍य जून में खत्‍म हो रहा है। इसल‍िए चुनाव आयोग के पास इस बार प‍िछले चुनाव की तुलना में करीब 15 द‍िन ज्‍यादा वक्‍त है। पर, जून में भीषण गर्मी होती है। इस ल‍िहाज से इस बात की संभावना काफी कम है क‍ि चुनाव का कार्यक्रम अंत‍िम समय सीमा तक ख‍िंंचे।

कश्‍मीर में साथ होंगे लोकसभा और व‍िधानसभा के चुनाव?

कश्‍मीर में व‍िधानसभा चुनाव लोकसभा के साथ कराए जाएं या नहीं, इस पर फैसला होना है। वैसे, चुनाव आयोग वहां एक साथ चुनाव कराए जाने को सुव‍िधाजनक मानता है। लेक‍िन, यह सुरक्षा बलों की उपलब्‍धता आद‍ि पर न‍िर्भर करेगा। चुनाव के दौरान राज्‍य में हर उम्‍मीदवार को केंद्रीय सुरक्षा देनी होती है। धारा 370 हटाए जाने के बाद राज्‍य में यह पहला चुनाव होगा।

लोकसभा चुनाव 2024 में आयोग के ल‍िए सबसे बड़ी चुनौती क्‍या?

चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के भड़काऊ भाषणों पर लगाम लगाने की कोश‍िश के तहत आयोग नेताओं को पहले से नोट‍िस भेजने जा रहा है। यह नोट‍िस उन नेताओं को व‍िशेष रूप से भेजा जाएगा, ज‍िनका नाम चुनाव आयोग के र‍िकॉर्ड में भड़काऊ भाषण देने के ल‍िए पहले से दर्ज है। 

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त राजीव कुमार का मानना है क‍ि लोकसभा चुनाव 2024 में आयोग को सबसे ज्‍यादा चुनौती सोशल मीड‍िया और प्रचार के दौरान नेताओं के भड़काऊ भाषणों से आने वाली है। इससे न‍िपटने के ल‍िए आयोग ने तैयारी भी की है।

सोशल मीड‍िया के जर‍िए गलत खबरें फैलाए जाने या माहौल ब‍िगाड़ने की कोश‍िशें रोकने के ल‍िए हर ज‍िले में एक प्रत‍िन‍िध‍ि तैनात क‍िया गया है। कोश‍िश है क‍ि ऐसे सोशल मीड‍िया पोस्‍ट को तत्‍काल पहचान कर जरूरी प्रशासन‍िक कार्रवाई की जाए और जहां जरूरी लगे वहां पोस्‍ट हटवाने के ल‍िए भी कार्रवाई की जाए।

नेताओं के भड़काऊ भाषणों पर अंकुश लगाने के ल‍िए चुनाव आयोग की ओर से उन नेताओं को नोट‍िस भेजने की तैयारी है ज‍िनका पहले भड़काऊ भाषण देने का र‍िकॉर्ड रहा है। ऐसे नेताओं को उनका पुराना र‍िकॉर्ड याद करते हुए आगाह क‍िया जाएगा क‍ि आपके भाषणों पर चुनाव आयोग की व‍िशेष नजर रहेगी। मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त का मानना है क‍ि इस कदम से चुनाव प्रचार को साफ-सुथरा रखने में मदद म‍िलेगी।

तीन ‘एम’ चुनावों की सबसे बड़ी मुश्‍क‍िल 

जनसत्‍ता.कॉम से अनौपचार‍िक बातचीत में मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त राजीव कुमार ने बताया क‍ि चुनाव कराने में मुख्‍य रूप से तीन ‘एम’ (मसल पावर, मनी पावर और मीड‍िया, खास कर सोशल मीड‍िया) से न‍िपटना होता है। मसल पावर को मुख्‍य रूप से चुनावी ह‍िंसा और मनी पावर को चुनाव में नकदी बांटने आद‍ि से जोड़ कर देखा जाता है। आयोग का मानना है क‍ि इन दो मोर्चों पर उसने काफी हद तक फतह पा ल‍िया है। यह व‍िश्‍वास लोकसभा चुनाव से पहले कराए गए 11 व‍िधानसभा चुनावों के आधार पर जताया जा रहा है।

आयोग का कहना है क‍ि 11 राज्‍यों (गुजरात, ह‍िमाचल प्रदेश, त्र‍िपुरा, नागालैंड मेघालय, कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, म‍िजोरम, छत्‍तीसगढ़ और तेलंगाना) के चुनावों में ह‍िंसा की घटना में कमी, न के बराबर पुनर्मतदान की नौबत और भारी पैमाने पर नकदी की जब्‍ती हुई है। आयोग का कहना है क‍ि पहली बार त्र‍िपुरा व‍िधानसभा चुनाव पूरी तरह शांत‍िपूर्वक संपन्‍न हुआ। कहीं दोबारा मतदान (Repolling) की नौबत भी नहीं आई (2019 के लोकसभा चुनाव में 168 मतदान केंद्रों पर दोबारा वोट‍िंंग करानी पड़ी थी)। नागालैंड व‍िधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही हुआ। इसे आयोग ‘मसल्‍स पावर’ पर लगाम के रूप में देखता है। वैसे, लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव आयोग पश्‍च‍िम बंगाल और मण‍िपुर को इस ल‍िहाज से ज्‍यादा संवेदनशील मान रहा है।  

आयोग का कहना है क‍ि तीन लाख मतदान केंद्रों में से केवल छह में दोबारा मतदान कराने की जरूरत पड़ी। आयोग इसे अपनी पुख्‍ता तैयार‍ियों का सबूत मानता है। 

‘मनी पावर’ पर लगाम लगाने के बारे में चुनाव आयोग का कहना है क‍ि प‍िछले 11 व‍िधानसभा चुनावों के दौरान र‍िकॉर्ड 3400 करोड़ रुपए जब्‍त क‍िए गए हैं।