Hyderabad Lok Sabha Seat: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तेलंगाना के हैदराबाद से डॉक्टर माधवी लता कोम्पेला (Kompella Madhavi Latha) को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी सांसद हैं। उनकी पार्टी लगभग 40 वर्षों से यह सीट जीत रही है। इस बार ऐसा पहली बार होगा जब हैदराबाद से ओवैसी के खिलाफ कोई महिला प्रत्याशी मैदान में होंगी।

2014 और 2019 में भाजपा ने इस सीट से डॉ. भगवंत राव को मैदान में उतारा था। 2019 में राव दूसरे स्थान पर रहे थे। वह 282186 वोटों से ओवैसी से हार गए थे, उन्हें लगभग 26 प्रतिशत वोट मिला था, जबकि ओवैसी को 58.95 प्रतिशत वोट मिले। इस बार पार्टी ने 49 वर्षीय माधवी लता के रूप में ओवैसी के सामने एक हिंदुत्ववादी चेहरा उतारा है।

भाजपा की पहली सूची में नाम आने के बाद माधवी लता ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “मैं पिछले आठ सालों से देख रही हूं। वहां साफ-सफाई और शिक्षा नहीं है। मदरसों में बच्चों को खाना नहीं मिल रहा है। मंदिरों और हिंदू घरों पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। मुस्लिम बच्चे अशिक्षित हैं। बाल श्रमिक हैं। पुराना शहर हैदराबाद के बीच में है लेकिन वहां गरीबी है।”

क्या-क्या करती हैं माधवी लता?

विरिंची अस्पताल की चेयरपर्सन डॉ. माधवी लता कभी भी एक्टिव पॉलिटिशियन नहीं रही हैं। वह किसी राजनीतिक परिवार से भी नहीं आतीं। एक बिजनेस वुमन होने के अलावा, माधवी लता भरतनाट्यम नृत्यांगना भी हैं। एनसीसी कैडेट भी रही हैं। माधवी लता ने निज़ाम कॉलेज से स्नातक की डिग्री और कोटि महिला कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है।

माधवी की टिकट कंफर्म होने के बाद अब हैदराबाद लोकसभा सीट पर मुकाबला तीन तलाक के खिलाफ अभियान चलाने वाली एक महिला और तीन तलाक कानून के उन्मूलन को असंवैधानिक बताने वाले AIMIM  प्रमुख ओवैसी के बीच हो सकता है।

दरअसल, माधवी लता को तीन तलाक के खिलाफ अभियान चलाने के लिए जाना जाता है। वह कई मुस्लिम महिला ग्रुप के साथ जुड़ी हुई हैं। उन्हें अक्सर पुराने शहर के इलाकों में तीन तलाक के मुद्दे पर बात करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।

माधवी लता ने असहाय मुस्लिम महिलाओं के लिए एक छोटा सा फंड भी बनाया। वह एक गौशाला भी चलाती हैं और स्कूलों और कॉलेजों में हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति पर बातचीत के लिए नियमित रूप से जाती रहती हैं। वह पिछले दो दशकों से विश्वनाथ फाउंडेशन, लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट और लथामा फाउंडेशन की ट्रस्टी हैं।

हैदराबाद में क्या है भाजपा की स्थिति?

पिछले एक दशक में तेलंगाना में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा है। 2014 में भाजपा का वोट शेयर 7% था। 2023 के विधानसभा चुनावों में यह बढ़कर 15% हो गया।

हालांकि पिछले साल (2023) हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने पहली बार आठ सीटें जीतीं और हैदराबाद के आसपास की चारमीनार, कारवां, एलबी नगर, राजेंद्रनगर, अंबरपेट, कुथबुल्लापुर और सनथनगर सहित कई सीटों पर मुख्य विपक्ष के रूप में उभरी।