फर्जी मतदान (बोगस वोट‍िंग) की समस्‍या को रोकने में वोटर आईडी कार्ड का रोल अहम रहा है। यह मुख्य चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन के द‍िमाग की उपज थी। 28 अगस्त, 1993 को सेशन ने आदेश जारी किया क‍ि वोटर आईडी कार्ड को किसी भी तरह के चुनाव के लिए अनिवार्य किया जाए। इसके लिए उन्होंने 1 जनवरी 1995 की समय सीमा तय की। लेकिन राज्यों ने शुरू में इस पर कोई उत्साह नहीं दिखाया।

पश्चिम बंगाल सरकार ने तो घोषणा कर दी थी कि वह चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ कोर्ट जाएगी। लेकिन टीएन सेशन भी अड़ गए थे। उन्होंने कहा कि जब तक वोटर आईडी कार्ड जारी नहीं होगा तब तक पश्चिम बंगाल में कोई चुनाव नहीं कराया जाएगा। 28 दिसंबर, 93 को उन्होंने पश्चिम बंगाल में चुनाव से संबंधित सारी गतिविधियों पर रोक लगा दी। राज्यसभा के चार सदस्यों का भी चुनाव होना था, जो रुक गया।

राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में आयोग के आदेश को चुनौती दी। हालांकि कोर्ट में सरकार ने इस बात को माना कि वह सिद्धांत रूप से वोटर आईडी कार्ड स्कीम को लेकर सहमत है। इसके बाद सेशन ने राज्य में चुनाव से जुड़ी गतिविधियों पर लगी रोक हटा ली।

शेषन की आत्मकथा ‘थ्रू द ब्रोकन ग्लास’ में इस प्रकरण का विस्तार से ज‍िक्र है। उन्‍होंने एक अध्‍याय में वोटर आईडी कार्ड लागू कराने में क्‍या-क्‍या परेशान‍ियां आईं और क‍िस तरह रास्‍ता न‍िकला, सब व‍िस्‍तार से बताया है।

फोटो वाला वोटर आईडी कार्ड लाने का पहला प्रयास हो गया था असफल

वर्तमान में इस्तेमाल हो रहे वोटर आईडी कोर्ड इलेक्ट्रॉनिक इलेक्टोरल फोटो पहचान पत्र (ई-ईपीआईसी) होते हैं, जिनकी शुरुआत साल 2021 में हुई थी। इस मतदान पत्र को एडिट नहीं किया जा सकता है। सिक्योरिटी फीचर के रूप में क्यूआर कोड, फोटो, सीरियल नंबर आदि होता है। ई-ईपीआईसी को मोबाइल या कंप्यूटर पर डाउनलोड किया जा सकता है और डिजिटल रूप से संग्रहीत किया जा सकता है। यह ऑनलाइन भी मान्य होता है। हालांकि, एक समय ऐसा भी था, जब भारत अपने मतदाताओं को फोटो वाला वोटर आईडी कार्ड देने में भी असमर्थ था।

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त केवीएम सुंदरम ने 1962 के आम चुनाव रिपोर्ट को लेकर एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे कोलकाता में फोटो वाले वोटर आईडी कार्ड का पायलट प्रजोक्ट फेल हो गया था। तब यह माना गया था कि कोलकाता या देश में किसी और जगह इस प्रणाली को संतोषजनक ढंग से लागू करना व्यावहारिक नहीं होगा।

इस परियोजना को बंद करने का एक और कारण यह था अकेले कोलकाता में फोटो युक्त वोटर आईडी कार्ट जारी करने का खर्च 25 लाख रुपये (अनुमानित आंकड़ा) आता, जो कि चुनाव कराने के राष्ट्रीय खर्च में एक बड़ा इजाफा होता।

इस परियोजना के दौरान कोलकाता दक्षिण-पश्चिम में कुल 3,42,000 मतदाताओं में से केवल 2,13,600 का ही ढंग से तस्वीर खींची जा सकी और केवल 2,10,000 को फोटो वाले पहचान पत्र जारी किए जा सके।

सुंदरम के मुताबिक, “इस प्रकार, आठ में से तीन मतदाताओं को पहचान पत्र नहीं दिए जा सके। इसका मुख्य कारण यह था कि महिला मतदाताओं के एक बड़े हिस्से ने पुरुष या महिला फोटोग्राफरों से फोटो खिंचवाने से इनकार कर दिया। कुछ मतदाता तो सुबह से रात तक अपने घर पर नहीं मिले।”

अब तो बिना वोटर आईडी कार्ड भी कर सकते हैं वोट

भारत के नागरिक वोटर आईडी कार्ड (मतदान पहचान पत्र) न हो पर भी वोट कर सकता है। चुनाव आयोग ने पुष्टि की है कि आप अपने पहचान पत्र के बिना भी अपने मतदान अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको मतदान पर्ची का प्रिंटआउट लेना होगा और निम्नलिखित दस्तावेजों में से कोई एक साथ रखना होगा। जानिए इलेक्शन स्लिप के साथ कौन-कौन से दस्तावेज मान्य हैं-

आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, मनरेगा कार्ड, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के आईडी कार्ड, फोटो वाले पेंशन कार्ड, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड और बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक

हालांकि, मतदाताओं को यह सत्यापित करना होगा कि उनका नाम चुनाव आयोग की आधिकारिक मतदाता सूची में शामिल है। ऐसे में अब दो सवाल उठते हैं। पहला यह कि मतदान पर्ची कहां से मिलेगी? दूसरा इस बात की पुष्टि कैसे होगी कि चुनाव आयोग की आधिकारिक मतदाता सूची में आपका नाम है या नहीं?

मतदान सूचना पर्ची कैसे डाउनलोड करें?

मतदाता पर्ची को मतदान की तारीख करीब आने पर चुनाव आयोग के आधिकारिक मोबाइल ऐप के साथ-साथ आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करके तुरंत डाउनलोड किया जा सकता है।

मोबाइल ऐप का उपयोग करके मतदाता सूचना पर्ची डाउनलोड करें

Play Store या Apple App Store खोलें और वोटर हेल्पलाइन ऐप E-EPIC डाउनलोड करें

अपने पंजीकृत फ़ोन नंबर, पासवर्ड और ओटीपी का उपयोग करके लॉगिन करें (यदि आपने पहले से पंजीकरण नहीं किया है तो पंजीकरण करें)
इसके बाद अपना ईपीआईसी नंबर दर्ज करें (यह मतदाता पहचान पत्र पर होता है)

इतनी जानकारी दे ही मतदाता पर्ची का विवरण दिखाई देगा, उस पर टैप करें और वीआईसी दस्तावेज़ खोलने के लिए फिर से ओटीपी डालें।

How to Download Voter ID Slip: वेबसाइट से मतदाता सूचना पर्ची कैसे डाउनलोड करें?

इस वेबसाइट पर जाएं- https://voters.eci.gov.in/

फोन नंबर, पासवर्ड और ओटीपी का उपयोग करके लॉगिन करें (यदि आप वेबसाइट पर नए हैं तो पंजीकरण करें)।

‘डाउनलोड ई-ईपीआईसी’ विकल्प पर क्लिक करें

ईपीआईसी नंबर दर्ज करें (ये नंबर आपके मतदाता पहचान पत्र पर मिलेगा)

फिर वीआईएस के साथ-साथ ई-ईपीआईसी डाउनलोड करें

How to Find Your Name in Voter List: कैसे पता करें कि आपका नाम मतदाता सूची में है या नहीं?

  1. https://voters.eci.gov.in/ पर जाएं और “search in electoral roll” पर क्लिक करें।
  2. अपना राज्य और भाषा चुनें
  3. अपना विवरण और कैप्चा कोड डालें।
  4. यह देखने के लिए कि आपका नाम मतदाता सूची में है या नहीं, “search” पर क्लिक करें।
  5. यदि आपका नाम नहीं दिखता, तो ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से मतदाता सूची में अपना पंजीकरण कराएं:

ऑनलाइन तरीका:

  1. ECI की वेबसाइट पर “फॉर्म 6” भरें।
  2. व्यक्तिगत विवरण प्रदान करें और सहायक दस्तावेज़ अपलोड करें।
  3. फॉर्म जमा करें और संदर्भ संख्या का उपयोग करके आवेदन की स्थिति को ट्रैक करें।

ऑफलाइन तरीका:

  1. निर्वाचक पंजीकरण कार्यालयों या बूथ स्तर के अधिकारियों से फॉर्म 6 प्राप्त करें।
  2. संबंधित दस्तावेजों के साथ फॉर्म भरें और संबंधित निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी या बूथ लेवल अधिकारी के पास जमा करें।

आवश्यक दस्तावेजों में एक पासपोर्ट आकार की तस्वीर, पहचान प्रमाण (जैसे, आधार कार्ड, पैन कार्ड), पते का प्रमाण (जैसे, यूटिलिटी बिल, राशन कार्ड), और जन्म तिथि का प्रमाण (जैसे, जन्म प्रमाण पत्र) शामिल हैं।