लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान जारी है। सीटों के हिसाब से यह सबसे बड़ा फेज है। 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। साथ ही अरुणाचल और सिक्किम की 92 विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी मतदान किया जा रहा है। पहले चरण के कुल 1625 उम्मीदवारों का फैसला 16.63 करोड़ वोटर्स करने वाले हैं।
राज्य | सीटों की संख्या | सीटों के नाम |
तमिलनाडु | 39 | तिरुवल्लूर, चेन्नई उत्तर, चेन्नई दक्षिण, चेन्नई मध्य, श्रीपेरंबदूर, कांचीपुरम, अरक्कोणम, वेल्लूर, कृष्णगिरी, धरमापुरी, तिरुवन्नामलाई, अरणी, विलुपुरम, कालकुरुची, सालेम, नमक्कल, इरोड, तिरुपुर, नीलगिरी, कोयंबटूर, पोल्लाची, डिंडीगुल, करूर, तिरुचिरापल्ली, पेरंबलूर, कुड्डलोर, चिदंबरम, माइलादुतुरै, नागपट्टनम, तंजावुर, शिवगंगा, मदुरै, तेनी, विरुधुनगर, रामनाथपुरम, थुट्टूकुड़ी, टेनकासी, तिरुनेलवेल्ली और कन्याकुमारी |
राजस्थान | 12 | गंगानगर, बीकानेर, चुरू, झुंझणू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा, नागौर. त्रिपुरा की एक सीट- त्रिपुरा पश्चिम |
उत्तर प्रदेश | 8 | सहारनपुर, कैराना, मुजफ़्फ़रनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत |
मध्य प्रदेश | 6 | सीधी, शहडोल, जबलपुर, मांडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा. असम की पांच सीटें- काजीरंगा, शोणितपुर, लखीमपुर, डिब्रूगढ़, जोरहाट |
महाराष्ट्र | 5 | रामटेक, नागपुर, भंडारा-गोंडिया, गढ़चिरौली-चिमूर, चंद्रपुर |
असम | 5 | काजीरंगा, शोणितपुर, लखीमपुर, डिब्रूगढ़, जोरहाट |
उत्तराखंड | 5 | टिहरी गढ़वाल, गढ़वाल, अलमोड़ा, नैनीताल-उधमसिंहनगर और हरिद्वार |
बिहार | 4 | औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई |
पश्चिम बंगाल | 3 | कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी |
मेघालय | 2 | शिलॉन्ग, तुरा |
मणिपुर | 2 | मणिपुर इनर, मणिपुर आउटर (यहां 26 अप्रैल को भी मतदान होगा) |
अरुणाचल प्रदेश | 2 | अरुणाचल ईस्ट, अरुणाचल वेस्ट |
नगालैंड | 1 | नगालैंड |
अंडमान-निकोबार | 1 | अंडमान-निकोबार |
पुडुचेरी | 1 | पुडुचेरी |
मिजोरम | 1 | मिजोरम |
छत्तीसगढ़ | 1 | बस्तर |
जम्मू-कश्मीर | 1 | उधमपुर |
लक्षद्वीप | 1 | लक्षद्वीप |
सिक्किम | 1 | सिक्किम |
त्रिपुरा | 1 | त्रिपुरा वेस्ट |
पिछले चुनाव में इन सीटों कौन पड़ा था भारी?
इस बार पहले चरण में जिन 102 सीटों पर मतदान जारी है, उन सीटों पर पिछली बार सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। एनडीए इन 102 में से 49 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी, वहीं 45 सीटें विपक्षी दलों के पाले में गई थीं। हालांकि जहां-जहां भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से था, वहां ग्रैंड ओल्ड पार्टी फीकी पड़ गई थी।
आंकड़े बताते हैं कि भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला 36 सीटों पर हुआ था, जिनमें से 30 भाजपा जीत गई थी और मात्र 6 कांग्रेस के खाते में गई थी। इस बार 45 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं।
वैसे आमने-सामने के मुकाबले में कांग्रेस की खराब स्थिति एक चरण तक सीमित नहीं है। पिछले दो आम लोकसभा चुनावों में कांग्रेस आमने-सामने की फाइट में भाजपा से ज्यादातर सीटों पर हार गई है। देखें पिछले तीन चुनावों का डेटा:

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INDIA Vs INDIA
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी दलों ने INDIA ब्लॉक के बैनर तले एकजुट होने की कोशिश की थी। हालांकि, कोशिश बहुत सफल नहीं रही। सीट शेयर को लेकर बात नहीं बनी। यही वजह रही पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल और जम्मू-कश्मीर जैसे कई राज्यों में गठबंधन नहीं हो सका। अब स्थिति यह है कि पहले ही चरण में कई सीटों पर इंडिया ब्लॉक में शामिल कई विपक्षी दल एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
पहले चरण में 14 सीटों पर इंडिया ब्लॉक के सहयोगी एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। पहले चरण में पश्चिम बंगाल की तीन सीटों पर चुनाव है और तीनों ही सीटों पर विपक्षी दल आपस में भिड़ रहे हैं।

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पश्चिम बंगाल के अलावा असम में टीएमसी और आप उम्मीदवार आमने सामने हैं। लक्षपद्वीप में कांग्रेस का मुकाबला एनसीपी से है।
10 राज्य, 244 सीट, 220 जीत गई बीजेपी
पिछले चुनाव में 10 राज्यों की 244 सीटों में से 220 पर भाजपा को जीत मिली थी। इन राज्यों कुल लोकसभा सीटों में से भाजपा 80 से 100 प्रतिशत तक जीतने में कामयाब रही थी। डेटा देखें:

इसके अलावा पिछले चुनाव में 224 सीटें ऐसी भी थीं, जिस पर भाजपा को 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। इस बार भाजपा ने नेतृत्व वाले एनडीए के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘400 पार’ का नारा दिया है यानी सत्ताधारी गठबंधन ने लोकसभा की कुल 543 सीटों में 400 से ज्यादा जीतने का टारगेट रखा है। 400 पार के टारगेट को किस सूरत पूरा किया जा सकता है, जानने के लिए फोटो पर क्लिक करें:

कहां से आएगा 370?
लोकसभा चुनाव 2024 में नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए 370 सीटों का लक्ष्य रखा है। यदि हम मान लें कि भाजपा पिछली बार जीती हुई 303 सीटों पर इस बार किसी भी चुनौती का सामना नहीं करेगी, तो फिर भी 370 का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त 67 सीटों की आवश्यकता होगी। विस्तार से पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें:
