तीन दिन बाद यह साफ हो जाएगा कि बीजेपी या एनडीए गठबंधन 400 सीटों के आंकड़े के कितने नजदीक तक पहुंचेगा। भारत के चुनाव इतिहास में सिर्फ एक बार एक राजनीतिक दल को 400 से ज्यादा सीटें मिली हैं। 1984 के लोकसभा चुनाव में ऐसा हुआ था।

तब 541 में से कांग्रेस ने 414 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यह चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था। 

आजादी के बाद के शुरुआती सालों में भी जब कांग्रेस बहुत ताकतवर थी, तब भी 1951-52 से लेकर 1977 तक कांग्रेस को कभी भी इतनी बड़ी जीत नहीं मिली थी। 1957 में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 371 सीटें जीती थी जबकि 1951-52, 1962 और 1971 में भी कांग्रेस 300 से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रही थी। 

Exit Poll Results Lok Sabha Chunav 2024: क‍िस एग्‍ज‍िट पोल ने क‍िसे दीं क‍ितनी सीटें

चैनल/एजेंसीएनडीएइंड‍ियाअन्‍य
इंडिया टुडे-एक्सिस-माई इंडिया361-401131-1668-20
एबीपी न्यूज-सी वोटर353-383152-1824-12
इंडिया टीवी-सीएनएक्स371-401109-13928-38
र‍िपब्‍ल‍िक भारत-मैट्रीज353-368118-13343-48
न्यूज 24-टुडेज चाणक्या 40010736
जन की बात362-392141-16110-20
न्‍यूज नेशन342-378153-16921-23
र‍िपब्‍ल‍िक टीवी-पी मार्क35915430
इं‍ड‍िया न्‍यूज-डी डायनाम‍िक्‍स37112547
दैनिक भास्कर (अपने पत्रकारों का अनुमान) 281-350145-20133-49
टाइम्स नाऊ-ईटीजी35815233
टीवी9 भारतवर्ष-पोलस्ट्रैट34216635
इंडिया डेली लाइव360-40696-11630-60

Indira Gandhi Assassination: इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव बने थे पीएम

देश में आपातकाल लगने के बाद 1977 में हुए चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 154 सीटें ही जीत पाई थी लेकिन 1980 में उसने जबरदस्त वापसी की थी और 353 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। 

अपनी मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी को अंतरिम प्रधानमंत्री चुना गया था। 1984 के चुनाव में हालांकि कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला था लेकिन तब उसे काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा। उस दौरान कांग्रेस को शाहबानो के फैसले से लेकर, राम मंदिर का ताला खोलने और बोफोर्स घोटाले जैसी बड़ी मुश्किलों से जूझना पड़ा। इसके बाद 1989 में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई और उसे सिर्फ 177 सीटें मिली तब जनता दल के नेतृत्व में कई दलों ने मिलकर सरकार बनाई थी। 

BJP Exit Poll
क्या सही साबित होंगे एग्जिट पोल?

1989 के बाद से अब तक कांग्रेस सिर्फ तीन बार केंद्र में सरकार बना सकी है और कभी भी उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। ये साल 1991, 2004 और 2009 थे। 1991 में उसे 244, 2004 में 145 और 2009 में 206 सीटें मिली थी। 

1984 Lok Sabha Chunav: 1984 में सबसे ज्यादा रहा वोट शेयर

1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने न सिर्फ सबसे ज्यादा सीटें जीती बल्कि सबसे सबसे ज्यादा वोट शेयर भी हासिल किया था। तब उसे 48.12% वोट मिले थे। इससे पहले कांग्रेस को 1957 में 47.78% वोट हासिल हुए थे। 

1984 के बाद से अब तक कोई भी राजनीतिक दल 40% से ज्यादा वोट हासिल नहीं कर पाया है। 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इसके करीब पहुंची थी और उसे 39.53% वोट मिले थे। इसके बाद 2019 में बीजेपी को 37.7% वोट मिले थे। 

1984 के लोकसभा चुनाव दो चरणों में हुए थे। देश के अधिकतर हिस्सों में तब दिसंबर में वोट डाले गए थे और पंजाब और असम में सितंबर 1985 में वोटिंग हुई थी। राजीव गांधी की सरकार ने इन दोनों राज्यों में चल रहे आंदोलनों को खत्म करने को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, इसके बाद ही इन राज्यों में वोटिंग हो सकी थी। 

Yogi Adityanath Akhilesh Yadav
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव।

1984 BJP 2 seats: बीजेपी को मिली थीं सिर्फ 2 सीटें 

1984 में विपक्ष पूरी तरह साफ हो गया था। कांग्रेस के बाद सीपीएम सबसे बड़ा राष्ट्रीय दल था, उसे सिर्फ 22 सीटों पर जीत मिली थी और 5.71% वोट मिले थे। तब बीजेपी वोट प्रतिशत के मामले में दूसरे नंबर पर रही थी और उसे 7.4% वोट मिले थे लेकिन वह सिर्फ दो सीटें जीत पाई थी। कांग्रेस के अलावा तमाम बाकी राष्ट्रीय पार्टियां मिलकर सिर्फ 48 सीटें ही जीत सकी थी जबकि राज्य स्तरीय पार्टियों और निर्दलीयों को 79 सीटें मिली थी। सिर्फ ओडिशा को छोड़ दिया जाए तो 1984 में कांग्रेस का प्रदर्शन बीजेपी के द्वारा 2019 में किए गए प्रदर्शन से मेल खाता है। 

1984 Chunav Congress: इन राज्यों में कांग्रेस ने किया था शानदार प्रदर्शन

राज्य का नाम कुल सीटेंकितनी सीटें मिली
मध्य प्रदेश (अविभाजित)4040
राजस्थान 2525
हरियाणा 1010
दिल्ली 77
हिमाचल प्रदेश 44
उत्तर प्रदेश (अविभाजित)8583
बिहार (अविभाजित)5448
महाराष्ट्र 4843
गुजरात 2624
कर्नाटक 2824
ओडिशा2120

1984 में जबरदस्त जीत के बावजूद भी कांग्रेस को आंध्र प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब में काफी संघर्ष करना पड़ा था। तब टीडीपी ने आंध्र प्रदेश में 30 सीटें जीती थी। असम और पंजाब में वहां के क्षेत्रीय दल कांग्रेस पर हावी थे। बंगाल में वाम मोर्चा 26 सीटें जीता था। अगर 2019 से इसकी तुलना करें तो बीजेपी को भी आंध्र प्रदेश में और पंजाब में जीत के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था हालांकि असम और बंगाल में उसने अच्छी सफलता हासिल की थी। तब कांग्रेस ने जिन राज्यों में बेहतर प्रदर्शन किया था, भाजपा वहां अभी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है।

1984 Chunav Congress: इन राज्यों में कांग्रेस को करना पड़ा था संघर्ष

राज्य का नाम कुल सीटेंकितनी सीटें मिली
आंध्र प्रदेश(अविभाजित)426
असम 144
पश्चिम बंगाल4216
पंजाब 136

1984 में कांग्रेस ने 414 सीटें जीती थी, इसमें से उसने दो-तिहाई यानी 293 सीटों को 50% से ज्यादा वोट शेयर के साथ जीता था। 101 सीटों पर कांग्रेस को 40 से 50% के बीच वोट मिले थे और 20 सीटों पर उसने 20 से 40% वोट हासिल किए थे। 

Exit Poll 2024 | Yogendra Yadav on Lok Sabha Chunav Result 2024 | Exit Poll Lok Sabha Election 2024
योगेंद्र यादव बताते हैं क‍ि चुनाव की घोषणा के बाद लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर ज‍ितना डर या संदेह उनके मन में था, उतना 40 साल में कभी नहीं हुआ, लेक‍िन जब क्षेत्र में घूमे तो उन्‍हें लगा क‍ि चुनाव पलट गया है। टेबल में आप देख सकते हैं व‍िभ‍िन्‍न एग्‍ज‍िट पोल के नतीजे।

Rajiv Gandhi Amethi: अमेठी में कांग्रेस को मिले थे 83.67% वोट 

1984 के लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में कांग्रेस ने 83.67% वोट हासिल किए थे और वह अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार से 3.15 लाख वोटों से आगे रही थी और ऐसा तब हुआ था, जब इस सीट पर वोट प्रतिशत बहुत ज्यादा नहीं रहा था। अमेठी में तब 58.5% मतदान हुआ था और देश भर में 63.56% वोट पड़े थे।