उत्तर प्रदेश में भले ही भूमिहार समाज की आबादी 3 प्रतिशत के आसपास हो लेकिन पश्चिम से लेकर पूर्वांचल तक की सियासत में इस समाज के नेताओं की धमक है। विशेषकर पूर्वांचल में कुछ सीटों पर इस समाज के नेता कई बार चुनाव जीत चुके हैं।
जिस तरह पूर्वांचल में भूमिहार बिरादरी ताकतवर है, वैसा ही कुछ असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में त्यागी समुदाय का दिखाई देता है। यहां त्यागी समाज को भूमिहार समाज माना जाता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, बिजनौर, सहारनपुर में भूमिहार मतदाताओं को कोई भी राजनीतिक दल नजरअंदाज नहीं कर सकता।
Bhumihar Purvanchal Politics: कुछ सीटों पर हैं निर्णायक
पूर्वांचल की राजनीति तो भूमिहार नेताओं और मतदाताओं के जिक्र के बिना अधूरी मानी जाती है। पूर्वांचल में आने वाले- गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़, बलिया, घोसी, गाजीपुर, चंदौली, कुशीनगर, देवरिया, सलेमपुर मिर्जापुर, अंबेडकर नगर और जौनपुर की सीटों पर भूमिहार मतदाता असर रखते हैं। लेकिन इनमें से भी चार सीटों- घोसी, बलिया, गाजीपुर और वाराणसी में भूमिहार नेताओं का दबदबा है।
पूर्वांचल के अगर भूमिहार मतदाताओं की अधिकता वाले जिलों की बात की जाए तो इनमें बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, वाराणसी, जौनपुर, देवरिया, मीरजापुर, चंदौली, भदोही, महाराजगंज, गोरखपुर संत कबीर नगर प्रमुख हैं।

Ghosi Lok Sabha Seat: घोसी सीट पर 12 बार जीते भूमिहार
पूर्वांचल की घोसी ऐसी सीट है, जहां पर भूमिहार नेताओं को अब तक 12 बार जीत मिल चुकी है। इस बिरादरी से आने वाले कल्पनाथ राय चार बार घोसी से लोकसभा का चुनाव जीते थे। कल्पनाथ राय इंदिरा गांधी व नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री भी रहे थे। 2019 में बसपा के टिकट पर जीते अतुल राय भी इसी बिरादरी के थे। घोसी के बाद गाजीपुर से भी चार बार भूमिहार जाति के नेता चुनाव जीते। गाज़ीपुर सीट से एक बार गौरी शंकर राय और तीन बार मनोज सिन्हा सांसद रहे। मनोज सिन्हा वर्तमान में जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल हैं।
सपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे कुंवर रेवती रमण सिंह भी भूमिहार समाज के बड़े नेता थे। उन्होंने बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी को प्रयागराज सीट से चुनाव हराया था।
Ballia Lok Sabha Seat: बलिया में हैं डेढ़ लाख मतदाता
बलिया लोकसभा क्षेत्र में भूमिहार मतदाताओं की संख्या डेढ़ लाख और आजमगढ़ में लगभग 1 लाख है। वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में भूमिहार मतदाताओं की संख्या डेढ़ लाख के आसपास बताई जाती है। बलिया में डेढ़ लाख मतदाता होने के बाद भी भूमिहार समाज का कोई भी नेता यहां से चुनाव नहीं जीता। इसी तरह आजमगढ़, भदोही, मिर्जापुर से भी इस समाज का कोई नेता लोकसभा नहीं पहुंच पाया।

Congress Ajay Rai: कांग्रेस ने अजय राय को बनाया प्रदेश अध्यक्ष
पूर्वांचल में भूमिहार मतदाताओं के वर्चस्व को देखते हुए कांग्रेस ने इस बिरादरी से आने वाले अजय राय को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी है। अजय राय एक बार फिर लोकसभा चुनाव में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह भूमिहार बिरादरी से ही आते थे। श्रीकृष्ण सिंह और उत्तर प्रदेश के बड़े भूमिहार नेता महावीर त्यागी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रणनीतिकारों में शामिल थे।
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार और झारखंड में भी भूमिहार जाति के नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष जैसा बड़ा पद दिया है। उत्तर प्रदेश में अजय राय के अलावा बिहार में अखिलेश प्रसाद सिंह और झारखंड में राजेश ठाकुर भूमिहार जाति से आते हैं।
बीजेपी ने बनाया दो भूमिहार नेताओं को मंत्री
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में भूमिहार समुदाय से दो कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। इनमें सूर्य प्रताप शाही और अरविंद कुमार शर्मा शामिल हैं। बीजेपी ने अश्विनी त्यागी को पश्चिम उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाया तो उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाकर त्यागी समाज को बीजेपी से जोड़ने की कोशिश की। पश्चिम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पद से हटने के बाद त्यागी को प्रदेश बीजेपी का महामंत्री भी बनाया गया।

Lok Sabha Chunav 2024: किस दल ने कहां से दिया टिकट
प्रयागराज सीट से सपा ने भूमिहार बिरादरी से आने वाले उज्जवल रमण व घोसी सीट से राजीव राय को टिकट दिया है। बीजेपी ने गाजीपुर में पारसनाथ राय को चुनाव मैदान में उतारा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में त्यागी समाज की अच्छी संख्या को देखते हुए बसपा ने मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से देवव्रत त्यागी को उम्मीदवार बनाया है।
Tyagi Samaj West UP: श्रीकांत त्यागी बोले- बीजेपी को हराएंगे
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पूर्व नेता श्रीकांत त्यागी ने राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल बनाया है। श्रीकांत त्यागी के मुताबिक, बागपत लोकसभा क्षेत्र में त्यागी समुदाय के मतदाताओं की संख्या 1 लाख, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब गाजियाबाद में 1.30 लाख, मेरठ में 1.60 लाख, मुजफ्फरनगर में 1.40 लाख वोट हैं। इसके अलावा सहारनपुर में इस समुदाय के 1.30 लाख और बिजनौर में 1.68 लाख वोट हैं। राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल का कहना है कि वे लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए काम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों ने भूमिहारों को लुभाने की कोशिश की है। बीजेपी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर इस समाज के नेताओं का विरोध झेलना पड़ा है। ऐसे में देखना होगा कि लोकसभा चुनाव 2024 में पश्चिम से लेकर पूर्वांचल तक भूमिहार समाज के मतदाता बीजेपी, कांग्रेस, सपा और बसपा में से किसका साथ देंगे?
